Ganesh Chaturthi: जम्मू और कश्मीर में धारा 370 हटने के बाद तस्वीर बदलने लगी है। शेष भारत की तरह अब यहां भी सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और सामाजिक तस्वीर बदलती नजर आ रही है। बीते 15 अगस्त को आजादी के अमृत महोत्सव के उपलब्ध में जम्मू कश्मीर के लोगों ने धूमधाम से हर घर तिरंगा अभियान में सहभागिता की और अब कश्मीर के निवासी मुंबई की तरह भव्य गणेशोत्सव के साक्षी बनने वाले हैं। कश्मीर को बप्पा के रंग में रंगने की जिम्मा उठाया है पुणे महाराष्ट्र के सात गणपति मंडलों ने। अगले वर्ष सात गणपति मंडल मिलकर जम्मू कश्मीर में गणेशोत्सव मनाएंगे।
इन सात गणपति मंडलों में श्रीमंत भाऊसाहेब रंगारी ट्रस्ट, कसबा गणपति, तांबडी जोगेश्वरी, तुलसीबाग मंडल, गुरुजी तालीम मंडल, केसरीवाड़ा गणपति मंडल, अखिल मंडई मंडल शामिल हैं। श्रीमंत भाऊसाहेब रंगारी ट्रस्ट के उत्सव प्रमुख पुनीत बालन ने घोषणा करते हुए बताया कि अगले वर्ष पुणे के सात गणपति मंडल आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष के अवसर पर जम्मू-कश्मीर के विभिन्न जिलों में बप्पा के भव्य पंडाल के साथ गणेशोत्सव मनाएंगे।
साल 2019 में केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटा दिया था। केंद्र सरकार ने इस क्षेत्र के विकास को प्राप्त करने के उद्देश्य से विभिन्न योजनाओं को लागू किया । जिस तरह केंद्र सरकार भौगोलिक विकास के लिए कदम उठा रही है, उसी तरह पुणे के इन गणपति मंडलों ने सांस्कृतिक विरासत को यहां के नागरिकों तक पहुंचाने का जिम्मा उठाया है। मंडल के पदाधिकारियों का कहना है कि महाराष्ट्र की इस 130 साल पुरानी सांस्कृतिक विरासत का अनुभव यहां के नागरिकों को मिल सके, इसलिए कश्मीर में गणेशोत्सव मनाने का फैसला लिया गया है।
कसबा गणपती के श्रीकांत शेटे, तांबडी जोगेश्वरी के केशव नेरुरगांवकर, तुलसीबाग मंडल के विकास पवार, नितीन पंडीत, गुरुजी तालीम मंडल के प्रवीण परदेशी, केसरीवाड़ा गणपती मंडल के अनिल सकपाल, अखिल मंडई मंडल के संजय मते, श्रीमंत भाऊसाहेब रंगारी ट्रस्ट के अध्यक्ष संजीव जावळे ने अगले वर्ष इस गणेशोत्सव की तैयारी अभी से शुरू कर दी है।