Delhi Pollution: दिल्‍ली में स्‍मॉग संकट गहराया, CPCB ने कहा- आपात कदम के लिए रहें तैयार, क्‍या फिर लागू होगा ऑड-ईवन फॉर्मूला?

Delhi Pollution: दिल्‍ली में गहराते स्‍मॉग संकट के बीच केंद्रीय प्रदूषण बोर्ड ने जहां सरकारों से आपात कदम उठाने के लिए तैयार रहने को कहा है, वहीं वाहनों का इस्‍तेमाल 30 फीसदी तक कम करने पर भी जोर दिया है। ऐसे में सवाल है, क्‍या दिल्‍ली में फिर लागू होगा ऑड-ईवन फॉर्मूला?

दिल्‍ली में स्‍मॉग संकट गहराया, क्‍या फिर लागू होगा ऑड-ईवन फॉर्मूला? CPCB ने कहा- आपात कदम के लिए रहें तैयार
दिल्‍ली में स्‍मॉग संकट गहराया, क्‍या फिर लागू होगा ऑड-ईवन फॉर्मूला? CPCB ने कहा- आपात कदम के लिए रहें तैयार  |  तस्वीर साभार: BCCL
मुख्य बातें
  • दिल्‍ली-एनसीआर में स्‍मॉग संकट के बीच CPCB ने आपात कदम उठाने के लिए तैयार रहने को कहा है
  • केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने वाहनों का इस्‍तेमाल 30 फीसदी तक कम करने की सलाह भी दी है
  • बढ़ती ठंड और हवा की कम रफ्तार के बीय यहां 18 नवंबर तक स्थितियां अनुकूल होने के आसार नहीं हैं

नई दिल्‍ली : राष्‍ट्रीय राजधानी दिल्‍ली में प्रदूषण का संकट कम होता नजर नहीं आ रहा है। शनिवार को भी यहां वायु गुणत्‍ता सूचकांक (AQI) 499 दर्ज किया गया, जो हवा में भारी मात्रा में प्रदूषक तत्‍वों की मौजूदगी के कारण वायु प्रदूषण की गंभीर स्थिति को दर्शाता है। स्‍मॉग के कारण बिगड़ते हालात के बीच अब केंद्रीय प्रदूषण बोर्ड ने भी चेतावनी जारी की है और राज्‍य सरकारों से हालात को नियंत्रित करने के लिए 'आपात' कदम उठाने के लिए तैयार रहने को कहा है।

दिल्‍ली-एनसीआर में अक्‍टूबर के आखिर से ही प्रदूषण की स्थिति विकराल बनी हुई है, जिसमें दिवाली के बाद और बढ़ोतरी हुई है। इसमें पराली जलाने की घटनाओं के साथ-साथ दिवाली पर हुई आतिशबाजी का भी अहम योगदान है। बढ़ती ठंड व गिरते तापमान तथा हवा की कम होती रफ्तार के बीच यहां के वातावरण में धुंध साफ देखी जा सकती है। इन सबके बीच केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) ने हालात की गंभीरता को देखते हुए लोगों को घरों से कम से कम बाहर निकलने और वाहनों का इस्‍तेमाल कम करने की सलाह दी है।

वाहनों का इस्‍तेमाल 30 फीसदी तक कम करने की सलाह

CPCB के मुताबिक, दिल्‍ली-एनसीआर में 18 नवंबर तक स्थितियां अनुकूल होने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं। ऐसे में जरूरी है कि लोग बहुत आवश्‍यक होने पर ही घरों से बाहर निकलें। बोर्ड ने सरकारी और निजी कार्यालयों को वाहनों का इस्‍तेमाल 30 फीसदी तक तक करने के लिए कहा है। इसके लिए वर्क-फ्रॉम होम करने, कार पूलिंग जैसे उपाय अपनाने की सलाह दी गई है। साथ ही यह भी कहा है कि सरकार प्रदूषण नियंत्रण के लिए 'आपात कदम' उठाने के लिए भी तैयार रहें। कार्यान्वयन एजेंसियों को इस संबंध में की गई कार्रवाइयों की बारीकी से निगरानी करने और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड्स तथा संबंधित समितियों को रोजाना रिपोर्ट देने के लिए भी कहा गया है।

प्रदूषण नियंत्रण के लिए वाहनों का इस्‍तेमाल 30 फीसदी तक कम करने की CPCB की सलाह इसलिए भी महत्‍वपूर्ण है, क्‍योंकि सेंटर फॉर साइंस एंड एन्‍वायरमेंट (CSE) की एक रिपोर्ट में दिल्‍ली-एनसीआर में प्रदूषण का सबसे अहम कारक वाहनों को बताया गया है। इसके मुताबिक, दिल्‍ली के प्रदूषण में वाहनों से निकलने वाले प्रदूषण की भागीदारी सबसे अधिक लगभग 50 फीसदी है। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्‍या दिल्‍ली में प्रदूषण नियंत्रण के लिए एक बार फिर से ऑड-ईवन फॉर्मूला लागू होगा?

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