नई दिल्ली। सामान्य तौर पर कहा जाता है कि आप की इनकम जितनी भी बचत करने की आदत डालें। दरअसल बचत से आपको फायदा यह होता है कि मुश्किल दिनों में आप को किसी के सामने हाथ फैलाने की जरूरत नहीं पड़ती है। अब बचत की तमाम सारी स्कीम हैं जिसमें पीपीएफ और ईएलएसएस(Equity-linked Saving Schemes) प्रमुख हैं। अब इन दोनों विकल्पों में कौन सा विकल्प आप के लिए बेहतर है इसे समझना जरूरी है। पीपीएफ और ईएलएसएस दोनों के जरिए सेक्शन 80 सी में डेढ़ लाख तक डिडक्शन के लिए आप योग्य होते हैं। लेकिन इन दोनों स्कीम में आप के लिए बेहतर क्या हो सकता है इसे समझने की आवश्यकता है।
क्या है पीपीएफ
अगर बात पीपीएफ की करें तो निश्चित तौर पर यह हर किसी वर्ग में लोकप्रिय है। यह एक तरह से डेब्ट प्रोडक्ट है जिसमें आप को तयशुदा रकम मिलने के साथ ही यह एग्जेंप्ट,एग्जेंप्ट और एग्जेंप्ट यानि की ईईई टैक्स रिजीम में आता है। इसका अर्थ यह है कि अगर आप डेढ़ लाख तक किसी वित्तीय वर्ष में निवेश करते हैं तो आप को टैक्स नहीं देना होगा। इसके साथ ही आप को उस राशि पर जो ब्याज मिलेगा वो मूलधन के साथ टैक्स फ्री(निकासी के समय) होता है।
क्या है ईएलएसएस
ईलएसएस एक म्यूचुअल फंड है जिसमें इक्विटी और और दूसरे इंस्ट्रूमेंट्स जुड़े होते हैं। ईएलएसएस में भी 1.5 लाख तक का निवेश टैक्स फ्री है। लेकिन ईएलएसएस में अगर एल लाख से अधिक का कैपिटल गेन्स हो तो उस पर 10 प्रतिशत की दर से टैक्स लगता है।
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