NEET UG Counselling 2021 can be delayed: केंद्र और चिकित्सा परामर्श समिति की ओर से अखिल भारतीय कोटे की मेडिकल सीटों में ओबीसी को 27 प्रतिशत और ईडब्ल्यूएस छात्रों को 10 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने के खिलाफ एक याचिका दायर की गई है। ऐसे में इस साल नीट यूजी काउंसलिंग प्रक्रिया में देरी हो सकती है। एमसीसी ने 10 दिसंबर को स्नातक मेडिकल उम्मीदवारों को सूचित किया कि मामला भारत के सर्वोच्च न्यायालय में लंबित है और अगली सुनवाई 6 जनवरी को होगी। ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि मामले पर शीर्ष अदालत के फैसले के बाद ही नीट काउंसलिंग 2021 शुरू हो पाएगी।
NEET PG काउंसलिंग में भी इसी के चलते देरी हुई है। मालूम हो कि जुलाई में केंद्र ने केंद्रीय पूल के तहत आने वाली सभी मेडिकल सीटों पर 27 प्रतिशत ओबीसी और 10 प्रतिशत ईडब्ल्यूएस आरक्षण का विस्तार करने का निर्णय लिया था। इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी। पिछली सुनवाई में ईडब्ल्यूएस श्रेणी के लिए वार्षिक आय मानदंड के रूप में 8 लाख रुपये तय करने को लेकर सवाल उठाया था और इस पर केंद्र की प्रतिक्रिया मांगी गई थी।
चार सप्ताह में आएगा फैसला
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने नवंबर में शीर्ष अदालत को बताया कि केंद्र ईडब्ल्यूएस आरक्षण के लिए निर्धारित 8 लाख रुपये के आय मानदंड पर फिर से विचार करेगा और चार सप्ताह में फैसला करेगा। ऐसे में नीट पीजी काउंसलिंग प्रक्रिया तब तक शुरू नहीं होगी। हालांकि एमसीसी स्पष्ट रूप से यह नहीं बताता है कि नीट यूजी काउंसलिंग में देरी क्यों हुई।
जारी किया गया बयान
चिकित्सा परामर्श समिति (एमसीसी) की ओर से एनईईटी-यूजी, 2021 काउंसलिंग में भाग लेने के इच्छुक सभी उम्मीदवारों के लिए एक सूचना जारी की है। जिसमें लिखा गया है कि कार्यालय ज्ञापन दिनांक 30.07.2021 भारत के माननीय सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष चुनौती के अधीन है। कार्यवाही 6 जनवरी 2022 को सूचीबद्ध की जाएगी।"