एक तो कोयला संकट उस पर डिस्कॉम पर भारी बकाया, इन राज्यों में बिगड़ सकते हैं हालात !

बिजनेस
प्रशांत श्रीवास्तव
Updated Oct 14, 2021 | 19:25 IST

Coal Crisis: विद्युत वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) का बिजली उत्पादन करने वाली कंपनियों पर बकाया 95,585 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है।

Discm debt
डिस्कॉम पर भारी बकाया है 
मुख्य बातें
  • देश के 18 प्लांट ऐसे हैं, जिनके पास एक भी दिन का कोयला नहीं बचा है।
  • डिस्कॉम बकाए की वजह से आने वाले समय में बिजली कंपनियां राज्यों को बिजली की आपूर्ति कम कर सकती हैं।
  • सबसे ज्यादा देनदारी महाराष्ट्र, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों पर है।

कोयला संकट के बीच बिजली  उत्पादन करने वाली कंपनियों का बकाया भी समस्या को बढ़ाने वाला है। ऐसा इसलिए है क्योंकि विद्युत वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) का बिजली उत्पादन करने वाली कंपनियों पर बकाया अक्टूबर में 95,585 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। ऐसे में कई राज्यों की विद्युत वितरण कंपनियों के लिए आने वाले समय में समस्या खड़ी हो सकती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि पहले से ही भुगतान नहीं कर रही डिस्कॉम को बिजली उत्पादन करने वाली कंपनियां बिजली की आपूर्ति में कटौती कर सकती हैं। अगर ऐसा होता है तो राज्यों के लिए बिजली कटौती के अलावा कोई चारा नहीं रह जाएगा।

किस राज्य का कितना बकाया

पॉवर मिनिस्ट्री के प्राप्ति (PRAAPTI)पोर्टल के ताजा आंकड़ों के अनुसार महीने के शुरूआत में जो बकाया 93541 करोड़ रुपये था, वह बढ़कर 95585 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। इसमें से केवल मौजूदा बकाया राशि 20914 करोड़ रुपये थी। जबकि शेष राशि पहले से बकाया थी। मौजूदा बकाया में से डिस्कॉम ने बिजली उत्पादन कंपनियों को 3197 करोड़ रुपये का ही केवल बकाया चुकाया है।

इन राज्यों की सबसे ज्यादा देनदारी

PRAAPTI के अनुसार  महाराष्ट्र की करीब 19,134 करोड़ रुपये की देनदारी है। इसमें से 60 दिन से ज्यादा की बकाया राशि 17268 करोड़ रुपये हैं। इसी तरह तमिलनाडु पर 18923 करोड़ रुपये का बकाया है। जबकि 60 दिन से ज्यादा की बकाया राशि 15470 करोड़ रुपये है। इसी तरह उत्तर प्रदेश पर 6036 करोड़ रुपये, आंध्र प्रदेश पर 6350 करोड़ रुपये, जम्मू एवं कश्मीर पर 6331 करोड़ रुपये, राजस्थान पर 11,640 करोड़ रुपये, कर्नाटक पर 5363 करोड़ और मध्य प्रदेश पर 4762 करोड़ रुपये बकाया है। जाहिर जिस तरह कोयला महंगा होता जा रहा है। ऐसे में आने वाले समय में इन राज्यों के लिए बिजली खरीदना काफी मुश्किल हो सकता है। अगर हालात नहीं सुधरे तो इन राज्यों को कोयला की आपूर्ति में भी कटौती हो सकती है।

18 प्लांट में एक दिन का भी स्टॉक नहीं

सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी  अथॉरिटी की रिपोर्ट के अनुसार 12 अक्टूबर तक देश के 18 प्लांट ऐसे हैं, जिनके पास एक भी दिन का कोयला नहीं बचा है। इस समय कुल 116 प्लांट क्रिटिकल स्थिति में हैं। इसमें से 26 के पास एक दिन का कोयले का स्टॉक बचा है। जाहिर है स्थिति अभी सुधरती नहीं दिख रही है। हालांकि सरकार का दावा है कि स्थिति ज्यादा गंभीर नहीं है। और दशहरे के बाद कोयले की आपूर्ति में तेजी से सुधार होगा। और अभी भी रिकॉर्ड कोयले की आपूर्ति की जा रही है।

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