अब मांकडिंग नहीं? MCC ने क्रिकेट के कई नियमों में किए बदलाव, यहां जानें नए नियमों की लिस्‍ट

MCC made few changes in rule books of cricket: एमसीसी ने क्रिकेट के नियमों की किताब में कुछ बदलाव किए हैं। रन आउट करने के मांकडिंग तरीके को हटा दिया गया है। बदलाव इसलिए किए गए क्‍योंकि आउट होने के तरीके से खेल भावना के ऊपर सवाल खड़े हो रहे थे।

Mankading undergoes big change in MCC rulebooks
मांकडिंग नियम में एमसीसी ने बड़ा बदलाव किया 
मुख्य बातें
  • कई सालों से मांकडिंग चर्चा का विषय बना हुआ है
  • एमसीसी ने ताजा नियमों में बड़े बदलाव किए हैं
  • लॉमेकर्स ने इसे अनुचित खेल सेक्‍शन से रन आउट में मूव कर दिया है

दुबई: क्रिकेट के नियमों के संरक्षक मेरिलबोन क्रिकेट क्लब (एमसीसी) ने दूसरे छोर पर खड़े बल्लेबाज को रन आउट करने संबंधी नियम को अब 'अनुचित खेल' श्रेणी से हटा दिया। इसके साथ ही गेंद को चमकाने के लिये लार के इस्तेमाल पर भी पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया और 2022 संहिता में ये बदलाव अक्टूबर से लागू होंगे। दूसरे छोर पर बल्लेबाज के क्रीज से आगे निकल आने के बाद रन आउट करने को लेकर काफी बहस होती रही है और इसे खेल भावना के विपरीत बताया जाता रहा है। भारत के अनुभवी ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन समेत कई खिलाड़ियों ने हालांकि इसे बल्लेबाज को आउट करने का उचित तरीका बताकर इसकी पैरवी की है।

एमसीसी ने मंगलवार की रात जारी बयान में कहा, 'दूसरे छोर पर खड़े बल्लेबाज को रन आउट करने संबंधी नियम 41 . 16 को नियम 41 (अनुचित) खेल से हटाकर नियम 38 (रन आउट) में डाल दिया गया है। नियम के शब्द समान रहेंगे।' सबसे पहले 1948 में इस तरह का वाकया हुआ था जब भारत के महान खिलाड़ी वीनू मांकड़ ने ऑस्ट्रेलियाई विकेटकीपर बिल ब्राउन को दूसरे छोर पर आउट किया था। उन्होंने इससे पहले बल्लेबाज को चेतावनी भी दी थी।

ऑस्‍ट्रेलियाई मीडिया ने इसे 'मांकेडिंग' करार दिया, लेकिन सुनील गावस्कर जैसे महान खिलाड़ियों ने इसे मांकड़ के प्रति अपमानजनक बताकर इसका कड़ा विरोध किया । एमसीसी ने यह भी कहा कि गेंद को चमकाने के लिये लार का प्रयोग अनुचति माना जायेगा। कोरोना महामारी के कारण आईसीसी ने लार के इस्तेमाल पर रोक लगा दी थी। एमसीसी ने कहा कि उसकी रिसर्च से पता चला है कि गेंद की मूवमेंट पर लार का कोई असर नहीं होता।

इसने कहा, 'कोरोना महामारी के बाद जब क्रिकेट बहाल हुआ तो विभिन्न प्रारूपों में खेलने की शर्तों में साफ लिखा था कि लार का इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा। एमसीसी की रिसर्च से पता चला कि गेंद की स्विंग पर लार का कोई असर नहीं होता। खिलाड़ी गेंद को चमकाने के लिये पसीने का भी इस्तेमाल करते हैं, जो समान रूप से प्रभावी है।'

इसमें कहा गया, 'नये नियम के तहत गेंद पर लार का प्रयोग नहीं हो सकेगा। इसके साथ ही फील्डरों के भी मीठी चीजें खाकर लार को गेंद पर लगाने पर रोक लगा दी गई है। लार का इस्तेमाल गेंद की स्थिति में बदलाव के अन्य अनुचित तरीकों की ही तरह माना जायेगा।'  संहिता में बदलाव का सुझाव एमसीसी नियमों की उपसमिति ने दिया है जिसे मुख्य समिति ने पिछले सप्ताह मंजूरी दे दी। ये बदलाव अक्टूबर से लागू होंगे।

एमसीसी के नियम प्रबंधक फ्रेसर स्टीवर्ट ने कहा, '2022 संहिता में कुछ बड़े बदलाव किये गए हैं। खेल के प्रति क्लब की वैश्विक प्रतिबद्धता को देखते हुए इनका ऐलान जरूरी था। अक्टूबर में इनके लागू होने से पहले दुनिया भर के अधिकारियों को इनके बारे में समझने का समय देना होगा।'

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