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Russia Ukraine war: जान का खतरा, फिर भी बेजुबान को साथ ले जाने पर अड़े स्‍टूडेंट्स

Updated Mar 04, 2022 | 17:47 IST

यूक्रेन में जारी जंग के बीच हर कोई जहां अपनी जान बचाने की जद्दोजहद में जुटा है, वहीं मानवीय संवेदनाओं की एक अलग ही कहानी सामने आ रही है। कई छात्र अपने साथ पालतू जानवरों को लेकर लौटे हैं तो कई अब भी इसके लिए स्‍पेशल फ्लाइट्स का इंतजार कर रहे हैं।

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जान का खतरा फिर भी बेजुबान को साथ ले जाने पर अड़े स्‍टूडेंट्स

यूक्रेन में जंग छिड़ने के बाद से भारत सहित तमाम देशों ने अपने नागरिकों को वहां से निकालने की प्रक्रिया तेज कर दी है। भारत ने इसके लिए ऑपरेशन गंगा चलाया है, जिसके तहत विमानों को यूक्रेन के सीमावर्ती देशों में भेजा जा रहा है। भारतीय छात्रों को यूक्रेन की सीमा से बाहर निकल पश्चिमी सीमा से सटे देशों में जाने को कहा गया है, जहां भारतीय टीम उनकी मदद के लिए मौजूद है। इस बीच कई परेशान करने वाली तस्‍वीरें सामने आ रही हैं।

यूक्रेन से लौट रहे भारतीय नागरिकों ने बताया है कि सीमावर्ती इलाकों तक पहुंचने और फिर दूसरे मुल्‍क की सीमा में दाखिल होने में उन्‍हें किन परेशानियों से दो-चार होना पड़ा है। वहीं, कई ऐसे छात्र भी हैं, जो यूक्रेन से बाहर तो निकल गए हैं और उन्‍हें विमानों में सवार होकर देश पहुंचने का मौका भी मिल रहा है, लेकिन उनके साथ बेजुबान भी हैं, जिसकी वजह से उन्‍हें मुश्किलें पेश आ रही हैं और इसलिए वे अपनी फ्लाइट्स छोड़कर अगली फ्लाइट का इंतजार कर रहे हैं।

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यूक्रेन से लौटे बहुत से भारतीय छात्र अपने साथ पालतू कुत्‍ते, बिल्लियों को लेकर आए हैं और अब भी बहुत से छात्र हैं, जो अपने साथ इन्‍हें लेकर देश लौटना चाहते हैं। उनका साफ कहना है कि इन हालातों में वे इन बेजुबानों को नहीं छोड़ सकते। युद्ध के वक्‍त में जब मानवता तार-तार हो रही है और हर कोई अपनी जान बचाने की जद्दोजहद में जुटा है, 'वार जोन' से इंसान और बेजुबानों के रिश्‍तों की संवेदनशील कहानी भी सामने आ रही है।

IAF की फ्लाइट का करेंगे इंतजार

यूक्रेन में जंग शुरू होने के बाद वहां से स्‍वदेश वापसी के लिए जिन हजारों भारतीयों ने बॉर्डर पार कर दूसरे मुल्‍कों में शरण ली है और वहां से देश वापसी की कोशिशों में जुटे हैं, उनमें वैभव भी हैं, जो पोलैंड के रेजेसजॉ में शरणार्थी शिविर में रह रहे हैं। पोलैंड से भारतीयों को लाने के लिए इंडिगो सहित कई विमानों को लगाया गया है। वैभव के पास इंडिगो से देश लौटने का मौका भी है, लेकिन उनके पालतू कुत्‍ते के लिए इसमें जगह नहीं है, जिस वजह से उन्‍होंने इंतजार करने का फैसला किया है। अब उन्‍हें वायुसेना की फ्लाइट का इंतजार है, जिसमें उन्‍हें अपने इस बेजुबान साथी के साथ यात्रा की उम्‍मीद है।

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भारतीय छात्र अपने साथ इस पालतू कुत्‍ते को खारकीव से लेकर आए हैं। उनका कहना है कि भीड़ की वजह से उन्‍हें इसके साथ यात्रा नहीं करने दिया जा रहा था। लेकिन किसी तरह वे ट्रेन से इसे अपने साथ पोलैंड तक लाने में कामयाब रहे। इंडिगो की फ्लाइट में पालतू जानवरों को ले जाने की इजाजत नहीं दी जा रही है। उनसे कहा गया है कि वे भारतीय वायुसेना के विशेष विमान से इन्‍हें ले जा सकेंगे। ऐसे में अब उन्‍हें विशेष उड़ानों का इंतजार है, जिससे ऐसे लोग स्‍वदेश वापसी कर सकेंगे, जो अपने साथ पालतू जानवरों को भी ले जाना चाहते हैं। वे इसे लेकर भारतीय दूतावास के अधिकारियों से भी संपर्क में हैं।