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रूस के पास यूक्रेन से 4 गुना सैनिक,10 गुना अधिक फाइटर एयरक्रॉफ्ट, लेकिन NATO लड़ा तो पुतिन हो जाएंगे कमजोर

Updated Feb 18, 2022 | 16:38 IST

Russia-Ukraine Crisis: रूस और यूक्रेन का विवाद गहराता जा रहा है। और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के ताजा बयान से साफ है कि रूस आने वाले दिनों में यूक्रेन पर हमला कर सकता है।

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तस्वीर साभार:&nbspANI
रूस -यू्क्रेन संकट बढ़ा
मुख्य बातें
  • रूस के पास 8.5 लाख एक्टिव सैनिक हैं, जबकि यूक्रेन के पास 2 लाख सैनिक हैं।
  • रुस के पास 772 फाइटर एयक्रॉफ्ट हैं, जबकि यूक्रेन के पास केवल 69 एयरक्रॉफ्ट हैं।
  • अमेरिका के पास 13.90 एक्टिव सैनिक और 13247 एयरक्रॉफ्ट हैं।

नई दिल्ली: यूक्रेन पर युद्ध के बादल छंटते नजर नहीं आ रहे है। रूस के दावों के विपरीत अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा है 'हमारे पास ऐसे कई संकेत है कि रूस  पर हमला करने के लिए तैयार हैं। इसके पहले ऐसी खबरें आई थी कि यूक्रेन सीमा के कुछ इलाकों से रूसी सैनिकों की वापस शुरू हो गई है। लेकिन बाइडेन के बयान से साफ है कि अभी सीमा पर गंभीर स्थिति बनी हुई है और रूस, यूक्रेन पर कभी भी हमला कर सकता है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या यूक्रेन रूस की सेना कर पाएगा। और दूसरा बड़ा सवाल है कि अगर रूस यूक्रेन पर हमला करता है तो क्या नाटो उसका साथ देगा। और वैसी स्थिति में क्या दुनिया तीसरे महायुद्ध के कगार पर पहुंच जाएगी।

बाइडेन ने क्या कहा

बाइडेन ने कल संवाददाताओं से कहा ‘हमारे पास ऐसे कई संकेत है कि वे (रूस) यूक्रेन में घुसने, यूक्रेन पर हमला करने के लिए तैयार हैं।’ बाइडेन के अनुसार यूक्रेन से लगी सीमा से रूसी सेना की वापसी के दावे का कोई संकेत नहीं नजर आया है। उन्होंने कहा कि अमेरिका के पास ‘विश्वास करने का कारण है कि रूस बनावटी बातें कर रहा है ताकि वह अंदर जाने का बहाना तलाश सके। रूस अगले कुछ दिनों में यूक्रेन पर हमला कर सकता है।’

अगर हमला हुआ तो कौन कितना ताकतवर

अगर यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध होता है तो सैन्य क्षमता के आधार पर रूस भारी दिखता है। ग्लोबल फॉयर पॉवर की रिपोर्ट के अनुसार रूस जहां रक्षा पर खर्च करने में तीसरा सबसे बड़ा देश है। वहीं यूक्रेन 20 वें नंबर है। इसी तरह हथियारों और दूसरे सैन्य संसाधनों में रूस, कहीं ज्यादा भारी पड़ता है।

सैन्य क्षमता रूस यूक्रेन 
सैनिक 8.5 लाख  2 लाख
फाइटर एयरक्रॉफ्ट 772 69
अटैक हेलीकॉप्टर 544 34
सैन्य वाहन (हथियार युक्त) 30,122 12,303
पनडुब्बी 70 0
मोबाइल रॉकेट प्रोजेक्टर 3391 490
टैंक 12420 2596

नाटो क्या करेगा

1949 में रूस की शक्ति को रोकने के लिए नाटो संगठन में 30 देश हैं। संगठन के नियम के अनुसार अगर कोई देश सदस्य देशों पर हमला करता है तो उसे पूरे संगठन पर हमला माना जाएगा। इस आधार पर वह देश पूरे नाटो संगठन का दुश्मन होगा। लेकिन यूक्रेन के मामले में ऐसा नहीं है। क्योंकि यूक्रेन अभी नाटो का सदस्य नहीं है। ऐसे में रूस अगर उस पर हमला करता है तो नाटो उसके बचाव में रूस पर हमला करने के लिए बाध्य नहीं होगा। लेकिन जिस तरह से यूक्रेन नॉटो के करीब है और नाटो के कई देश यूक्रेन से लगी सीमा पर अपनी सेना भेज रहे हैं। उससे ऐसा लगता है कि रूस के हमले के समय नाटो देश यूक्रेन का साथ दे सकते हैं।

हालांकि इस बीच नाटो के महासचिव येंस स्टोल्टेनबर्ग का बयान काफी मायने रखता है। उन्होंने कहा है कि "नाटो की ओर से  ज्यादा सैनिक, ज्यादा नौसैनिक उपकरण और ज्यादा हवाई जहाजों की तैनाती एक साफ संदेश हैं। मेरा ख्याल है कि सहयोगियों की रक्षा के लिए हमारी प्रतिबद्धता को समझने में मॉस्को के लिए किसी भूल की गुंजाइश नहीं है।

सैन्य क्षमता अमेरिका ब्रिटेन फ्रांस जर्मनी
सैनिक 13.90 लाख  1.94 लाख 2.05 लाख 1.84 लाख
एयरक्रॉफ्ट 13,247 693 1055 617
अटैक हेलीकॉप्टर 910 24 69 55
सैन्य वाहन (हथियार युक्त) 45,193 5015 6558 9217
पनडुब्बी 68 10 10 6
 रॉकेट प्रोजेक्टर 1366 44 13 33
टैंक 6612 227 406 266

वैसे तो नाटो में 30 सदस्य हैं लेकिन सैन्य क्षमता के मामले में अमेरिका,ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी सबसे ताकतवर हैं। इनकी सैन्य क्षमता को अगर देखा जाय तो अगल नाटो संगठन अपनी ताकत के साथ यूक्रेन की मदद के लिए खड़ा होता है तो रूस के लिए काफी मुश्किलें खड़ी हो जाएंगी।

इसी डर की वजह से रूप नहीं चाहता है कि यूक्रेन नाटो का सदस्य बनें। और सैन्य कार्रवाई का डर भी रूस इसलिए दिखा रहा है। उसे लगता है कि यूक्रेन के नाटो का सदस्य बनने के बाद उसकी सीमाएं नाटो की जद में आ जाएंगी जो उसकी सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा साबित होगा।