इस्लामाबाद : यूक्रेन संकट पर रूस और अमेरिका के मध्य बढ़ते तनाव के बीच पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने रविवार को कहा कि वैश्विक राजनीति में उनका देश किसी खेमे में शामिल नहीं होगा, क्योंकि उनकी नीति 'हर देश से रिश्ते बनाए रखने' की रही है। खान ने यहां पत्रकारों, पूर्व राजनयिकों और थिंक-टैंक के प्रतिनिधियों से बातचीत में कहा, 'हम ऐसी स्थिति में नहीं पहुंचना चाहते, जिससे ऐसा लगे कि हम किसी खास खेमे का हिस्सा हैं।'
खान ने इस धारणा को भी खारिज कर दिया कि पाकिस्तान किसी अन्य देश की तुलना में चीन की ओर ज्यादा प्रभावित है। उन्होंने कहा कि देश की नीति है, 'हर देश के साथ संबंध बनाये रखना।' एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी सेना का रावलपिंडी स्थित मुख्यालय भी इस देश की नीति को लेकर स्पष्ट है।
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'एक और शीत युद्ध से किसी को फायदा नहीं'
पाकिस्तान की सेना ने देश की आजादी के 74 साल में से आधे समय तक राज किया। ऐसा पहली बार नहीं है जब खान ने कहा है कि वह नए शीतयुद्ध की स्थिति में अमेरिका और चीन का अनुसरण नहीं करेंगे। इस महीने की शुरुआत में, खान ने कहा था कि अमेरिका और चीन को एक साथ लाने में पाकिस्तान अपनी भूमिका निभाना चाहता है, क्योंकि 'एक और शीत युद्ध' से किसी को फायदा नहीं होगा।
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घरेलू चुनौतियों के बारे में बात करते हुए खान ने कहा कि देश के सुधार में लालफीताशाही सबसे बड़ी बाधा है। उन्होंने कहा कि संघीय सरकार की कीमत पर प्रांतों के सशक्तीकरण ने भी समस्याएं पैदा की हैं।