यूपी पुलिस के आठ जवानों की हत्या का मुख्य आरोपी विकास दुबे आज सुबह कानपुर में पुलिस मुठभेड़ में मारा गया। 2 जुलाई की रात कानपुर के नजदीक बिकरू गांव में विकास दुबे ने दबिश देने आए पुलिसकर्मियों की निर्मम हत्या कर दी थी और फरार हो गया था। 8 दिन में पुलिस ने 8 साथियों की शहादत का बदला ले लिया और विकास दुबे को एनकाउंटर में मार गिराया।
यह घटना उस वक्त हुई जब यूपी एसटीएफ की टीम विकास दुबे को उज्जैन से कानपुर लेकर पहुंची और बर्रा के पास अचानक रास्ते में गाड़ी पलट गई। इस दौरान विकास पुलिस के चंगुल से बचकर भागने के फिराक में था। उसने पुलिस की पिस्टल भी छीन ली। जवाब में पुलिस ने गोलियां चलाईं और उससे आत्मसमर्पण करने को कहा। जब विकास नहीं माना तो पुलिस ने उसका एनकाउंटर कर दिया। कार्रवाई में उसकी मौत हो गई जबकि चार पुलिसकर्मी भी घायल हो गए।
विकास दुबे के एनकाउंटर पर कानपुर मुठभेड़ में शहीद पुलिसकर्मी जितेंद्र सिंह के पिता का कहना है- मैं उत्तर प्रदेश प्रशासन को धन्यवाद करता हूं और मैं आज बहुत खुश हूं। आज मुझे गर्व है कि मेरे बेटे की शहादत खाली नहीं गई। आज मेरे बेटे की आत्मा को संतुष्टि मिलेगी।
वहीं औरैया में शहीद सिपाही राहुल के परिजनों ने विकास दुबे को मार गिराए जाने की खबर पर कहा कि जो हुआ ठीक हुआ। विधूना के रुरुकलां के रहने वाले राहुल की बहन ने कहा कि आज (शुक्रवार) भाई का शांति हवन है और विकास दुबे के एनकाउंटर से उसकी आत्मा को शांति मिलेगी। वहीं शहीद सिपाही सुल्तान सिंह की पत्नी ने भी विकास दुबे के मौत पर संतोष जताया है।
बता दें कि 2 जुलाई की रात विकास दुबे के घर दबिश देने गए एक सीओ, एक एसओ, दो एसआई तथा 4 जवान समेत 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे। शहीद होने वालों में डिप्टी एसपी देवेंद्र मिश्रा और पुलिसकर्मी भी शामिल थे। उनके परिवार के लोग इस घटना के बाद से ही विकास दुबे को सजा देने की मांग कर रहे थे। सभी शहीदों के परिवार के लोग विकास दुबे के एनकाउंटर से खुश हैं।