Maruti Cars transportation by Trains: मारुति ने 6.7 लाख कारें रेलवे के जरिए भेजी, हुआ लाखों का फायदा

ऑटो
भाषा
Updated Jul 08, 2020 | 15:52 IST

Car transportation by railways : देश की सबसे बड़ी कार बनाने वाली कंपनी मारुति सुजूकी इंडिया ने  6.7 लाख कारों को ट्रेन से एक जगह से दूसरी जगहों पर भेजी। इससे पर्यावरण को काफी फायदा हुआ। 

Maruti sent 6.7 lakh cars through railways train, saved 100 million liters of fuel, also benefited the environment
मारुति ने 6.7 लाख कारें ट्रेन के जरिए भेजी  |  तस्वीर साभार: BCCL
मुख्य बातें
  • मारुति ने 6 साल में 6.7 लाख कारों को भारतीय रेल के जरिए गंतव्य तक भेजा
  • रेलवे के जरिये पहली बार मार्च 2014 में कारें भेजी थी
  • इससे करीब 3,000 टन कार्बन डायऑक्साइड के उत्सर्जन कम हुआ

नई दिल्ली : देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजूकी इंडिया (एमएसआई) ने बुधवार को कहा कि उसने पिछले 6 साल के दौरान 6.7 लाख कारों को भारतीय रेल के जरिए गंतव्य तक भेजा। इसमें साल दर साल 18 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। कंपनी के मुताबिक उसने रेलवे के जरिये पहली बार मार्च 2014 में कारें भेजी। रेलवे के जरिये नई कारों को उनके आपूर्ति स्थल तक भेजने से कंपनी ने करीब 3,000 टन कार्बन डायऑक्साइड के उत्सर्जन को कम किया है।

कंपनी के बयान में कहा गया है कि इसके साथ ही 10 करोड़ लीटर ईंधन की भी बचत हुई है। इससे कंपनी ने नेशनल हाईवे पर चलने वाले एक लाख ट्रक के चक्कर बचाए हैं। प्रमुख कार कंपनी ने कहा कि पिछले वित्त वर्ष में उसने 1.78 लाख कारों को रेलवे के जरिये भेजा। यह पिछले साल के मुकाबले 15% वृद्धि रही है। यह संख्या कंपनी की वर्ष के दौरान हुई कुल बिक्री का 12% है।

एमएसआई के प्रबंध निदेशक और सीईओ केनिची आयुकावा ने कारें भेजने के लिए रेलवे का इस्तेमाल करने के बारे में कहा कि कारें भेजने की बढ़ती संख्या को देखते हुए हमारी टीम ने बड़े पैमाने पर लॉजिस्टिक प्रवाह की जरूरत को महसूस किया। हमने यह महसूस किया कि न केवल विस्तार के लिए बल्कि जोखिम कम करने के लिए भी हमें सड़क माध्यम के अलावा दूसरे माध्यमों को देखना चाहिये।

शुरुआत में 125 कारें ले जाने की क्षमता के रेलवे वैगन का इस्तेमाल किया। उसके बाद डबल-डेकर रैक का इस्तेमाल शुरू हुआ जिसमें 265 कारें ले जाने की क्षमता होती है। इन रैकों के जरिए अब तक 1.4 लाख कारें भेजी जा चुकीं हैं। अब कंपनी 27 रैक का इस्तेमाल कर रही है। इनमें प्रत्येक रैक में 318 कारें भेजी जा सकतीं हैं।

मारुति ने कहा है कि वह देश की पहली कार निर्माता कंपनी है जिसके पास आटोमोबाइल फ्रेट ट्रेन आपरेटर (एएफटीओ) लाइसेंस है। वर्तमान में कंपनी पांच टर्मिनल (गुरुग्राम, फारुखनगर, कठुवास, पाटली, डेट्रोज) से कारों का लदान करती है।

अगली खबर