मुंबई: महाराष्ट्र पुलिस के आतंकवाद निरोधक दस्ते (ATS) ने दुर्दांत अपराधी विकास दुबे के दो फरार सहयोगियों को महाराष्ट्र के ठाणे से गिरफ्तार किया है।दुबे का सहयोगी अरविंद उर्फ गुड्डन रामविलास त्रिवेदी कानपुर जिले में कुख्यात अपराधी के घर छापेमारी के दौरान आठ पुलिसकर्मियों की हत्या में संलिप्त था। एटीएस के पुलिस अधीक्षक विक्रम देशमाने ने कहा कि त्रिवेदी और उसके चालक सुशील कुमार उर्फ सोनू तिवारी को ठाणे शहर के कोलशेट इलाके से गिरफ्तार किया गया।
बिकरू गांव में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या करने के बाद दुबे एवं अन्य के साथ त्रिवेदी भी फरार हो गया था। हमले में पुलिस उपाधीक्षक सहित आठ पुलिसकर्मी मारे गए थे।देशमाने ने कहा कि एटीएस की जुहू इकाई को पता चला कि त्रिवेदी छिपने के लिए मुंबई आया हुआ है।उन्होंने कहा कि पूर्व 'एनकाउंटर स्पेशलिस्ट' निरीक्षक दयानायक की अगुवाई में टीम ने कोलशेट से दोनों को गिरफ्तार कर लिया।
एसपी ने कहा कि प्रारंभिक पूछताछ में त्रिवेदी ने स्वीकार किया कि वह और दुबे 2001 में उत्तरप्रदेश में नेता संतोष शुक्ला की हत्या और कई अन्य अपराधों में शामिल थे।उन्होंने कहा कि एटीएस ने उत्तरप्रदेश पुलिस के विशेष कार्यबल को गिरफ्तारी के बारे में सूचना दे दी है। कानपुर कांड में शामिल कुख्यात विकास दुबे शुक्रवार को एक कथित मुठभेड़ में मारा गया था।
कानपुर के चौबेपुर थाने में आने वाले बिकरू गांव में विकास दुबे और उसकी टीम ने पुलिस टीम पर ताबड़तोड़ गोलियां चलाकर आठ पुलिस कर्मियों की हत्या कर दी थी बाद में विकास दुबे मध्य प्रदेश के उज्जैन में प्रसिद्ध महाकाल मंदिर से पकड़ा गया था और वहां से कानपुर ले जाने के दौरान रास्ते में भागने के प्रयास में विकास पर यूपी पुलिस ने गोली चलाई और वह मारा गया, इस घटना से जुड़े करीबी सूत्रों का कहना है कि गाड़ी पलटने के बाद विकास दुबे पिस्टल छीनकर भागने की कोशिश की। जिसके बाद पुलिस ने उसका पीछा किया और मुठभेड़ शुरू हुई।
पुलिस ने इस बारे में आधिकारिक रूप से कहा था कि उज्जैन से लाए जाते समय काफिले की एक गाड़ी कानपुर के पास पलट गई। इस हादसे के बाद विकास ने पुलिसकर्मी का हाथियार छीनकर भाग गया जिसके बाद मुठभेड़ शुरू हुई और इस मुठभेड़ में वह घायल हुआ घायल अवस्था में उसे अस्पताल ले जाया गया फिर उसकी मौत हो गई।