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पाकिस्तान के सिंध प्रांत में पानी की किल्लत से मचा हाहाकार, 'आपदा' जैसे हुए हालात

Updated May 16, 2022 | 14:21 IST

भारत ही नहीं पाकिस्तान के कई हिस्से इन दिनों भीषण गर्मी का सामना कर रहे हैं। रिकॉर्ड तोड़ गर्मी के बाद कई प्रांतों में आपदा जैसे हालात पैदा हो गए हैं।

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पाकिस्तान के कई प्रांतों में पानी की किल्लत
मुख्य बातें
  • पाकिस्तान में रिकॉर्डतोड़ गर्मी के बाद पैदा हुए सूखे जैसे हालात
  • सिंध प्रांत में लोगों को करना पड़ रहा है दिक्कतों का सामना
  • पीपीपी के गढ़ सिंध में आपदा जैसे हो गए हैं हालात

इस्लामाबाद: पाकिस्तान के दक्षिण पूर्वी क्षेत्र में रिकॉर्ड तोड़ गर्मी पड़ रही है। सिंध प्रांत पानी की कमी के कारण 'आपदा' जैसे हालात हो गए हैं। यह हालात तब पैदा हुए हैं जब पाकिस्तान में पानी के बंटवारे को लेकर अंतर-प्रांतीय पानी विवाद जारी है और चिलचिलाती गर्मी की स्थिति से कई लोगों की जान जा चुकी है। डॉन अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, सिंध चैंबर ऑफ एग्रीकल्चर (एससीए) ने सरकार से प्रांत को 'आपदा प्रभावित' घोषित करने का आग्रह करते हुए सिंध में पानी की भारी कमी पर चिंता व्यक्त की है।

एमसीए की मांग

रविवार को एससीए की एक बैठक में मांग की गई कि 16 एकड़ तक के छोटे किसानों के कर्ज माफ किए जाएं और इस बात पर जोर दिया कि क्यूसेक प्रवाह में कमी की जांच की जानी चाहिए। सिंध के कार्यकर्ताओं ने रविवार को स्थानीय प्रेस क्लब के बाहर पानी की लगातार हो रही किल्लत को लेकर प्रदर्शन किया। सिंध यूनाइटेड पार्टी (एसयूपी) के नेता रोशन अली बुरिरो ने कहा कि पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) अब संघीय सरकार में सत्तारूढ़ गठबंधन का हिस्सा है, फिर भी उसे पंजाब से सिंध का पानी नहीं मिल पा रहा है।

पीपीपी पर बरसे नेता

अली बुरिरो ने तर्क दिया कि पीपीपी सरकार सिंचाई के साथ-साथ पीने के पानी की कमी के लिए जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि प्रांत में पानी की कमी के बावजूद सामंतों की भूमि चैनलों के माध्यम से अवैध रूप से पानी दिया जा रहा है जबकि गरीब किसानों और राजनीतिक विरोधियों को पानी नहीं मिल रहा है।डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, सिंध के 70 प्रतिशत छोटे शहर और कस्बे पानी की आपूर्ति का इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पीपीपी 30 साल से सत्ता में है, फिर भी वह प्रांत को पीने का पानी तक मुहैया नहीं करा पाई है।