अनलॉक-2 में नौनिहालों के लिए ऑनलाइन पढ़ाई की कितनी सार्थकता

एजुकेशन
अनुभव खंडेलवाल
अनुभव खंडेलवाल | स्पेशल कॉरोस्पोंडेंट
Updated Jul 01, 2020 | 17:34 IST

Online class for children: लॉकडाउन,अनलॉक और कोरोना के बीच ऑनलाइन क्लास एक चुनौती के साथ जरूरत के रुप मे भी उभरा है जिसे लेकर अभिभावकों और शिक्षकों की अलग-अलग राय है।

Online classes
अनलॉक में ऑनलाइन पढ़ाई की बढ़ी मांग।   |  तस्वीर साभार: Times Now
मुख्य बातें
  • कोरोना,लॉकडाउन के बीच ऑनलाइन क्लास अब जरूरत बन गई है
  • स्कूल-कॉलेज बंद है लिहाजा इसके अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है
  • ऑनलाइन क्लासेज को लेकर अभिभावकों की अलग अलग राय है

नई दिल्ली: अनलॉक 2 की गाइडलाइन आते ही प्री-प्राइमरी क्लास के छात्रों को एक बार फिर निराशा हुई। पिछले 4 महीने से स्कूल और कॉलेज कोरोना महामारी के चलते बंद किये जा चुके है। ऐसे में अभिभावक की परेशानी और बढ़ गयी है। उनका कहना है की जनवरी में जिन छात्रों का दाखिला प्री नर्सरी या फिर प्ले ग्रुप श्रेणी के स्कूल में किया जा चुका है उनके क्लास किस प्रकार से शुरू किये जा सकेंगे। ऐसे में कई स्कूल मैनेजमेंट का कहना है कि जुलाई महीने में जहां स्कूल नहीं खोले जा सकते वहीं एक और विकल्प स्कूल के पैरेंट्स के सामने रखा है और वो है ऑनलाइन क्लास का ।

मोबाइल पर पढ़ाई कम और खेल ज्यादा

ऐसे दौर में अभिभावकों ने कभी ऐसा नहीं सोचा होगा की उनके बच्चो की सबसे पहली क्लास ऑनलाइन होगी। ऑनलाइन क्लास में लैपटॉप और मोबाइल के जरिए  बच्चो को एक्टिविटी दी जाती है । अभिभावकों का मानना है कि बच्चो की उम्र कम होने के कारण बच्चे लैपटॉप और मोबाइल पर पढ़ाई कम और खेल ज्यादा करते है।

दोनों की फीस एक जैसी कैसे?

नॉएडा में रहने वाली नेहा का कहना है की उनकी बेटी 3 साल की है और आज ऑनलाइन एक्टिविटी में उनकी बेटी को कलर बुक में कलर करने को कहा गया था, पर उम्र कम होने के कारण उनकी बेटी खेल में ज्यादा व्यस्त थी। नेहा का मानना है कि ऐसे समय में स्कूल के द्वारा दिया गया सिलेबस कैसे खत्म होगा। अभिभावकों का मानना है की 3 महीने से स्कूल न शुरू होने की वजह से बहुत समय खराब हो चुका है ऐसे में ऑनलाइन क्लास कितने मददगार साबित होंगे,यह कहना मुश्किल है। ऐसे में स्कूल द्वारा ली जा रही फीस भी पैरेंट्स को परेशानी में डाल रही है। कुछ पैरेंट्स का मानना है की ऑनलाइन क्लास और स्कूल क्लास की फीस एक सामान कैसे हो सकती है।

अनलॉक में ऑनलाइन क्लास ही विकल्प

दिल्ली में एक निजी स्कूल कालका पब्लिक की प्रिंसिपल डॉ ओनिका मल्होत्रा का कहना है कि क्लास टीचर ने अभिभावकों से बात करके और ऑनलाइन क्लास की महत्ता बताकर ही टाइम टेबल निर्धारित किया है। डॉ ओनिका का कहना है की बच्चे लॉकडाउन में बाहर नहीं जा सकते थे इसकी वजह से घर में ही  ऑनलाइन एक्टिविटी कराई जाती थी और टीचर समय समय पर पैरेंट्स से कोर्डिनेट करते हैं। जाहिर सी बात है ऐसे समय में अभिभावकों के पास ऑनलाइन क्लास के आलावा और कोई भी दूसरा विकल्प भी नहीं है । केंद्र सरकार द्वारा जारी की गयी गाइडलाइन के तहत देश के सभी स्कूल और कॉलेज 31 जुलाई तक बंद रहेंगे

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