नयी दिल्ली: भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) अध्यक्ष सौरव गांगुली ने चीनी मोबाइल कंपनी वीवो के साथ इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) टाइटल प्रायोजन करार के निलंबित होने को महज एक 'झटका' करार दिया और उन चर्चाओं को खारिज किया कि इससे 'वित्तीय संकट' उत्पन्न हो सकता है। बीसीसीआई और वीवो ने भारत और चीन की सीमा पर हुई सैनिकों की भिड़ंत के कारण चीनी उत्पादों के बहिष्कार करने की बातों के चलते गुरूवार को 2020 आईपीएल के लिये अपनी भागीदारी निलंबित करने का फैसला किया जो 19 सितंबर से संयुक्त अरब अमीरात में हो रही है।
टाइटल प्रायोजन आईपीएल के व्यवसायिक राजस्व का अहम हिस्सा है, जिसका आधा भाग सभी आठों फ्रेंचाइजी में बराबर बराबर बांटा जाता है। वीवो ने 2018 से 2022 तक पांच साल के लिये 2190 करोड़ रूपये में (प्रत्येक वर्ष 440 करोड़ रूपये) आईपीएल टाइटल प्रायोजन अधिकार हासिल किये थे।
गांगुली ने शैक्षिक किताबों के प्रकाशक एस चंद ग्रुप द्वारा शनिवार को आयोजित वेबिनार के दौरान कहा, 'मैं इसे वित्तीय संकट नहीं कहूंगा। यह महज छोटा सा झटका है। बीसीसीआई बहुत मजबूत संस्था है - बीते समय में खेल, खिलाड़ियों, प्रबंधकों ने इस खेल को इतना मजबूत बना दिया है कि बीसीसीआई इन सभी झटकों से निपटने में सक्षम है।'
गांगुली ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद के शुक्रवार को भारत को 2021 पुरूष टी20 विश्व कप के मेजबान बरकरार रखने के फैसले के बारे में भी बात की।
उन्होंने कहा, 'भारत को 2021 और 2023 विश्व कप की मेजबानी अधिकार दिये गये थे इसलिये इसमें बड़ा बदलाव नहीं हुआ। हां, कोविड-19 ने सभी को सतर्क रखा, लेकिन यह ऐसा ही है।'
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