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Marburg Virus: कोरोना और इबोला से भी खतरनाक मारबर्ग वायरस ने दुनिया को डराया, इस देश में इलाज के दौरान 2 की मौत

Updated Jul 18, 2022 | 23:30 IST

Marburg Virus: अफ्रीकी देश घाना ने अपने यहां घातक मारबर्ग वायरस (Marburg virus) के पहले दो मामलों की पुष्टि की है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस बीमारी को लेकर चेतावनी भी दी है।

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मारबर्ग का अभी तक कोई इलाज मौजूद नहीं है
मुख्य बातें
  • घाना में खतरनाक मारबर्ग वायरस से 2 मरीजों की हुई मौत
  • मारबर्ग का अभी तक कोई इलाज मौजूद नहीं है
  • विश्व स्वास्थ्य संगठन घाना पर बनाए हुए है नजर

अकरा [घाना]: घाना ने आधिकारिक तौर पर इबोला के समान एक अत्यधिक संक्रामक बीमारी मारबर्ग वायरस के दो मामलों की पुष्टि की है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने रविवार को एक बयान में कहा कि घाना ने अत्यधिक संक्रामक मारबर्ग वायरस रोग के अपने पहले दो मामलों की पुष्टि की है। यह घोषणा ऐसे समय में की गई है जब घाना के दक्षिणी अशांति क्षेत्र में दो लोगों की मौत हो गई जिनकी रिपोर्ट बाद में पॉजिटिव निकली। 

जानिए लक्षण

डब्ल्यूएचओ ने कहा कि रोगियों में दस्त, बुखार, मतली और उल्टी सहित लक्षण दिखे थे, 90 से अधिक संपर्कों की निगरानी की जा रही है। मारबर्ग वायरस रोग एक अत्यधिक विषाणुजनित बीमारी है जो रक्तस्रावी बुखार का कारण बनती है, जिसमें मौत का अनुपात 88 प्रतिशत तक है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार, यह उसी वायरस से जनित है जिससे इबोला वायरस पैदा हुआ था। बयान में कहा गया है कि 'बीमारी तेज बुखार, गंभीर सिरदर्द और अस्वस्थता के साथ अचानक शुरू होती है।'

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यहां से फैलता है रोग

डब्ल्यूएचओ ने बताया कि यह वायरल फलों के चमगादड़ों से लोगों में फैलता है और शरीर में बने घाव से रिस रहे पानी के जरिए दूसरे मनुष्यों को संक्रमित करता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा कि रोकथाम के उपाय किए जा रहे हैं और घाना में प्रकोप पर काबू पाने के लिए अधिक संसाधनों को तैनात किया जाएगा। डब्ल्यूएचओ ने यह भी चेतावनी दी कि तत्काल और निर्णायक एक्शन नहीं लिया तो मारबर्ग आसानी से हाथ से निकल सकता है।

लोगों को दी WHO ने सलाह

मारबर्ग वायरस के लिए कोई स्वीकृत टीका या एंटीवायरल उपचार नहीं है। हालांकि, मौखिक या रि डिहाइड्रेशन और विशिष्ट लक्षणों के उपचार सहित देखभाल के साथ एक मरीज के बचने की संभावना में सुधार किया जा सकता है। घाना स्वास्थ्य सेवा ने घाना की जनता से आग्रह किया है कि वे चमगादड़ों के कब्जे वाली खदानों और गुफाओं से बचें और खाने से पहले सभी मांस उत्पादों को अच्छी तरह से पकाएं, ताकि वायरस फैलने के जोखिम को कम करने में मदद मिल सके।  

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यह दूसरी बार है जब पश्चिम अफ्रीका में मारबर्ग वायरस के मामले की पुष्टि हुई है। पिछले साल गिनी में एक मामला मिला था। लेकिन, इस मामले की पुष्टि के पांच हफ्ते बाद ही सितंबर में गिनी की सरकार ने उस प्रकोप के खत्म होने का ऐलान कर दिया था। वहीं, डब्लूएचओ का कहना है कि अफ्रीका में अंगोला, कांगो केन्या, दक्षिण अफ्रीका और युगांडा इस वायरस के छिटपुट मामलों की पुष्टि हो चुकी है।