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Mirza Ghalib Shayari in hindi: मिर्ज़ा ग़ालिब की जयंती पर हिन्‍दी में पढ़‍िये उर्दू के इस अज़ीम शायर की 10 मशहूर शायरी

Updated Dec 27, 2021 | 05:45 IST

Mirza Ghalib ke sher: मिर्ज़ा ग़ालिब का नाम उर्दू के अज़ीम शायरों में लिया जाता है। कहते हैं उनकी शायरी के बगैर हर मोहब्‍बत अधूरी है। अपनी शायरी के जरिये आज भी वह करोड़ों दिलों में बसे हुए हैं। आज (27 दिसंबर) उनकी जयंती है। इस मौके पर पढ़‍िये उनके 10 मशहूर शेर

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तस्वीर साभार:&nbspBCCL
मिर्ज़ा ग़ालिब की जयंती पर पढ़‍िये उनके 10 मशहूर शेर

Mirza Ghalib Shayari in hindi: उर्दू के अज़ीम शायरों में शुमार मिर्ज़ा ग़ालिब के नाम से शायद ही कोई होगा जो वाकिफ नहीं हो। उन्‍हें उर्दू भाषा का सर्वकालिक महान शायर माना जाता है। हालांकि उन्‍होंने अपनी शायरी में फारसी के शब्‍दों का खूब इस्‍तेमाल किया है, इसके बावजूद ये हिन्दुस्तानी जबान में खूब लोकप्रिय हैं।

कहते हैं, मिर्ज़ा असद-उल्लाह बेग ख़ां उर्फ 'ग़ालिब' की शायरी के बगैर हर मोहब्बत अधूरी है और यही वजह है कि वह आज भी युवा दिलों की धड़कन बने हुए हैं। उनके कई शेर हैं, जो आज भी लोगों की जबान पर हैं। खासकर युवाओं में उनकी शायरी को लेकर एक अलग ही क्रेज है। यहां उनकी जयंती पर हम उल्‍लेख कर रहे हैं, मिर्ज़ा ग़ालिब के 10  ऐसे ही मशहूर शेर:

उन के देखे से जो आ जाती है मुँह पर रौनक़
वो समझते हैं कि बीमार का हाल अच्छा है

हज़ारों ख़्वाहिशें ऐसी कि हर ख़्वाहिश पे दम निकले
बहुत निकले मेरे अरमान लेकिन फिर भी कम निकले

कितना खौफ होता है रात के अंधेरों में
पूछ उन परिंदो से जिनके घर नहीं होते

इस सादगी पे कौन न मर जाये ऐ खुदा
लड़ते है और हाथ में तलवार भी नहीं

 इश्क़ ने 'ग़ालिब' निकम्मा कर दिया
वरना हम भी आदमी थे काम के

हर एक बात पे कहते हो तुम कि तू क्या है
तुम्हीं कहो कि ये अंदाज़-ए-गुफ़्तगू क्या है

मोहब्बत में नहीं है फ़र्क़ जीने और मरने का 
उसी को देख कर जीते हैं जिस काफ़िर पे दम निकले

ये न थी हमारी क़िस्मत कि विसाल-ए-यार होता 
अगर और जीते रहते यही इंतिज़ार होता

इशरत-ए-क़तरा है दरिया में फ़ना हो जाना
दर्द का हद से गुज़रना है दवा हो जाना 

हम को मालूम है जन्नत की हक़ीक़त लेकिन 
दिल के ख़ुश रखने को 'ग़ालिब' ये ख़याल अच्छा है