कराची: सुनील गावस्कर ने हाल ही में अपना 71वां जन्मदिन मनाया। पाकिस्तान के पूर्व कप्तान इंजमाम उल हक ने गावस्कर को उनके जन्मदिन पर शुभकामनाएं दी। क्रिकेट के सर्वकालिक महान बल्लेबाजों में से एक सुनील गावस्कर टेस्ट क्रिकेट में 10,000 रन पूरे करने वाले दुनिया के पहले बल्लेबाज हैं। गावस्कर की बल्लेबाजी की तारीफ करते हुए इंजमाम ने कहा कि किसी ने नहीं सोचा था कि लिटिल मास्टर टेस्ट क्रिकेट में 10,000 रन बनाएंगे, लेकिन महान भारतीय बल्लेबाज ने अन्य बल्लेबाजों के लिए ट्रेंड स्थापित कर दिया था।
इंजमाम ने इस दौरान 1992 में सुनील गावस्कर से जुड़ा एक किस्सा साझा किया। उन्होंने बताया कि शुरुआती करियर में किस तरह उन्हें शॉर्ट गेंद खेलने में तकलीफ होती थी। इंजमाम ने खुलासा किया कि 1992 विश्व कप के बाद वह पाकिस्तान टीम के साथ इंग्लैंड दौरे पर खराब फॉर्म से जूझ रहे थे। इंजमाम वहां के हालातों से वाकिफ नहीं थे और तेज गेंदबाजों द्वारा डाली जा रही शॉर्ट गेंदों पर उन्हें मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा था।
इंजमाम ने अपने यू-ट्यूब चैनल पर वो किस्सा याद करते हुए कहा, '1992 में शानदार प्रदर्शन के बाद इंग्लैंड दौरे के लिए मेरा सेलेक्शन पाकिस्तान टीम में हो गया। यह मेरा पहला इंग्लैंड दौरा था। मुझे कुछ पता नहीं था कि उन पिचों पर किस तरह खेलना है। मैं खराब दौर से गुजर रहा था और शॉर्ट पिच गेंदों का सामना नहीं कर पा रहा था।'
इंजमाम उल हक ने याद किया कि इंग्लैंड में एक चैरिटी मैच के दौरान उनकी मुलाकात सुनील गावस्कर से हुई, जहां उन्हें दिग्गज बल्लेबाज से सलाह मिली। गावस्कर ने इंजमाम को अपनी मानसिकता में कुछ बदलाव करने के लिए कहा और शॉर्ट पिच गेंदों के खिलाफ संघर्ष करने की बात को भूलने को कहा। गावस्कर ने बताया कि वह तेज गेंदबाजों का सामना करने के लिए किस तरह तैयारी करते हैं और गेंदबाजों को अपने ऊपर हावी नहीं होने देते।
इंजमाम ने कहा, 'हमारा इंग्लैंड का आधा दौरा होने को आया था जब एक चैरिटी मैच के दौरान मेरी मुलाकात सुनील गावस्कर से हुई। हम दोनों ही उस मैच में खेले थे। मैंने पूछा, सुनील भाई, शॉर्ट पिच गेंदों का सामना करने में मुझे तकलीफ हो रही है, क्या करूं?' महान बल्लेबाज की पहचान ही अलग होती है। उन्होंने मुझसे एक छोटी चीज करने को कहा। उन्होंने कहा कि बल्लेबाजी करते समय शॉर्ट पिच या बाउंसर के बारे में सोचना छोड़ दो क्योंकि जिस पल तुम्हारें मन में यह ख्याल आया, वो तुम्हें घेर लेंगे। उन्होंने कहा कि जब गेंदबाज गेंद डालेगा तो तुम्हें खुद ही समझ आ जाएगा। इस बारे में ज्यादा चिंता करने की जरूरत नहीं।'
इंजमाम ने कहा कि शुरुआत में मानसिक रूप से मजबूत होने में उन्हें थोड़ी तकलीफ हुई, लेकिन अभ्यास के साथ-साथ शॉर्ट पिच गेंदों के बारे में उनका डर खत्म हो गया। फिर पूरे करियर में कभी उन्हें शॉर्ट पिच गेंदों का डर नहीं सताया। इंजमाम ने 2008 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लिया था। पाकिस्तान के दिग्गज बल्लेबाज ने कहा, 'नेट्स पर मैंने वैसे ही बल्लेबाजी करना शुरू की, जैसा कि सुनील भाई ने बताया था। मैंने अपने दिमाग को मजबूत बनाया और खुद से कहा कि शॉर्ट गेंदों के बारे में नहीं सोचना है। वो कमी दूर हो गई। 1992 से जब तक मैंने संन्यास नहीं लिया, तब तक कभी मुझे यह डर नहीं सताया।' इंजमाम ने 378 वनडे और 120 टेस्ट में क्रमश: 11,739 व 8830 रन बनाए।
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