कोविड-19 के कारण लगे लॉकडाउन के कारण अर्थव्यवस्था पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ा है। इसके परिणामस्वरूप, स्टॉक मार्केट्स, वोलेटाइल हो गए हैं, कॉर्पोरेट अर्निंग्स कम हो गई है और लिक्विडिटी संकट गहरा गया है। सरकार के साथ-साथ भारतीय रिजर्व बैंक भी कई तरह से आम आदमी के फाइनेंसियल बोझ को कम करने की कोशिश कर रहा है। लेकिन, स्टॉक मार्केट्स की हालत को देखते हुए इन्वेस्टर्स अपने इन्वेस्टमेंट्स को लेकर चिंतित हो गए हैं और उनमें से कई इन्वेस्टर्स अपने इन्वेस्टमेंट्स प्लान्स को बंद करने या रोकने के बारे में सोच रहे हैं। इस बीच, आरबीआई ने हाल ही में अपने इंटरेस्ट रेट्स घटा दिए जिससे फिक्स्ड डिपोजिट (FD) इंटरेस्ट रेट्स कम हो गए।
मार्केट्स में वोलेटिलिटी और FD रेट्स घटने के कारण लोगों को बेहतर रिटर्न वाले दूसरे ऑप्शन ढूंढने पड़ रहे हैं। ऐसे हालात में, कंपनी फिक्स्ड डिपोजिट, बेहतर रिटर्न्स देने वाला इन्वेस्टमेंट ऑप्शन दिखाई दे रहा है। लेकिन, ऐसे प्रोडक्ट्स में इन्वेस्ट करने के लिए काफी सावधानी बरतना और इन कंपनियों की अच्छी समझ होनी जरूरी है। आइए इनमें इन्वेस्ट करने से पहले ध्यान में रखने लायक कुछ महत्वपूर्ण बातों पर नजर डालते हैं।
कंपनी फिक्स्ड डिपोजिट, जिसे कॉर्पोरेट फिक्स्ड डिपोजिट भी कहा जाता है, रेगुलर FD इन्वेस्टमेंट्स की तरह होते हैं। लेकिन, यहाँ आप एक बैंक के बजाय, उसे जारी करने वाली कंपनी में पैसे जमा करते हैं। RBI के दिशानिर्देशानुसार, कंपनियां, लोगों को अपने कॉर्पोरेट FD में इन्वेस्ट करने के लिए कहकर अपने बिज़नस के लिए पैसे जुटा सकती हैं। कंपनी FD में इन्वेस्ट करने पर बैंक FD से ज्यादा रिटर्न मिल सकता है।
सुनिश्चित रिटर्न और कैपिटल सेफ्टी मिलने के कारण फिक्स्ड डिपोजिट, कई लोगों का लोकप्रिय इन्वेस्टमेंट ऑप्शन है। लेकिन, RBI द्वारा बार-बार रेट कटौती के कारण FD रिटर्न कम हो गए हैं जिससे अधिकांश बड़े बैंकों का सालाना FD रिटर्न 4.50%-6% हो गया है। कंपनी फिक्स्ड डिपोजिट थोड़े रिस्की होते हैं और कुछ 10% रिटर्न भी देते हैं। चूंकि डिपोजिटर्स, कैपिटल सेफ्टी चाहते हैं, इसलिए रिस्क को मैनेज करना जरूरी है। मौजूदा परिस्थिति में, सॉवरेन, AAA, जैसी हाई क्रेडिट रेटिंग्स वाले डिपोजिट्स में इन्वेस्ट करना बेहतर होगा। हाई रेटिंग्स से आपको प्रिंसिपल और इंटरेस्ट अमाउंट समय पर मिलने की ज्यादा निश्चितता रहती है। जैसे, HUDCO के AAA रेटिंग वाले FD में 12-60 महीने के लिए इन्वेस्ट करने पर 7.30% इंटरेस्ट मिलता है। जबकि, भारतीय स्टेट बैंक के डिपोजिट्स में 36-60 महीने के लिए इन्वेस्ट करने पर 5.4% इंटरेस्ट मिलेगा। कॉर्पोरेट फिक्स्ड डिपोजिट्स में इन्वेस्ट करते समय आपको इसके टैक्सेशन पहलू पर भी विचार करना चाहिए। रेगुलर FD की तरह, कंपनी फिक्स्ड डिपोजिट्स में इन्वेस्ट करने पर कोई टैक्स बेनिफिट नहीं मिलता है। इसका इंटरेस्ट आपके इनकम स्लैब के अनुसार टैक्सेबल होता है।
एक तरह का अनसिक्योर्ड डेब्ट होने के कारण कंपनी FD के इन्वेस्टर्स को सावधानी बरतनी चाहिए और AAA रेटिंग्स वाली कंपनियों का चुनाव करना चाहिए। क्रेडिट रेटिंग्स को AAA, AA, AA+, B, C इत्यादि अक्षरों के माध्यम से दर्शाया जाता है। इन्हें रिस्क एसेसमेंट पैरामीटर्स के आधार पर क्रिसिल, ICRA, CARE, जैसी क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों द्वारा दिया जाता है। सॉवरेन और AAA-रेटेड सिक्योरिटीज सबसे सुरक्षित होते हैं। रेटिंग जितनी ज्यादा होगी, इन्वेस्टमेंट उतना ज्यादा सुरक्षित होगा। रेटिंग जितनी कम होगी, इन्वेस्टमेंट उतना रिस्की होगा। कंपनी FD के इंटरेस्ट रेट पर उनकी क्रेडिट रेटिंग्स का काफी असर पड़ता है। ज्यादा रेटिंग वाले कंपनी FD पर सामान्यतया कम रेटिंग वाले कंपनी FD से कम इंटरेस्ट रेट मिलता है।
कंपनी फिक्स्ड डिपोजिट्स, ज्यादा रिटर्न कमाने के लिए मीडियम लेवल का रिस्क लेने के लिए तैयार कंजर्वेटिव इन्वेस्टर्स के लिए सूटेबल होते हैं। ये डिपोजिट्स, बड़े बैंकों के डिपोजिट्स जितने सुरक्षित नहीं होते हैं जिन पर डिपोजिट इंश्योरेंस ऐंड क्रेडिट गारंटी कॉर्पोरेशन द्वारा 5 लाख रु. प्रति बैंक तक इंश्योरेंस मिलता है। लेकिन कॉर्पोरेट डिपोजिट में यह सेफ्टी बेनिफिट नहीं मिलता है। आप जिस कंपनी के FD में डिपोजिट कर रहे हैं उसके साथ कोई फाइनेंसियल प्रॉब्लम होने पर उसे समय पर आपको पैसे लौटाने में परेशानी हो सकती है। ख़ास तौर पर मौजूदा आर्थिक परिस्थिति में, सोच-समझकर ही कहीं इन्वेस्ट करें।
दरअसल इस वैश्विक-महामारी के कारण जिंदगी के हर पहलू के सामने अनिश्चितता आ गई है। स्टॉक मार्केट्स में वोलेटिलिटी, डेब्ट म्यूच्यूअल फंड्स संकट, फिक्स्ड डिपोजिट रेट्स में गिरावट और घटते इन्वेस्टमेंट ऑप्शंस के कारण, इन्वेस्टर्स, अन्य हाई रिटर्न ऑप्शंस जैसे कंपनी FD और लिक्विड म्यूच्यूअल फंड्स के बारे में सोचने लगे हैं। इसके अलावा, कभी-भी अपने सारे अंडे एक ही टोकरी में न रखें, यहाँ तक कि FD जैसे फिक्स्ड इनकम प्रोडक्ट्स भी। अपने रिस्क और रिवार्ड्स को अनुकूल रखने के लिए अपने पोर्टफोलियो को डाइवर्सिफाई करें। ज्यादा रिटर्न कमाने के लिए अपने पैसे को अलग-अलग इन्वेस्टमेंट ऑप्शंस में फैलाकर रखें और उनमें AAA-रेटेड FD को शामिल करें।
(इस लेख के लेखक, BankBazaar.com के CEO आदिल शेट्टी हैं)
(डिस्क्लेमर: यह जानकारी एक्सपर्ट की रिपोर्ट के आधार पर दी जा रही है। बाजार जोखिमों के अधीन होते हैं, इसलिए निवेश के पहले अपने स्तर पर सलाह लें।) ( ये लेख सिर्फ जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। इसको निवेश से जुड़ी, वित्तीय या दूसरी सलाह न माना जाए)
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