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Raksha Bandhan Muhurat 2020: रक्षा बंधन आज, जानिए राखी बांधने का शुभ मुहूर्त, इस समय भाई को राखी बांधे बहनें

Updated Aug 03, 2020 | 07:28 IST

Raksha Bandhan Shubh Muhurat, Timing: आज के दिन राखी का पर्व मनाया जा रहा है। यहां जानिए रक्षा सूत्र बांधने के लिए राखी पर्व का शुभ मुहूर्त और अन्य खास बातें।

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Raksha Bandhan 2020 Shubh Muhurat
मुख्य बातें
  • इस साल 3 अगस्त 2020 को बांधी जाएगी राखी
  • भाई बहन के रिश्ते का प्रतीक है रक्षाबंधन का त्योहार
  • अपर्णा मुहूर्त में राखी बांधना है सबसे शुभ, जानिए खास बातें

नई दिल्ली: भारत में मनाए जाने वाले सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से रक्षा बंधन भी एक है। इस मौके पर बहनें अपने भाईयों को राखी बांधकर उनकी दीर्घायु और उज्जवल भविष्य के लिए मंगल कामना करती हैं और भाई भी बहन से रक्षा के वादा करते हुए उन्हें उपहार देते हैं। यह दिन भाई-बहन के बीच पवित्र रिश्ते को समर्पित है। यहां जानिए रक्षा बंधन या राखी पर्व 2020 की तारीख, शुभ मुहूर्त समय और अन्य खास बातें।

रक्षा बंधन 2020 की तारीख (Raksha Bandhan 2020 Date)
अगर रक्षाबंधन की बात करें तो यह पारंपरिक तौर पर श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि (पूर्णिमा के दिन) के दिन मनाया जाता है। अगर इस साल यानी 2020 पर नजर डालें तो यह 3 अगस्त को मनाया जाएगा।

रक्षा बंधन तिथि और समय: (Raksha Bandhan Date and Time 2020)
रक्षा बंधन की तिथि इस साल पूर्णिमा तिथि 2 अगस्त को सुबह 9:28 बजे शुरू होती है और 3 अगस्त को रात 9:28 बजे समाप्त होगी।

रक्षा बंधन 2020 शुभ मुहूर्त (Raksha Bandhan 2020 Shubh Muhurat / Auspicious Time)
रक्षा बंधन या राखी के त्योहार के दिन सुबह 9:28 बजे से रात 9:17 बजे के बीच कभी भी सूत्र बांधा जा सकता है। हालांकि, पवित्र धागा बांधने का सबसे अच्छा समय अपर्णा मुहूर्त के दौरान है जो दोपहर 1:48 बजे से शाम 4:29 बजे तक रहेगा।

Raksha Bandhan Aparna Muhurat:
अगर आप अपर्णा मुहूर्त को ध्यान में रख रहे हैं तो एक खास समय को चुन सकते हैं जो कि लगभग 7:10 बजे शुरू होता है और 9:17 बजे तक चलेगा।

इस समय राखी न बांधे (Time to Avoid on Raksha Bandhan):
लोगों को भद्रा काल से बचना चाहिए, जो आमतौर पर पूर्णिमा के पहले दिन में पड़ता है।
भद्रा पंच - प्रातः 5:16 से प्रातः 6:28 तक।
भद्रा मुख: प्रातः 6:28 से प्रातः 8:28 तक।
भद्रा सुबह 9:28 बजे समाप्त होगी।

रक्षाबंधन पर गौरी पूजन और जनेऊ बदलने की परंपरा:
रक्षा बंधन पर गौरी पूजन का भी विशेष महत्व है, जो श्रावण पूर्णिमा को पड़ता है। यह ब्राह्मण पुरुषों के लिए भी एक महत्वपूर्ण दिन है, जिस दिन वह अपना जनेऊ (पवित्र धागा) बदलते हैं। जनेऊ एक ऐसा धागा है जिसे तिरछे तरीके से बाएं कंधे पर धड़ के दाईं ओर पहना जाता है। इस वैदिक समारोह को उपकर्मा कहा जाता है, और इसे तमिलनाडु में अवनि अवित्तम के रूप में जाना जाता है।

पवित्र रिश्ते का प्रतीक राखी का त्यौहार:
राखी का त्यौहार पारंपरिक रूप से भाई की कलाई पर पवित्र धागा बांधने से चिह्नित होता है। यह धागा न केवल बंधन का प्रतीक है, बल्कि ताकत / सुरक्षा का भी संदेश देता है जो हर तरह के खतरे को दूर कर सकता है। इसलिए, बहनें अपने भाइयों की भलाई के लिए प्रार्थना करती हैं और बदले में उन्हें कई उपहार और आशीर्वाद भी मिलते हैं।

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