PPF की मैच्योरिटी पूरी हो गई है, इसे आगे बढ़ाना चाहते हैं? जानिए कैसे

लॉन्ग टर्म निवेशों में  सार्वजनिक भविष्य निधि या पीपीएफ सबसे बेहतरीन ऑप्शन है। इसकी मैच्योरिटी पूरी होने के बाद भी आगे बढ़ा सकते है।

PPF maturity is over? Want to take it forward, know how
पीपीएफ (istock) 
मुख्य बातें
  • पीपीएफ अकाउंट की मैच्योरिटी 15 साल में पूरी होती है।
  • पीपीएफ अकाउंट को मैच्योरिटी के बाद 5 के लिए और बढ़ा सकते हैं।
  • जरुरत पड़ने पर पीपीएफ अकांउट से पैसे भी निकाल सकते हैं।

नई दिल्ली: सार्वजनिक भविष्य निधि या पीपीएफ अपने टैक्स बेनिफिट्स और गारंटीड रिटर्न के कारण देश में सबसे अधिक डिमांड वाली लंबी अवधि की निवेश स्कीम्स में से एक है। अधिकांश वेतनभोगी वर्ग के व्यक्ति पीपीएफ का विकल्प चुनते हैं क्योंकि इस स्कीम में मामूली मासिक योगदान के साथ बनाए रखना आसान है। गौर हो कि यह छूट-छूट-छूट (ईईई) कैटेगरी के अंतर्गत आता है और टैक्स कटौती के लिए लागू नहीं है। 

खाताधारक के लिए एक विकल्प यह है कि ब्याज समेत पूरी राशि निकाल ले और मैच्योरिटी पूरी होने पर खाता बंद कर दे। लेकिन अगर आप पीपीएफ का सबसे अच्छा इस्तेमाल करना चाहते हैं, तो इसे रिटायर होने तक बनाए रखना सबसे अच्छा है।

बिना किसी और योगदान के पीपीएफ खाते को मैच्योरिटी के बाद 5 साल के लिए बढ़ाएं

यह विकल्प आपको अपने खाते की मैच्योरिटी अवधि को 5 वर्ष तक बढ़ाने की अनुमति देता है। यानी पीपीएफ फंड पर ब्याज मिलता रहेगा। और आपको इस विस्तारित पांच साल की अवधि के दौरान कोई नया योगदान नहीं करना है। अगर आपने इसे 5 साल बढ़ा दिया है पर आपको इन 5 साल के दौरान कुछ पैसों की जरूरत पड़ गई है। तब क्या करना चाहिए? आप इन पांच साल की अवधि के दौरान राशि को आंशिक नकदीकरण के रूप में निकाल सकते हैं। लेकिन आप प्रति वित्तीय वर्ष में केवल एक ही निकासी कर सकते हैं। अगर आप 15 वर्षों के बाद बैंक या डाकघर को अपनी प्रीफरेंस के बारे में सूचित नहीं करते हैं, तो यह डिफॉल्ट विकल्प है जो आपके पीपीएफ खाते पर लागू हो जाता है।

योगदान के साथ भी पीपीएफ खाते को पांच साल तक बढ़ा सकते हैं

यह विकल्प पहले के नियम के अनुसार ही है, इस अर्थ में कि यह आपको पीपीएफ खाते की मैच्योरिटी अवधि को पांच साल तक बढ़ाने की अनुमति देता है। फर्क सिर्फ इतना है कि अब आपको हर साल नए सिरे से योगदान करने की जरुरत है। पर कितना? न्यूनतम 500 रुपए प्रति वर्ष है, जो बहुत ज्यादा नहीं है। वैसे, आपको इस विकल्प के बारे में बैंक या डाकघर को सूचित करने की आवश्यकता है क्योंकि आपकी ओर से सूचना के अभाव में, इसे बिना योगदान के पीपीएफ विस्तार माना जाएगा और इस पांच साल की अवधि में आपके द्वारा खाते में कोई भी नई राशि जमा नहीं होगी और आपको कोई ब्याज भी नहीं मिलेगा।

Times Now Navbharat पर पढ़ें Business News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।

अगली खबर