50 रुपये के लिए संघर्ष करनेवाला बना असिस्टेंट कमिश्नर, आनंद बोले- 'मेरे सीने में नहीं तो तेरे सीने में सही'

मेहनत की जाए तो मंजिल तक पहुंचा जा सकता है। कभी 50 रुपए के लिए जिंदगी में संघर्ष करनेवाला एक व्यक्ति ने लोक सेवा आयोग की परीक्षा कर असिस्टेंट कमिश्नर का पद हासिल किया है।

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सुपर-30 के संस्थापक आनंद कुमार कृष्ण राय के साथ  |  तस्वीर साभार: Twitter

पटना:  कहा जाता है कि अगर हौसला बुलंद हो और समर्पण भाव से मेहनत की जाए, तो कुछ भी हासिल किया जा सकता है। ऐसे ही उदाहरण छात्र कृष्ण राय का जीवन भी है। कृष्ण राय कभी 50 रुपए के लिए संघर्ष करते थे, लेकिन कड़ी मेहनत के बूते उन्होंने लोक सेवा आयोग की परीक्षा कर असिस्टेंट कमिश्नर का ओहदा हासिल कर लिया। जब छात्र बड़ा ओहदे पर पहुंच गया तब उसके शिक्षक और सुपर 30 के संस्थापक आनंद कुमार ने अपने ट्विटर हैंडल से कृष्ण राय की जीवनी साझा की, जो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है।

चर्चित शिक्षण संस्थान सुपर-30 के संस्थापक आनंद कुमार ने छात्र की जीवनी को शेयर करते हुए लिखते हैं, '' राय को जीवन में काफी संघर्षों का सामना किया लेकिन कभी हिम्मत नहीं हारी। आज वह असिस्टेंट कमिश्नर के पद पर पहुंच गए हैं। ''

आनंद ने अपने फेसबुक पेज और ट्विटर हैंडल से लिखा, ''कभी 50 रुपए के लिए भी कई दिनों तक लगातार संघर्ष करने वाला मेरा शिष्य कृष्ण कुमार राय सुपर 30 के रास्ते जब यूपीएससी क्वालीफाई करके असिस्टेंट कमिश्नर बनकर आज मुझसे पहली बार मिलने आया तब मुझे सच में शिक्षक होने पर गर्व होने लगा। समाज के दबे-कुचले लोगों के प्रति उसकी संवेदनशीलता को देखकर मुझे यही लगा कि, 'मेरे सीने में नहीं तो तेरे सीने में सही, हो कहीं भी आग, लेकिन आग जलनी चाहिए।''

यह ट्वीट खूब वायरल हो रहा है। लोग बड़ी संख्या में इसे लाइक और शेयर कर रहे हैं। अब तक इसे करीब 34.6 हजार लाइक्स मिल चुके हैं। चार हजार से ज्यादा बार इसे रिट्वीट किया गया है। बड़ी संख्या में लोगों ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। इन प्रतिक्रियाओं में लोग आनंद और उनके शिष्य कृष्ण राय के काम की सराहना कर रहे हैं। इस ट्वीट के साथ ही आनंद कुमार ने कृष्ण राय के साथ खुद की एक तस्वीर भी शेयर की है। आनंद कहते भी हैं कि छात्र जब उंचे ओहदे पर पहुंच जाता है तो उनको खुशी मिलती है।

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