Teacher's Day Date: भारत से एक महीने बाद शिक्षक दिवस मनाती है दुनिया, जानिए इस अंतर की वजह

Why India and World Teacher's Day Date Difference: भारत 5 सितंबर 2022 को शिक्षक दिवस 2022 मनाएगा। हालांकि, बाकी पूरी दुनिया इसे संयुक्त राष्ट्र की ओर से निर्धारित दिन 5 अक्टूबर को विश्व शिक्षक दिवस यानी वर्ल्ड टीचर्स डे के रूप में मनाया जाता है। जानिए इस डेट में अंतर की वजह और कुछ अनजानी बातें।

India and World Teacher's Day Date Difference
India and World Teacher's Day Date Difference 
मुख्य बातें
  • भारत में हर साल 5 सितंबर को मनाया जाता है शिक्षक दिवस।
  • एक महीने बाद अक्टूबर में होता है विश्व शिक्षक दिवस।
  • संयुक्त राष्ट्र के तहत कई संगठन 5 अक्टूबर को मनाते हैं वर्ल्ड टीचर्स डे।

World Teacher's Day Date 2022: क्या आपने कभी सोचा है कि भारत दुनिया के बाकी हिस्सों की तुलना में अलग दिन को शिक्षक दिवस के रूप में क्यों मनाता है? शिक्षक दिवस 2022 के अवसर पर, यहां पर आइए एक नजर डालते हैं कि भारत अपने शिक्षकों को 5 सितंबर को क्यों मनाता है, ना कि विश्व शिक्षक दिवस के अवसर पर 5 अक्टूबर को। संयुक्त राष्ट्र के तहत कई संगठनों जैसे यूनेस्को, आईएलओ और यूनिसर ने 5 अक्टूबर को विश्व शिक्षक दिवस माना है। हालांकि, भारत ने सितंबर महीने में इसे मनाना जारी रखा है।

भारत हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाता है। यह डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती के सम्मान में किया जाता है, जो स्वतंत्र भारत के पहले उपराष्ट्रपति थे। डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन, जिन्होंने 1962 से 1967 तक भारत के राष्ट्रपति के रूप में भी कार्य किया, वह एक प्रसिद्ध विद्वान, दार्शनिक और भारत रत्न थे।

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5 सितंबर को ही क्यों चुना गया?
राधाकृष्ण एक मेधावी छात्र थे और बाद में अपने जीवन में एक प्रसिद्ध शिक्षक भी बने। उनके जन्मदिन के अवसर पर, उनके कुछ छात्रों ने राष्ट्रपति के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान उनका जन्मदिन मनाने के लिए उनसे संपर्क किया। इस अनुरोध पर, पूर्व राष्ट्रपति ने 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया, ताकि भारत में सभी शिक्षकों की सराहना और आभार प्रकट किया जा सके और देश की शिक्षा प्रणाली और मॉडल के प्रति उनके योगदान का जश्न मनाया जा सके।

राष्ट्रपति के रूप में अपने कार्यकाल से पहले, सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने 1931 से 1936 तक आंध्र विश्वविद्यालय के कुलपति के रूप में भी कार्य किया और बाद में 1939 में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के कुलपति बने।

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देश भर के स्कूल शिक्षक दिवस के जश्न में शामिल हैं। भारत सरकार हर साल ऐसे शिक्षकों को राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान करती है, जिन्होंने अपने-अपने क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान दिया है और देश में शिक्षा की समग्र बेहतरी की है। ऐसे में अपने पूर्व राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति की याद में ही भारत ने शिक्षक दिवस मनाना जारी रखा है जबकि संयुक्त राष्ट्र की ओर से 5 अक्टूबर के दिन को भारत में नहीं मनाया जाता जोकि विश्व शिक्षक दिवस के रूप में जाना जाता है।

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