- ब्रिटेन ने दक्षिण अफ्रीका से जुड़े वायरस के नए स्वरूप के मामलों की पुष्टि की
- वायरस के नए स्वरूप का सामने आना बहुत चिंताजनक है
- वायरस का नया प्रकार बहुत तेजी से संक्रमण फैलाता है
नई दिल्ली: ब्रिटेन के स्वास्थ्य सचिव मैट हैनकॉक ने घोषणा की है कि यूके में दो मामलों में कोविड-19 के एक और नए स्वरूप (स्ट्रेन) का पता चला है। दोनों उन मामलों के संपर्क हैं, जिन्होंने दक्षिण अफ्रीका से यात्रा की है। उन्होंने कहा कि हमने एक और अधिक संक्रामक वायरस की खोज की है, जो एक प्रकार है, ये खतरनाक तरीके से फैल रहा है। उनका कहना है कि यूके नए मामलों को क्वारंटीन कर रहा है, और दक्षिण अफ्रीका की यात्रा पर प्रतिबंध लगा रहा है। पिछले 15 में दक्षिण अफ्रीका की यात्रा करने वाले या यात्रा करने वालों के संपर्क में आने वालों को तुरंत आइसोलेट हो जाना चाहिए।
तेजी से बढ़ रहे मामले, लगाई जाएगी पाबंदी
ब्रिटेन में कोरोना वायरस का जिस तरह नया स्वरूप मिला है, उसी तरह दक्षिण अफ्रीका में वायरस के अलग प्रकार का पता चला है। कोरोना वायरस के नए स्वरूप के कारण ब्रिटेन के बड़े हिस्से को पाबंदी का सामना करना पड़ेगा। ब्रिटेन में बुधवार को संक्रमण के 36,804 मामले आए। महामारी शुरू होने के बाद से पहली बार इतने मामले आए हैं। संक्रमण के तेजी से फैलने के कारण पूर्वी और दक्षिण-पूर्वी इंग्लैंड में क्रिसमस के बाद 26 दिसंबर से श्रेणी चार की पाबंदी लगायी जाएगी। संक्रमण से बचाव के लिए संशोधित नियमों के तहत श्रेणी एक से तीन के तहत वाले इलाके में रहने वाले लोग क्रिसमस पर एक दूसरे से मिल-जुल सकते हैं। श्रेणी चार के इलाके में रहने वाले लोग घर के सदस्यों के साथ ही क्रिसमस मना पाएंगे।
नए स्ट्रेन ने बढ़ाई थी चिंता
हाल ही में ब्रिटेन में कोरोना वायरस के नए प्रकार (स्ट्रेन) ने सबकी चिंता को बढ़ा दिया था। इसके बाद कई देशों ने ब्रिटेन की यात्रा पर रोक लगा दी। भारत ने भी ब्रिटेन से आने और जाने वाली सभी फ्लाइट्स के संचालन पर 31 दिसंबर तक रोक लगा दी। 19 दिसंबर को डाउनिंग स्ट्रीट वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने वायरस के म्यूटेंट तनाव की चेतावनी दी, जो बहुत जल्दी से लंदन और इंग्लैंड के दक्षिण-पूर्व में फैल गया है। जॉनसन के अनुसार, वायरस की जिस नई म्यूटेंट की पहचान हुई है वह 70 प्रतिशत तक अधिक संक्रामक हो सकती है।
भारत में बरती जा रही सतर्कता
कोरोना वायरस के नए स्वरूप के मद्देनजर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की मंगलवार को जारी मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) में कहा गया है कि ब्रिटेन से आने वाले यात्रियों की आरटी-पीसीआर जांच करानी चाहिए और संक्रमित पाए जाने पर उन्हें संस्थानिक पृथक-वास केंद्र में भेजना चाहिए। स्वास्थ्य मंत्रालय की एसओपी में 25 नवंबर से 23 दिसंबर तक ब्रिटेन होकर आने वाले यात्रियों के स्वास्थ्य की निगरानी के संबंध में विभिन्न गतिविधियों का उल्लेख किया गया है। दिशा-निर्देश में कहा गया है कि पिछले चार हफ्ते में भारत के विभिन्न हवाई अड्डे पर ब्रिटेन से आयी उड़ानों के यात्रियों के बारे में सूची आव्रजन ब्यूरो द्वारा राज्य सरकारों और एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (आईडीएसपी) को मुहैया करायी जाएगी। इससे निगरानी टीमें यात्रियों का पता लगा पाएंगी। ब्रिटेन से आने वाले सभी यात्रियों को पिछले 14 दिनों की यात्रा का ब्योरा देना होगा और कोविड-19 की जांच के लिए एक आवेदन भरना होगा।