Khesari Lal Yadav Name: खेसारी लाल यादव के नाम का मतलब जानकर छूट जाएगी हंसी, एक्टर ने किया खुलासा

Khesari Lal Yadav Name: फिल्मों में काम करने के लिए नाम बदलने की परंपरा बॉलीवुड से लेकर भोजपुरी सिनेमा तक में है।सुपरस्टार खेसारी लाल यादव का भी असली नाम कुछ और है जिसका खुलासा खुद एक्टर ने किया था।

Khesari Lal Yadav Name
खेसारी क्यों पड़ा नाम जानकर छूट जाएगी हंसी  |  तस्वीर साभार: Twitter
मुख्य बातें
  • खेसारी लाल यादव का ये नहीं है असली नाम
  • खेसारी क्यों पड़ा नाम जानकर छूट जाएगी हंसी
  • एक्टर ने खुद किया खुलासा कैसे पड़ा खेसारी नाम

Khesari Lal Yadav Name: आज के समय में खेसारी लाल यादव का नाम कौन नहीं जनता। उन्होंने यह पहचान और नाम अपनी मेहनत और लगन से पाई है। अगर हम कहें कि जिस नाम से हम और आप खेसारी को जानते हैं, असल में वह उनका नाम है ही नहीं। चलिए जानते है खेसारी लाल यादव का नाम खेसारी कैसे पड़ा। भोजपुरी सिनेमा के सुपर स्टार खेसारी लाल यादव का जीवन बेहद संघर्ष भरा रहा। खुद को इतना कामयाब बनाने के लिए उन्होंने काफी स्ट्रगल किया है। तब जाकर भोजपुरी सिनेमा में उन्होंने यह मुकाम हासिल किया है।

यदि बात करें उनके नाम की तो इसके पीछे एक दिलचस्प किस्सा है। खेसारी लाल यादव को यह नाम लोगों ने उनके गांव वालों ने दिया है। दरअसल यह नाम देने के पीछे यह वजह थी कि, खेसारी बचपन में बड़बोले किस्म के थे। गांव वाले इनकी इस आदत से परेशान हो जाते थे, जिसके परिणामस्वरूप गांव वालों ने इनका नाम खेसारी रख दिया।

खेसारी का मतलब क्या होता है?

आपको बता दें कि, खेसारी एक किस्म की दाल होती है। आपने भी कई बार इस दाल को दुकान से खरीदा या खाया होगा। इस दाल को ज्यादा खाने से पेट खराब हो हो जाता है, इसलिए इस दाल का सेवन कम किया जाता हैं। इसी के विपरीत खेसारी लाल यादव के बड़बोलेपन के कारण गांव वाले परेशान है जाते थे और इसी वजह से उनका नाम खेसारी रख दिया गया। वहीं खेसारी ने भी एक इंटरव्यू के दौरान बताया था कि अब तो उनके माता पिता भी उन्हे इस नाम से बुलाने लगे है। 

क्या है खेसारी लाल यादव का असली नाम

खेसारी लाल यादव का नाम माता पिता ने शत्रुघ्न कुमार यादव रखा था। लेकिन लोगों के प्यार ने खेसारी को एक नया नाम दिया। यह तो हमने आपको बताया ही था कि उनका जीवन कितना संघर्ष भरा था। उनके जीवन का एक समय ऐसा था की वह एक वक्त की रोटी के लिए लिट्टी चोखा बेचते थे। इतना ही नहीं दूध भी बेचते थे फिर अपने पिता जी के कहने पर उन्होंने बीएसएफ भी ज्वॉइन किया लेकिन सरकारी नौकरी भी उन्हे नहीं भाई और भागकर भोजपुरी सिनेमा से जुड़ गए।

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