नई दिल्लीः भारतीय क्रिकेट टीम के मुख्य कोच रवि शास्त्री ने नये तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज को ऑस्ट्रेलिया दौरे की खोज करार देते हुए शुक्रवार को कहा कि निजी क्षति और दर्शकों से नस्लीय दुर्व्यवहार का सामना करने के बाद भी उन्होंने टेस्ट श्रृंखला की ऐतिहासिक जीत में अहम भूमिका निभाई।
सिराज के पिता का 20 नवंबर को फेफड़े की बीमारी से निधन हो गया। इससे एक सप्ताह पहले ही सिराज भारतीय टीम के साथ आस्ट्रेलिया पहुंचे थे । उन्हें घर लौटने का विकल्प दिया गया लेकिन वह टीम के साथ रुके रहे।
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चार मैचों की श्रृंखला के सिडनी में खेले गये तीसरे टेस्ट में उन्हें दर्शकों से नस्लीय टिप्पणी का सामना करना पड़ा था। इन सब बाद उन्होंने श्रृंखला में भारत की ओर से सर्वाधिक 13 विकेट लिये जिससे टीम पिछड़ने बाद 2-1 से जीत दर्ज करने में सफल रही। शास्त्री ने 26 साल के इस गेंदबाज की तारीफ करते हुए ट्वीट किया, ‘‘गेंदबाजी आक्रमण के स्तर को ऊंचा करने वाले मोहम्मद सिराज इस दौरे की खोज है। उन्होंने व्यक्तिगत क्षति, नस्लीय टिप्पणियों का सामना करते हुए अच्छे प्रदर्शन के लिए इसे प्रेरणा की तरह लिया।’’
सीरीज के दूसरे टेस्ट मेलबर्न में पदार्पण करने वाले सिराज ने अनुभवी तेज गेंदबाजों के चोटिल होने के बाद उनकी कमी को बखूबी पूरा किया। ब्रिस्बेन में खेले गये चौथे टेस्ट में उन्होंने युवा भारतीय गेंदबाजों की अगुवाई करते हुए इस खेल के सबसे लंबे प्रारुप में पहली बार पांच विकेट (दूसरी पारी में) चटकाये। उन्होंने गाबा में खेले गये इस निर्णायक मुकाबले में 150 रन देकर सात विकेट लिये। इस मैच को भारतीय टीम ने तीन विकेट से जीत कर श्रृंखला में ऐतिहासिक सफलता हासिल की।
उन्होंने गुरूवार को भारत लौटने पर कहा था कि सिडनी टेस्ट में दर्शकों द्वारा नस्लीय टिप्पणियां किये जाने के बाद मैदानी अंपायरों ने उनकी टीम को तीसरा टेस्ट बीच में छोड़ने का विकल्प दिया था जिसे कप्तान अजिंक्य रहाणे ने ठुकरा दिया। वह स्वदेश लौटने पर अपने घर जाने से पहले मरहूम पिता की कब्र पर फूल चढाने गए थे।
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