- पितृ पक्ष में बेहद महत्वपूर्ण माना गया है पंचबली।
- ब्राह्मण भोज के साथ गाय, कौए, चींटी और कुत्ते को श्राद्ध का भोजन खिलाया जाता है।
- ऐसा करने से पितरों की आत्मा तृप्त हो जाती है।
Pitru Paksha 2021, Importance of Panchabali: वर्ष 2021 में पितृ पक्ष प्रारंभ हो गया है। इसे श्राद्ध पक्ष या महालय भी कहा गया है। श्राद्ध पक्ष पूरे 15 दिन की अवधि होती है जिसमें श्राद्ध कर्म करने की परंपरा है। मान्यताओं के अनुसार, पितृ पक्ष के दौरान पूर्वज सूक्ष्म रूप में पृथ्वी पर आते हैं। पितरों के लिए किए गए दान, पुण्य, तर्पण, श्राद्ध कर्म इत्यादि से उन्हें प्रसन्नता होती है और उनकी आत्मा को शांति मिलती है। पितृ पक्ष कि यह विशेष अवधि भाद्रपद मास की पूर्णिमा से प्रारंभ होती है और अश्विन मास की अमावस्या पर समाप्त होती है। पितृ पक्ष के दौरान, पंचबली का विशेष महत्व है। श्राद्ध पक्ष में पंचबली भोजन बहुत महत्वपूर्ण माना गया है।
क्या है पंचबली?
पितृ पक्ष में ग्रास या पंचबली बहुत महत्वपूर्ण माना गया है। ब्राह्मण भोजन के साथ पंचबली भोजन को भी विशेष माना गया है। पंचबली भोजन में 5 स्थानों पर भोजन रखा जाता है जिसे गाय, चींटी, कौए और कुत्ते को खिलाया जाता है। मान्यताओं के अनुसार, पंचबली भोजन से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है तथा वह प्रसन्न होते हैं।
पंचबली का क्या महत्व है?
पंचबली में 5 विशेष जीवों को श्राद्ध का भोजन खिलाने की परंपरा है। ऐसा माना जाता है कि जब यह जीव श्राद्ध के भोजन को स्वीकार करते हुए खा लेते हैं तब पितरों की आत्मा तृप्त हो जाती है। ऐसा कहा जाता है कि पंचबली करने से पितृ दोष से भी मुक्ति प्राप्त होती है तथा पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। पंचबली में पांच अलग-अलग पत्तल में ब्राह्मणों के लिए तैयार किए गए भोजन निकाले जाते हैं। अब इन पांच पत्तलों पर अलग-अलग मंत्रों का जाप करते हुए अक्षत छिड़का जाता है। फिर अंत में इसे जीवों को समर्पित कर दिया जाता है।