अब रिश्तेदार आएंगे भाजपा के काम ! पश्चिमी यूपी में जाट वोटरों को साधने की नई जुगत

इलेक्शन
प्रशांत श्रीवास्तव
Updated Jan 28, 2022 | 17:47 IST

UP Assembly Election 2022: पश्चिमी यूपी में जाट वोटरों को लुभाने में हरियाण भाजपा के जाट नेताओं को जमीन पर उतारने की तैयारी है। कई नेताओं की इस क्षेत्र में रिश्तेदारियां भी हैं।

AMIT SHAH AND Capt Abhimanyu
गृह मंत्री अमित शाह के साथ कैप्टन अभिमन्यु  |  तस्वीर साभार: Twitter
मुख्य बातें
  • हरियाणा और पश्चिमी यूपी के जाट समुदाय की आपस में रिश्तेदारियां हैं।
  • हरियाण के जाट नेता कैप्टन अभिमन्यु इन दिनों गृह मंत्री अमित शाह के साथ पश्चिमी यूपी में लगातार मौजूद हैं।
  • पश्चिमी यूपी में करीब 17-18 फीसदी जाट समुदाय की आबादी हैं।


नई दिल्ली: पश्चिमी यूपी में उत्तर प्रदेश के पहले चरण के चुनाव के लिए भाजपा ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। गृह मंत्री अमित शाह खुद कैराना, मथुरा, नोएडा सहित कई इलाकों में डोर-टू-डोर कैंपेन कर रहे हैं। हालांकि इसके बावजूद पार्टी के कई उम्मीदवारों को जमीनी स्तर पर विरोध का भी सामना करना पड़ रहा है। खास तौर से जाट समुदाय की नाराजगी का पार्टी को सबसे ज्यादा डर है। ऐसे में उसे रिझाने के लिए भाजपा ने रोटी-बेटी का दांव चला है। यानी पार्टी रिश्तेदारों के जरिए, अपने पक्ष में समर्थन जुटाने की तैयारी में है। और इसमें हरियाणा  के जाट नेता पार्टी के काम आ सकते हैं।

कैप्टन अभिमन्यु को कमान

असल में पश्चिमी यूपी में करीब 17 फीसदी आबादी है और वहां के जाट समुदाय की हरियाणा में रिश्तेदारियां भी हैं। ऐसे में भाजपा इसी रिश्तेदारी का फायदा उठाना चाहती है। जिससे हरियाणा के जाट नेता पार्टी की मदद कर सकते हैं। इसीलिए पार्टी ने एक बार फिर हरियाणा से भाजपा के जाट नेता और पूर्व वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु को पश्चिमी यूपी की कमान सौंपी है। वह पश्चिमी यूपी में गृह मंत्री अमित शाह के साथ हर रैली में नजर आ रहे हैं। यहां तक कि भाजपा सांसद परवेश वर्मा के घर दिल्ली में पश्चिमी यूपी के जाट नेताओं की बैठक कराने में भी कैप्टन अभिमन्यु की अहम भूमिका रही है।

इन नेताओं का पश्चिमी यूपी में लग सकता है जमवाड़ा

इसी कड़ी में हरियाण भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़, पूर्व अध्यक्ष सुभाष बराला, सांसद बीजेंद्र सिंह, सांसद धर्मवीर सिंह, मंत्री जे.पी.दलाल और हरियाणा सरकार में भाजपा के साझेदार और जजपा नेता उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला भी पश्चिमी यूपी में भाजपा के लिए न केवल चुनाव प्रचार कर सकते हैं। बल्कि अपने रिश्तेदारों के जरिए भाजपा के प्रति समर्थन जुटाने का काम कर सकते हैं।

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पश्चिमी यूपी क्यों अहम

असल में हर बार पश्चिमी यूपी से चुनावों की शुरूआत होती है। और चुनावों का मोमेंटम भी वहीं से बनता है। पश्चिमी यूपी में जाट करीब 100 विधानसभा सीट पर सीधा असर रखते हैं। इसमें 40 के करीब सीट ऐसी हैं, जहां वह निर्णायक भूमिका में रहते हैं। ऐसे में भाजपा किसान आंदोलन और समाजवादी पार्टी-आरएलडी गठबंधन के बाद बदले समीकरण को देखते हुए, जाटों की नाराजगी दूर करना चाहती है। जिससे कि 2017 का इतिहास दोहराया जा सके। उस समय पार्टी ने करीब 80 सीटें जीती थीं।

जाट समुदाय के समर्थन का ही असर है कि भाजपा के पास 3 जाट सांसद और 14 विधायक हैं। इस बार भी भाजपा ने 17 जाट नेताओं को टिकट दिए हैं। ऐसे में भाजपा कैराना, जाट नेताओं के साथ बैठक से लेकर कानून-व्यवस्था के नाम पर जीत हासिल करना चाहती है। और उसके लिए हर दांव चलने के लिए भी तैयार है। 

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