- ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर हर वर्ष रखा जाता है निर्जला एकादशी व्रत।
- हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार, निर्जला एकादशी को भीमसेन, पांडव और भीम एकादशी भी कहा जाता है।
- निर्जला एकादशी व्रत के विधान के मुताबिक इस दिन व्रत संपूर्ण होने तक जल ग्रहण नहीं किया जाता है।
Nirjala ekadashi vrat 2021 Tithi, Muhurat and Significance: हिंदू मान्यता के अनुसार निर्जला एकादशी (Nirjala Ekadshi) व्रत बेहद महत्वपूर्ण माना गया है। यह व्रत हर वर्ष ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष में होता है। हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार, निर्जला एकादशी व्रत को भीमसेन एकादशी, भीमसेन एकादशी और पांडव एकादशी के रूप में भी लोग जानते हैं। निर्जला एकादशी व्रत के विधान के अनुसार, इस दिन जल का एक बूंद भी ग्रहण नहीं किया जाता है। व्रत संपूर्ण होने के बाद व्रती जल ग्रहण कर सकते हैं।
मान्यताओं के अनुसार, जो भी निर्जला व्रत रखता है समस्त एकादशी व्रतों का फल एक साथ मिलता है। इसके साथ एक दिन भगवान विष्णु की भी पूजा की जाती है। भगवान विष्णु की पूजा करने से उनका आशीर्वाद मिलता है तथा सभी पाप दूर हो जाते हैं।
nirjala ekadashi vrat 2021 Date and Muhurat time, एकादशी व्रत 2021 में कब है
निर्जला एकादशी व्रत: - 21 जून 2021
एकादशी तिथि प्रारंभ: - 20 जून 2021 शाम (04:21)
एकादशी तिथि समाप्त: - 21 जून 2021 दोपहर (01:31)
पारण समय: - 22 जून 2021 सुबह 05:13 से 08:01 तक
निर्जला एकादशी 2021 पंचांग, Nirjala Ekadashi 2021 Panchang Shubh Muhurat
निर्जला एकादशी 2021 ब्रह्म मुहूर्त : 04:03 AM to 04:43 AM
निर्जला एकादशी 2021 अभिजीत मुहूर्त : 11:54 AM to 12:50 PM
निर्जला एकादशी 2021 गोधूली मुहूर्त : 07:07 PM to 07:31 PM
निर्जला एकादशी 2021 अमृत काल : 08:43 AM to 10:11 AM
निर्जला एकादशी 2021, 21 जून का विजय मुहूर्त : 02:42 PM to 03:38 PM
निर्जला एकादशी 2021 निशिथ मुहूर्त : 12:02 AM, Jun 22 to 12:42 AM, Jun 22
निर्जला एकादशी व्रत महत्व (Nirjala Ekadashi vrat mahatva Significance in Hindi)
निर्जला एकादशी व्रत बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है, इस दिन यह व्रत रखता है तथा भगवान विष्णु की पूजा करता है उसे समस्त एकादशी व्रतों का फल मिलता। यह व्रत रखने वाला व्यक्ति अपने सभी पापों से मुक्त हो जाता है तथा भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त करता है। इस दिन दान-पुण्य जैसे कार्यों से सुखी जीवन और दीर्घायु का फल भी मिलता है।