IPL Auction: टेंपो ड्राइवर का बेटा बना करोड़पति, अब भी कुछ अधूरा महसूस कर रहा है, जानें वजह

Chetan Sakariya: चेतन सकारिया को आईपीएल नीलामी में राजस्‍थान रॉयल्‍स ने 1.20 करोड़ रुपए में खरीदा है। सकारिया ने कहा कि उनकी जिंदगी इस अनुबंध से जरूर बदलेगी, लेकिन फिर भी उन्‍हें अधूरापन महसूस हो रहा है।

chetan sakariya
चेतन सकारिया 
मुख्य बातें
  • टेंपो ड्राइवर के बेटे चेतन सकारिया को राजस्‍थान रॉयल्‍स ने 1.20 करोड़ रुपए में खरीदा
  • चेतन सकारिया ने पिछले महीने अपने छोटे भाई को खो दिया, जिसके वह काफी करीब थे
  • चेतन सकारिया ने कहा कि उनकी जिंदगी जरूर बदलेगी, लेकिन अधूरापन तब भी महसूस करेंगे

नई दिल्‍ली: आईपीएल 2021 नीलामी में कुछ मिनटों में राजस्‍थान रॉयल्‍स ने चेतन सकारिया को करोड़पति बना दिया। चेन्‍नई में संपन्‍न आईपीएल नीलामी में चेतन सकारिया को राजस्‍थान रॉयल्‍स ने 1.20 करोड़ रुपए में खरीदा। हालांकि, चेतन सकारिया को एक मलाल है। पिछले महीने क्रिकेटर ने अपने छोटे भाई को खो दिया, जिसके वह बेहद करीब थे। चेतन सकारिया ने कहा कि 1.20 करोड़ रुपए मिलने की उम्‍मीद नहीं थी, लेकिन इससे उनकी जिंदगी में बदलाव जरूर आएगा। मगर फिर भी वह अधूरा महसूस कर रहे हैं।

28 साल के बाएं हाथ के तेज गेंदबाज ने कहा, 'मेरे छोटे भाई ने जनवरी में आत्‍महत्‍या कर ली थी। मैं तब घर में नहीं था। मैं सैयद मुश्‍ताक अली ट्रॉफी का मैच खेलने गया हुआ था। मैं जब तक घर नहीं लौटा, तब तक पता ही नहीं था कि वह गुजर गया। मेरे परिवार ने भी यह खबर मुझसे साझा नहीं की। मैं राहुल के बारे में पूछता था तो बोलते थे कि वह बाहर गया है। कभी बोलते थे कि किराने का सामान लेने गया है। यह गैरमौजूदगी मेरी जिंदगी में बड़ा खालीपन ले आई है। अगर वो आज होता तो मुझसे भी ज्‍यादा खुश होता।'

कड़ा संघर्ष करके आगे बढ़े चेतन

चेतन सकारिया के लिए जिंदगी आसान नहीं रही। दो साल पहले तक चेतन के पिता कांजीभाई गुजरात स्थित भावनगर से 10 किमी दूर एक छोटे शहर वर्तेज में टेंपो चलाते थे ताकि परिवार पाल सकें। पांच साल पहले तक क्रिकेटर के घर में टीवी तक नहीं थी। चेतन सकारिया को मैच देखना होता था तो वह किसी दोस्‍त के घर जाते थे या फिर टीवी शोरूम के बाहर खड़े होते थे।

वैसे, आपको बता दें कि यूएई में संपन्‍न आईपीएल 2020 में चेतन सकारिया नेट बॉलर के रूप में आरसीबी के साथ थे। आरसीबी ने नीलामी में सकारिया में दिलचस्‍पी जरूर दिखाई, लेकिन रॉयल्‍स उन्‍हें अपने साथ जोड़ने में कामयाब रही। सकारिया ने कहा, 'मुझे उम्‍मीद थी कि इस बार आईपीएल में मौका मिलेगा क्‍योंकि यूएई में आरसीबी के साथ मैं था। कोच माइक हेसन और साइमन कैटिच ने मुझे कहा था कि मैंने आईपीएल टीम का हिस्‍सा बनने के लिए सभी चीजें सही की हैं। आरसीबी ने मुझे खरीदने की कोशिश जरूर की, लेकिन किसी भी टीम ने मुझे चुना, उससे खुशी मिली।'

लायक बनकर पिता को टेंपो चलाने से रोका

सकारिया का छोटा घर पड़ोसी और रिश्‍तेदारों से भर चुका था। सकारिया ने कहा कि आईपीएल में चुने जाने के बाद उनके पास लगातार फोन आ रहे हैं। चेतन सकारिया के पिता कभी नहीं चाहते थे कि बेटा क्रिकेटर बने, लेकिन उनके अंकल ने कहानी बदली। जब सकारिया सौराष्‍ट्र की टीम के नियमित गेंदबाज बने, तो उन्‍हें अपने पिता को टेंपो चलाने से संन्‍यास दिलाया।

सकारिया ने कहा, 'मैं कभी नहीं चाहता था कि पिता काम करें। मैंने उनसे कहा कि मैं परिवार का ध्‍यान रखूंगा। लोग मुझसे पूछते थे कि इतने सारे पैसों का क्‍या करूंगा। मैं कहता था कि पहले पैसे आने तो दो। मैं हमेशा से राजकोट में रहना चाहता था। हालांकि, अच्‍छा घर खरीदने के लिए मेरे पास पैसे नहीं थे। अब मेरी प्राथमिकता अच्‍छी जगह पर एक घर खरीदने की है।'

सरकारी नौकरी था परिवार वालों का लक्ष्‍य

सकारिया ने सौराष्‍ट्र को पिछले साल पहली बार रणजी ट्रॉफी खिताब दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी जब उन्‍होंने बंगाल को मात दी थी। सकारिया ने 15 फर्स्‍ट क्‍लास और 16 टी20 मैच खेले हैं। सकारिया के लिए शुरूआती दिन काफी कठिन थे क्‍योंकि परिवार की आर्थिक स्थिति अच्‍छी नहीं थी। उनके माता-पिता चाहते थे कि बेटा पढ़ाई पर ध्‍यान दे ताकि सरकारी नौकरी पा सके।

हालांकि, चेतन को अपने अंकल का भरपूर साथ मिला। इसके पीछे एक करार था। सकारिया को अंकल की स्‍टेशनरी की दुकान पर मदद करनी होती थी। तब अंकल उसकी स्‍कूल फीस भरते और क्रिकेट खेलने के लिए प्रोत्‍साहित भी करते। सकारिया के माता-पिता को इस बात की संतुष्टि थी कि बेटा खेलने के साथ-साथ पढ़ रहा है।

जयदेव उनादकट की चोट बनी वरदान

चेतन सकारिया को बड़ा ब्रेक तब मिला जब सौराष्‍ट्र अंडर-19 में उनका चयन हुआ। कूच बिहार ट्रॉफी में उन्‍होंने 18 विकेट झटके और एमआरएफ पेस फाउंडेशन में उनका चयन हो गया। सकारिया ने याद किया कि एमआरएफ पेस फाउंडेशन में जाने से कुछ समय पहले ही उन्‍हें गेंदबाजी के स्‍पाइक्‍स मिले थे। यह उनके टीम के साथी ने प्रदर्शन से खुश होकर गिफ्ट में दिए थे।

इसके बाद 2018-19 में चेतन सकारिया ने रणजी ट्रॉफी डेब्‍यू किया। उस साल तेज गेंदबाज जयदेव उनादकट चोटिल हो गए थे और सकारिया को मौका मिला। डेब्‍यू में सकारिया ने पांच विकेट झटके और सीजन में करीब 30 विकेट चटकाए। हालांकि, सभी खिलाड़‍ियों के समान सकारिया को भी आईपीएल अनुबंध की दरकार थी। वह शीर्ष क्रिकेटरों के साथ ड्रेसिंग रूम साझा करना चाहते थे, जिसका वो सपना देखा करते थे।

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