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छत्तीसगढ़: कांग्रेस सरकार की 'गोबर योजना' पर लुटेरों की नजर, चोरी हुआ 100 किलो से अधिक गाय का गोबर

Updated Aug 10, 2020 | 15:58 IST

छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार ने कुछ समय पहले‘गोधन न्याय योजना’ के तहत गो-पालक किसानों से दो रुपये प्रति किलोग्राम की दर से गोबर खरीदने को मंजूरी दी थी जिस पर अब चोरों की नजर भी लगी है।

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कांग्रेस सरकार की 'गोबर योजना' पर लुटेरों की नजर, हुई चोरी
मुख्य बातें
  • कांग्रेस शासित छत्तीसगढ़ में चोरी का अनूठा मामला, 100 किलो से अधिक गोबर चोरी
  • किसानों ने इस संबंध में पुलिस में दर्ज कराई अपनी शिकायत
  • राज्य सरकार ने कुछ समय पहले गोबर खरीदने के लिए लॉन्च की थी स्कीम

रायपुर: आपने अक्सर पैसों की चोरी, कीमती रत्नों और आभूषणों की चोरी के बारे में तो सुना ही होगा लेकिन यहां हम आपको जो बताने जा रहे हैं उसे जानकर आप भी एक पल के लिए हैरान रह जाएंगे। मामला कांग्रेस शासित छत्तीसगढ़ राज्य का है जहां चोरों ने रातों-रात 100 किलो से अधिक गाय का गोबर चुरा लिया। न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक मामला राज्य के कोरिया जिले के रोझी गांव का है। इस संबंध में गांव के दो किसानों ने स्थानीय गोथान समिति में अपनी शिकायत दर्ज करवाई है। 

शिकायत कराई दर्ज

 लल्ला राम और सेम लाल नाम के दो किसानों ने स्थानीय गौथान समीति को अपनी शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि उन्होंने उन्होंने अपने बाड़े में गायों का गोबर एकत्र किया हुआ है जो करीब 100 किलो से अधिक था। इस गोबर को वो राज्य सरकार को बेचने वाले थे।  लेकिन सुबह के वक्त उन्हें पता चला कि गोबर तो वहां से गायब हो चुका है। इसके बाद दोनों किसानों ने इस संबंध में पुलिस से संपर्क करने का फैसला किया और अपनी शिकायत दर्ज कराई।

सुलझा मामला

स्थानीय लोगों का कहना है कि लोकल के रहने वाले लोगों ने ही इस गोबर को चुराया था और गौथान सीमित ने इसे वापस कर दिया। चोरी के इस मामले से ग्रामीणोंमें डर का माहौला है। कोरिया जिले की जनसंपर्क अधिकारी संगीता लाकड़ा ने कहा कि यह मामला पुलिस तक पहुंचने से पहले ही सुलझा लिया गया था। दरअसल मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में पिछले महीने हुई एक बैठक में गोधन न्याय स्कीम की शुरूआत की गई थी।

राज्य सरकार की स्कीम

इस योजना के तहत गोबर के क्रय की दर को दो रुपये प्रति किलोग्राम परिवहन व्यय सहित करने का अनुमोदन किया गया था। सीएम कार्यालय द्वारा जारी बयान के मुताबिक राज्य में अब तक 5,300 गोठान स्वीकृत किए जा चुके हैं जिनमें से ग्रामीण क्षेत्रों में 2,408 और शहरी क्षेत्रों में 377 गोठान बन चुके हैं जहां से इस योजना की शुरुआत की जाएगी। इस गोबर का इस्तेमाल वर्मीकम्पोस्ट या जैविक खाद बनाने के लिए करेगी। राज्य सरकार ने इस नई योजना के तहत 5 अगस्त को ही 46000 से अधिक पशुपालकों के खातों में 1.65 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए थे।