CBSE Students Skill Training: पहली बार स्कूलों के 50 प्रतिशत छात्रों को स्किल ट्रेनिंग, सीबीएसई कर रहा तैयारी

CBSE Skill Training Students: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड यानी सीबीएसई की ओर से अब छात्रों को पढ़ाई के साथ पहली बार स्किल की भी ट्रेनिंग देने की तैयारी की जा रही है। स्कूलों के 50 प्रतिशत छात्रों को यह सुविधा दी जाएगी।

CBSE 50 percent students skill training
सीबीएसई के 50 प्रतिशत छात्रों को मिलेगी स्किल ट्रेनिंग (Photo Credit - iStock) 
मुख्य बातें
  • अब सीबीएसई स्कूलों में पढ़ाई के साथ स्किल की भी मिलेगी ट्रेनिंग
  • केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की ओर से तैयार किया जा रहा पाठ्यक्रम
  • देश भर के सीबीएसई स्कूलों में होगी यह नई शुरुआत।

CBSE Preparing for Skill Training to Students: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड सीबीएसई के स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों को सामान्य शिक्षा के अलावा स्किल संबंधी पाठ्यक्रम भी ऑफर होंगे। सीबीएसई बोर्ड का इस बारे में कहना है कि उनके स्कूलों के लिए कम से कम 50 फीसदी छात्रों को इस प्रकार के स्किल पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया जाएगा। पूरे देश के सीबीएसई स्कूलों के लिए यह एक नई शुरूआत होने जा रही है और यह पहली बार है जब 50 प्रतिशत छात्रों के लिए स्कूलों के अंदर ही स्किल ट्रेनिंग की सुविधा शुरू की जा रही है।

आईएएनएस की रिपोर्ट के अनुसार इस स्किल एजुकेशन प्रोग्राम पर सीबीएसई के अध्यक्ष, मनोज आहूजा ने कहा, 'हमारी राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार, स्कूली छात्रों को कम से कम 50 प्रतिशत कौशल शिक्षा का अनुभव होना चाहिए।'

नई शिक्षा नीति के इस प्रावधान को लागू करते हुए स्कूली छात्रों के बीच रोजगार कौशल को बढ़ावा देने के लिए सीबीएसई और स्किल काउंसिल के बीच यह एक समझौता हुआ है।

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सीबीएसई ने योगा और ब्यूटी एंड वेलनेस सेक्टर स्किल काउंसिल के साथ 9वीं से 12वीं कक्षा के लिए ब्यूटी एंड वेलनेस के क्षेत्र में छात्रों को कुशल बनाने जॉब रोल्स के लिए एमओयू भी साइन किया है।

सीबीएसई के अध्यक्ष, मनोज आहूजा ने कहा, इस सहयोग में आगे चलकर स्कूल इकोसिस्टम में 'कौशल शिक्षकों का प्रशिक्षण' भी शामिल होगा। ब्यूटी एंड वेलनेस सेक्टर स्किल काउंसिल के समर्थन से हम यह सुनिश्चित करेंगे कि सीबीएसई स्कूलों में प्रशिक्षित शिक्षक उपलब्ध हों।

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सीबीएसई के अध्यक्ष ने कहा कि मुझे बेहद गर्व है कि सीबीएसई ने 11 वीं और 12 वीं कक्षा के छात्रों के लिए कौशल के रूप में योगा जैसे विषय को भी लॉन्च किया है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति, छात्रों के लिए शारीरिक, सामाजिक, भावनात्मक और मानसिक कल्याण सहित समग्र शिक्षा की बात करती है। योगा समग्र विकास का एक अभिन्न अंग है। स्कूली छात्रों के लिए योगा को एक कौशल विषय के रूप में संस्थागत बनाने का यह प्रयास न सिर्फ उन्हें रोजगार योग्य बनाएगा, बल्कि उनके अपने 360-डिग्री विकास में भी सहयोग देगा।

मोनिका बहल, सीईओ- बी एंड डब्ल्यूएसएससी के अनुसार राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (एनईपी-2020) के तहत, नौवीं से बारहवीं कक्षा के सीबीएसई छात्रों के लिए सौंदर्य और योग एनएसक्यूएफ अनुपालन कौशल पाठ्यक्रम शुरू किए जाएंगे। बी एंड डब्ल्यूएसएससी इन विषयों में सीबीएसई स्कूल के शिक्षकों के लिए ट्रेन द ट्रेनर कार्यक्रम भी आयोजित करेगा, ताकि उनके छात्रों के उद्योग के लिए आवश्यक कौशल आधारित प्रशिक्षण को संरेखित किया जा सके।

छात्र कक्षा 9 और 10 के लिए स्तर 3 पाठ्यक्रम और कक्षा 11 और 12 के लिए स्तर 4 पाठ्यक्रम चुन सकते हैं। ये कौशल आधारित पाठ्यक्रम छात्रों को उनकी स्कूली शिक्षा पूरी होने पर नौकरी, व्यवसाय के लिए तैयार करेंगे और बी एंड डब्ल्यूएसएससी इसमें उनकी सहायता करेंगे। ये वोकेशनल कोर्स दो साल की अवधि के लिए चलेंगे और स्कूलों में केवल छात्रों को उनकी चुनी हुई स्ट्रीम में कौशल प्रदान करने के उद्देश्य से संचालित किए जाएंगे।

स्कूलों में कौशल-आधारित शिक्षा की शुरूआत से छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए अपने चुने हुए कौशल विषय में अच्छी तरह से परिभाषित करियर पथ पर ध्यान केंद्रित करने और अपनी ऊर्जा का उपयोग करने में मदद मिलेगी और उन्हें भारत की अर्थव्यवस्था में प्रवेश करने और सम्मानजनक आजीविका अर्जित करने में भी मदद मिलेगी।

स्कूलों में कौशल शिक्षा (स्किल एजुकेशन) की शुरूआत, छात्रों को परिभाषित करियर पथ की ओर केंद्रित करने में मदद देगी और उन्हें भारत की गिग अर्थव्यवस्था में प्रवेश करने और सम्मानजनक आजीविका कमाने में भी मदद देगा।

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