CM योगी पर 2017 दोहराने का दबाव, सपा की घेरेबंदी में इस बार चुनौती नहीं आसान

इलेक्शन
आलोक राव
Updated Jan 27, 2022 | 19:36 IST

Profile of Yogi Adityanath: उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले में जन्में अजय मोहन सिंह बिष्ट की राजनीतिक यात्रा भी काफी दिलचस्प है। 1994 में गोरक्षपंथ की दीक्षा लेने से पहले योगी आदित्यनाथ की मुलाकात दो से तीन बार तत्कालीन गोरक्षनाथ मंदिर के पीठाधीश्वर अवैद्यानाथ से हो चुकी थी।

BJP CM Face Yogi adityanaty profile UP assembly elections 2022
भाजपा इस बार सीएम योगी के नेतृत्व में यूपी का चुनाव लड़ रही है। 

Profile of Yogi Adityanath : 19 मार्च 2017 को देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश की कमान अपने हाथ में लेने वाले योगी आदित्यनाथ सीएम के रूप में अपनी दूसरी पारी के लिए चुनावी अखाड़े में है। प्रदेश के 21वें सीएम के रूप में खुद को दोहराने की इस बार की उनकी राह आसान नहीं है। समाजवादी पार्टी ने इस बार पूर्व से लेकर पश्चिम तक भाजपा की घेरेबंदी की है, बावजूद इसके भगवा पार्टी अपने इस प्रखर हिंदुत्ववादी चेहरे को लेकर पर पूरी तरह से आशान्वित है। भाजपा को पूरा यकीन है कि पिछले पांच साल के विकास कार्यों एवं कल्याणकारी नीतियों का फायदा उसे इस बार के चुनाव में मिलेगा। 

योगी सरकार ने अपनी कार्यशैली से देश और दुनिया में प्रदेश की एक सकारात्मक छवि पेश की है, राज्य के बारे में पुराने नजरिए में बदलाव आया है। भय, भ्रष्टाचार मुक्त समाज एवं प्रशासन के लिए लोग एक बार फिर योगी को सीएम के रूप में चुनेंगे। भाजपा के इन दावों की असली परीक्षा में सात चरणों के चुनाव में होगी। सीएम योगी की अगर बात करें तो मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद उन्होंने अपनी छवि एक सख्त प्रशासक की बनाई। फैसले लेने में कोई देरी नहीं की। प्रदेश में कानून-व्यवस्था का राज कायम करने के लिए प्रशासन को उचित कार्रवाई करने की छूट दी। इससे अपराध, भ्रष्टाचार पर अंकुश लगा। प्रशासन में पारदर्शिता आई। इससे लोगों में सरकार के प्रति विश्वास जगा।

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माफियाओं, अपराधियों पर कार्रवाई और राज्य की अर्थव्यवस्था एवं कारोबार के विकास के लिए सुधारात्मक कदमों एवं नई पहलों से उद्यमियों में एक विश्वास आया। पहले की  सरकारों में उद्यमी एवं कारोबारी यूपी का रुख करने में हिचकते थे लेकिन योगी सरकार में राज्य में निवेश एवं कारोबार की स्थिति बेहतर हुई। 

उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले के पंचूर गांव में 5 जून, 1975 को जन्मे अजय मोहन सिंह बिष्ट की राजनीतिक यात्रा भी काफी दिलचस्प है। 1994 में गोरक्षपंथ की दीक्षा लेने से पहले योगी आदित्यनाथ की मुलाकात दो से तीन बार तत्कालीन गोरक्षनाथ मंदिर के पीठाधीश्वर अवैद्यानाथ से हो चुकी थी। आदित्यनाथ पर नाथ पंथ की विचारधारा से प्रभावित हुए और फिर बाद में घर वालों को बिना बताए गोरखपुर चले आए। अपने गुरु अवैद्यनाथ से इन्होंने नाथ पंथ की दीक्षा ली। साल 1998 में पहली बार गोरखपुर सीट से सांसद चुने गए। 26 साल की उम्र में सबसे युवा सांसद बनने का रिकॉर्ड भी आदित्यनाथ के नाम है। 

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1998 से लेकर 2017 तक करीब 19 साल तक गोरखपुर के सांसद रहे। एक सांसद के रूप में वह संसद की दर्जन भर समितियों के सदस्य के रूप में अपना योगदान दिया। सांसद बनने के बाद आदित्यनाथ अपनी प्रखर हिंदुत्ववादी चेतना एवं विचारधारा के लिए जाने लगे। हरिशंकर तिवारी जैसे पूर्वांचल के बाहुबलियों की चुनौतियों एवं दबदबे से ये घबराए नहीं। उनका डटकर मुकाबला किया। उस दौर में हिंदुओं पर होने वाले अत्याचार एवं अन्याय के खिलाफ आदित्यनाथ ने आवाज उठाई। उनके लिए संघर्ष किया। डराने के लिए इन पर जानलेवा हमले हुए। गिरफ्तार किया गया लेकिन इन्होंने हालात से समझौता नहीं किया। इन संघर्षों ने आदित्यनाथ को एक प्रखर एवं कट्टरवादी हिंदुत्ववादी नेता के रूप में प्रतिष्ठित किया।

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