लखनऊ: यूपी में 3 से 14 साल के बच्चों के लिए पढ़ने के लिहाज से एक अच्छी पहल शुरू की गई है जिसका मकसद बौद्धिक और शैक्षिक विकास है। उत्तर प्रदेश में बेसिक शिक्षा विभाग ने प्राइमरी और अपर प्राइमरी क्लास के छात्रों के लिए ई-मैगजीन की अवधारणा लाने के लिए टाटा ट्रस्ट के साथ मिलकर काम करने का करार किया है। यह ई-मैगजीन सप्ताह में दो बार छात्रों और शिक्षकों तक पहुंचेगी जिसका वो लाभ उठा सकेंगे।
ई-पत्रिका का पहला संस्करण 30 जून हुआ जारी
इस ई-मैगजीन का नाम लाइब्रेरी खिड़की है जिसमें 3 से 14 साल की उम्र के बच्चों के लिए कविता और कहानियों के रूप में सामग्री दी गई है। ई-लर्निग की इस वेबसाइट में मैटेरियल यानी सामग्री टेक्स्ट, ऑडियो और वीडियो के रूप में उपलब्ध होगी जो अभिभावकों और शिक्षकों के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और दीक्षा एप के माध्यम से उपलब्ध है। गौर हो कि ई-पत्रिका का पहला संस्करण 30 जून को जारी किया गया था।
मकसद बच्चों का सर्वांगीण विकास
यूपी में ई-मैगजीन प्रोजेक्ट की देखरेख करने वाले टाटा ट्रस्ट के शिक्षा अधिकारी विशम्भर के मुताबिक इस नवाचार के माध्यम से बच्चों के लिए पुस्तकालय, कला, जीवन कौशल शिक्षा जैसे विषयों के लिए ई-सामग्री साझा की जाएगी। अतिरिक्त निदेशक (शिक्षा) ललिता प्रदीप ने कहा कि इस तरह की समृद्ध सामग्री के जरिए बच्चों और उनके पर्यावरण तक पहुंचना एक बहुत ही अभिनव अवधारणा है। यूपी बच्चों के सर्वांगीण विकास सुनिश्चित करने के लिए ऐसा वैकल्पिक समाधान देने वाला राजस्थान के बाद दूसरा राज्य है।
रोचक अंदाज के जरिए सामग्री
यह ई मैगजीन हफ्ते में दो बार शिक्षकों और विद्यार्थियों के लिए पब्लिश की जाती है। हर संस्करण में चार हिस्से होते है। तीन हिस्सा विद्यार्थियों के लिए और एक हिस्सा शिक्षकों को समर्पित होता है। लाइब्रेरी खिड़की के जरिए कविता और कहानियों को बड़े ही रोचक अंदाज में परोसा जाता है। यह सामग्री 3 से 14 साल के बच्चों को ध्यान में रखकर बनाया गया है।
कहां उपलब्ध होगी यह
यह शिक्षकों को उनके मोबाइल पर उपलब्ध कराई जाएगी जिसे वे मोबाइल के माध्यम से छात्रों को उपलब्ध करा देंगे। यह बच्चों को पढ़ने के लिए उत्सुक करेगी। इस ई मैगजीन में कहानियों को पढ़ने का तरीका बहुत रोचक है। एक कार्टून और कुछ लाइनों के जरिए कहानी का संदर्भ दिया गया है। जैसे ही आप उसपर क्लिक करते है पूरी कहानी खुल जाती है। कहानियों को कैसे दिलचस्प बनाया जाए, उनका चयन किस आधार पर किया जाए इन सब बातों को भी इसमें दर्शाया गया है। कुल मिलाकर कहानी और कविताओं की यह रोचक सीरीज यकीनन छात्रों के साथ शिक्षकों को पसंद आएगी।