आज ही के दिन 1975 में पाकिस्तान के रावलपिंडी स्थित एक छोटे से गांव मोरगाह में एक बेहद सामान्य से परिवार में जन्म लिया और फिर दुनिया का सबसे तेज गेंदबाज बनने तक का सफर शोएब अख्तर के लिए आसान नहीं रहा। पाकिस्तान के इस पूर्व क्रिकेटर के पिता एक चौकीदार थे, लेकिन क्रिकेटर बनने की ललक ने शोएब अख्तर को वहां तक पहुंचा दिया जहां वो पहुंचना चाहते थे। इस गेंदबाज ने 161.3 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सबसे तेज गेंद फेंकी तो स्पीड किंग होने का उनका दावा और पुख्ता हो गया था।
पाकिस्तान के लिए 46 टेस्ट में 178 विकेट और 163 वनडे मैचों में 247 विकेट लेने वाले शोएब अख्तर ने दुनिया के तमाम क्रिकेट मैदानों पर तमाम बड़े कमाल किए, लेकिन जितने रिकॉर्ड उन्होंने बनाए, उतने या उससे ज्यादा ही विवाद भी अपने नाम के साथ जोड़ते गए। इस खिलाड़ी को कई बार क्रिकेट का 'बैड ब्वॉय' (Bad Boy) कहा गया। उनके इन कुछ विवादों को देखकर कोई भी उन्हें ऐसा कहने पर मजबूर होगा।
आईसीसी क्रिकेट विश्व कप 2003 में पाकिस्तानी क्रिकेट टीम के शर्मनाक प्रदर्शन के बाद वो टीम के कोच वकार यूनिस से भिड़ गए थे। उन्होंने यूनिस को सबके सामने काफी बुरा-भला कहा था। इसके लिए उनको सजा भी मिली थी। उसके अगले साल उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के स्पिनर पॉल एडम्स को भी बुरा भला कहा और अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया। उसके लिए उन्हें एक टेस्ट मैच और दो वनडे मैच का बैन भी झेलना पड़ा था। इसके अलावा 2005 के ऑस्ट्रेलिया दौरे पर उनको नाइट कर्फ्यू तोड़ने पर भी सजा मिली थी।
सिर्फ मैदान के बाहर ही नहीं मैदान के अंदर भी शोएब अख्तर अपनी हरकतों से बाज नहीं आते थे। साल 2003 में श्रीलंका में खेली गई ट्राइंगुलर सीरीज के दौरान शोएब अख्तर गेंद के साथ छेड़छाड़ करने के दोषी पाए गए थे। उन्होंने मैदान पर बॉल टैंपरिंग की थी और वो पकड़े गए। उन पर इसके लिए प्रतिबंध भी लगा और वो बॉल टैंपरिंग मामले में प्रतिबंध झेलने वाले दुनिया के दूसरे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर बने।
साल 2006 में शोएब अख्तर को पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने तब निलंबित कर दिया था जब वो और मोहम्मद आसिफ ड्रग्स के इस्तेमाल में दोषी पाए गए थे। उन्हें प्रदर्शन को बेहतर करने वाले ड्रग नेनड्रोलोन लेने का दोषी पाया गया था। दोनों खिलाड़ियों को 2006 की चैंपियंस ट्रॉफी में भी खेलने का मौका नहीं दिया गया। बाद में पाकिस्तानी टीम के कुछ खिलाड़ी, पूर्व कप्तान इंजमाम उल हक व कुछ पूर्व शीर्ष अधिकारियों ने दावा किया कि काफी पहले से शोएब अख्तर ड्रग्स का सेवन कर रहे थे। शोएब अख्तर को इसके लिए दो साल निलंबन झेलना पड़ा था।
जिस मोहम्मद आसिफ के साथ वो ड्रग्स लेने के दोषी पाए गए थे उसी को बल्ले से मारने के भी वो दोषी पाए जा चुके हैं। मामला 2007 के टी20 विश्व कप से पहले का है जब ड्रेसिंग रूम में शाहिद अफरीदी से चल रही बातचीत के दौरान आसिफ ने कुछ कहा और शोएब अख्तर इतना भड़क गए कि आसिफ पर बल्ले से हमला कर दिया। जांच के बाद अख्तर को दोषी पाया गया और उनको टी20 विश्व कप टीम से हटा दिया गया। उन पर 5 मैचों का बैन भी लगाया गया। बाद में उन्होंने सारा आरोप शाहिद अफरीदी पर मढ़ दिया था।
वो अनुशासनहीनता और अपनी मर्जी से अजीब चीजें करने के लिए मशहर रहे और इसी का एक नमूना 2008 में दिखा जब वो काउंटी क्रिकेट खेलने के लिए इंग्लैंड तो पहुंच गए लेकिन उनको एयरपोर्ट से अधिकारियों ने फ्लाइट में बैठाकर वापस पाकिस्तान लौटा दिया, क्योंकि वो काउंटी क्रिकेट खेलने तो पहुंचे लेकिन विजिट वीजा के साथ, ना कि वर्किंग वीजा के साथ। बाद में ये भी खुलासा हुआ कि शोएब को इस बारे में पता था लेकिन उन्होंने लापरवाही की और सिर्फ चांस लेने के इरादे से ये कदम उठाया। उन्हें लगा कि वो ब्रिटिश अथॉरिटी को चकमा दे देंगे, पर ऐसा नहीं हुआ।
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