हैदराबाद: टीम इंडिया के पूर्व बाएं हाथ के स्पिनर प्रज्ञान ओझा को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ज्यादा खेलने का मौका तो नहीं मिला, लेकिन उन्होंने महान सचिन तेंदुलकर के साथ लंबे समय तक जरूर खेला। भारतीय टीम से लेकर मुंबई इंडियंस तक के ड्रेसिंग रूम में साथ रहते हुए ओझा ने मास्टर ब्लास्टर के साथ कई मैच खेले। उल्लेखनीय है कि तेंदुलकर के संन्यास वाली टेस्ट सीरीज प्रज्ञान ओझा के लिए भी आखिरी साबित हुई। वानखेड़े टेस्ट में 10 विकेट लेने के बावजूद उन्हें दूसरा मौका नहीं मिला।
ओझा ने दलीप ट्रॉफी और भारत ए के लिए खेलना जारी रखा, लेकिन 2014 में टीम से बाहर होने के बाद रविचंद्रन अश्विन और रवींद्र जडेजा की मौजूदगी में उनकी वापसी नहीं हो सकी। इस साल फरवरी में बाएं हाथ के स्पिनर ने क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की।
हाल ही में विज्डन इंडिया के साथ बातचीत में ओझा ने बताया कि 2009 में तेंदुलकर का विकेट लेने पर उन्हें टीम मालिक से विशेष गिफ्ट मिला था। मैच से पहले डेक्कन चार्जर्स के मालिक ने तेंदुलकर का विकेट लेने पर ओझा को गिफ्ट देने का वादा किया था।
ओझा ने कहा, 'यह डरबन की बात है। हमारा मैच था मुंबई इंडियंस से। हमारा मालिक मेरे पास आया और जिस तरह मैं दक्षिण अफ्रीका में गेंदबाजी कर रहा था तो उस पर मुझसे कहा। वो भी हैदराबाद से थे। टीम मालिक में से एक सदस्य हमारी स्थानीय लीग में हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन सिस्टम का हिस्सा थे। वो मुझे बचपन से जानते हैं। वो मेरे पास आए और बोले- प्रज्ञान अगर तूने सचिन तेंदुलकर का विकेट लिया तो निश्चित ही मैं तुझे विशेष गिफ्ट दूंगा।'
ओझा ने आगे कहा, 'उनको पता था कि मुझे घड़ी का काफी शौक है। मैंने उन्हें कहा, सर अगर मैंने विकेट लिया तो मुझे एक घड़ी चाहिए। अगले दिन ऐसा ही हुआ। मुझे सचिन पाजी का विकेट मिला और टीम मालिक में मुझे घड़ी गिफ्ट में दी।' बाएं हाथ के स्पिनर ने न सिर्फ तेंदुलकर का प्राइज्ड विकेट लिया, बल्कि अपने गेंदबाजी स्पेल से डेक्कन चार्जर्स को 12 रन की जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई। प्रज्ञान ओझा को प्रभावी प्रदर्शन के लिए प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया।
बता दें कि मुंबई इंडियंस की टीम इस मुकाबले में 169 रन के लक्ष्य का पीछा कर रही थी। कप्तान तेंदुलकर 27 गेंदों में 36 रन बनाकर आउट हुए जबकि जेपी डुमिनी ने 40 गेंदों में 47 रन बनाए, लेकिन मुंबई 12 रन से मैच गंवा बैठी।
14 मैचों में 10 जीत के साथ डेक्कन चार्जर्स लीग चरण में टेबल टॉपर थी। उसने रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर को मात देकर दूसरे एडिशन का खिताब जीता था। ओझा इस टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा विकेट लेने के मामले में चौथे नंबर पर थे। उन्होंने 18 विकेट चटकाए थे। उनके साथी आरपी सिंह 23 विकेट लेकर पर्पल कैप धारी बने थे। ओझा 2012 में मुंबई इंडियंस गए और फिर वहां 2015 तक खेले। ओझा ने आईपीएल करियर में 92 मैच खेले और 89 विकेट झटके। वहीं अंतरराष्ट्रीय करियर में ओझा ने 24 टेस्ट में 113 विकेट चटकाए।
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