- आपकी मुश्किल बढ़ा सकता है दरिद्र योग
- धन, कारोबार में आएंगी दिक्कतें
- जानें, दरिद्र योग से बचने के उपाय
Daridra Yog: व्यक्ति की कुंडली में कई ऐसे शुभ योग होते हैं जो जीवन में अपार सफलता, धन और यश दिलाते हैं। जबकि कुछ योग ऐसे भी होते हैं जो इंसान की बदहाली, असफलता और कमजोर भाग्य का कारण बनते हैं। ज्योतिष शास्त्र में इन्हें ही दरिद्र योग कहा जाता है। अगर किसी इंसान की कुंडली में दरिद्र योग बन जाए तो जीवनभर उसे बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। ऐसे लोगों के बने बनाए काम बिगड़ जाते हैं। हालांकि ज्योतिष शास्त्र में ऐसे कुछ उपाय बताए गए हैं जिनके प्रयोग से दरिद्र योग को निष्क्रिय किया जा सकता है।
कब और कैसे बनता है दरिद्र योग?
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब शुभ ग्रह किसी अशुभ ग्रह के संपर्क में आ जाते हैं तो दरिद्र योग का निर्माण होता है। जब देव गुरु बृहस्पति 6 से 12वें भाग में बैठा हो तो दरिद्र योग का निर्माण होता है। जब शुभ योग केंद्र में हो और धन भाव में पाप ग्रह बैठा हो तब भी लोग दरिद्र योग का शिकार होते हैं। इसके अलावा, चंद्रमा से चौथे स्थान पर पाप ग्रह के होने से भी दरिद्र योग बनता है।
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दरिद्र योग से बचने के क्या हैं उपाय?
ज्योतिषविदों का कहना है कि कुछ विशेष उपाय कर आप दरिद्र योग के दुष्प्रभाव से बच सकते हैं। इसके लिए घर के मुख्य द्वार पर स्वस्तिक लगाएं। माता-पिता और जीवनसाथी का सम्मान करें। तीन धातु का छल्ला मध्यमा अंगली में पहनें या तीन धातु का कड़ा हाथ में धारण करें। दरिद्र योग के लिए गजेंद्र मोक्ष का पाठ करें। धन की दरिद्रता होने पर कनक धारा स्तोत्र का पाठ करें। हर तरह के दरिद्र योग के नाश के लिए गीता के ग्यारहवें अध्याय का पाठ करना भी उत्तम माना जाता है।
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दरिद्र योग में शनि बढ़ाए मुश्किल तो क्या करें?
यदि आपकी परेशानी की वजह शनि से संबंधित दरिद्र योग है तो हर शनिवार को उपवास करें। पीपल के समक्ष सरसों के तेल का दीपक जलाएं। वृक्ष की परिक्रमा करें। 108 बार शनि के महामंत्र का जाप करें। साथ ही किसी गरीब और जरूरतमंद को खाने या इस्तेमाल करने की वस्तुएं दान करें।
(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)