Congress Defeat:विधानसभा चुनाव में करारी हार पर कांग्रेस लीडरश‍िप को लेकर उठ रहे सवाल, CWC में तलाशी जाएंगी वजहें-VIDEO

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रवि वैश्य
Updated Mar 13, 2022 | 00:47 IST

Congress Defeat Reason: कांग्रेस की लीडरश‍िप पर सवाल उठ रहे हैं, यूपी में इस बार पार्टी की सबसे बड़ी हार हुई है, तमाम उम्‍मीदवारों की जमानत जब्‍त हो गई वहीं पंजाब में भी यही स्‍थ‍ित‍ि सामने आई है।

Congress Defeat
CWC मीटिंग में हार के कारणों पर होगा मंथन  

Congress Working Committee Meeting on Congress Defeat  : हालिया विधानसभा चुनावों (Asssembly Election) में करारी शिकस्त का सामना करने के बाद कांग्रेस कार्य समिति (CWC Meeting) की बैठक संडे को होगी जिसमें हार के कारणों की समीक्षा और आगे की रणनीति पर चर्चा की जाएगी, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने संडे शाम चार बजे सीडब्ल्यूसी की बैठक बुलाई है।

कांग्रेस की शीर्ष नीति निर्धारक इकाई CWC की बैठक ऐसे समय होने जा रही है जब कांग्रेस ने पंजाब में सत्ता गंवा दी और उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में भी उसे करारी हार का सामना करना पड़ा है।

CWC से पहले कांग्रेस संसदीय दल (CPP) की अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने संडे सुबह 10.30 बजे पार्टी के संसदीय रणनीति समूह की बैठक 10 जनपथ पर बुलाई है, गौर हो कि संडे शाम कांग्रेस कार्यसमिति की भी बैठक होनी है।

इन विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की करारी हार के बाद पार्टी के 'जी 23' समूह (G-23 Group) के कई नेताओं ने भी शुक्रवार को बैठक की जिसमें आगे की रणनीति को लेकर चर्चा की गयी। राज्यसभा के पूर्व नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद के आवास पर हुई इस बैठक में कपिल सिब्बल, आनंद शर्मा और मनीष तिवारी शामिल हुए।


सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस कार्य समिति में शामिल 'जी 23' के नेता सीडब्ल्यूसी की बैठक में चुनावी हार का मुद्दा और पार्टी संगठन में जरूरी बदलाव और जवाबदेही सुनिश्चित करने की अपनी पुरानी मांग उठा सकते हैं। ‘जी 23' समूह प्रमुख सदस्य गुलाम नबी आजाद और आनंद शर्मा कांग्रेस कार्य समिति में शामिल हैं। 

कांग्रेस के 'जी 23' समूह में शामिल नेताओं ने अगस्त, 2020 में पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर कांग्रेस में सक्रिय अध्यक्ष और संगठन में आमूल-चूल परिवर्तन की मांग की थी। इस समूह के दो नेता जितिन प्रसाद और योगानंद शास्त्री अब कांग्रेस छोड़ चुके हैं।

UP में कांग्रेस की 148 महिला प्रत्याशियों में से महज एक को मिली जीत

'लड़की हूं, लड़ सकती हूं' के नारे के साथ चुनाव मैदान में संघर्ष का प्रतीक बनकर उतरने वाली कांग्रेस की स्टार महिला प्रत्याशी अपनी जमानत बचाने में नाकामयाब रहीं और इनमें से प्रत्येक तीन हजार से भी कम वोट हासिल कर पाईं।कांग्रेस ने इस विधानसभा चुनाव में 148 महिला प्रत्याशियों को मैदान में उतारा था, जिसमें से केवल एक कांग्रेस विधानमंडल की नेता अराधना मिश्रा मोना ही जीत हासिल कर पायीं।

चुनाव में 40% टिकट महिलाओं को देने की बात 

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने आधी आबादी को प्रतिनिधित्व देने के लिए चुनाव में चालीस प्रतिशत टिकट महिलाओं को देने की बात कही थी और उन्होंने अपने वादे को पूरा भी किया।

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प्रियंका ने अपने वादे के अनुसार समाज में संघर्ष करने वाली महिलाओं को उप्र विधानसभा चुनाव में टिकट देने के साथ-साथ उनके लिए प्रचार किया और अपने कार्यकर्ताओं की टीम को भी उनकी मदद के लिए मैदान में उतारा, लेकिन कांग्रेस की ये स्टार महिला प्रत्याशी पार्टी के लिए कुछ खास नहीं कर सकीं और अपनी जमानत तक नहीं बचा सकीं और दो से तीन हजार मतों के बीच ही सिमट गयीं।

उन्नाव बलात्कार कांड की पीड़िता की मां को टिकट 

उन्नाव की सदर सीट से कांग्रेस ने उन्नाव बलात्कार कांड की पीड़िता की मां आशा देवी को टिकट दिया। उनके चुनाव प्रचार में कांग्रेस ने अपने राजस्थान और मध्य प्रदेश के कार्यकर्ताओं की टीम को भी लगाया, लेकिन आशा देवी केवल 1555 वोट पा सकीं।इतने कम वोट पाने के बारे में जब आशा देवी की बेटी से बात की गयी तो उन्होंने कहा, 'मेरी मां चुनाव जरूर हार गयी हैं, लेकिन हम महिलाओं और पीड़ितों के संघर्ष में उनका साथ देने और उनकी आवाज बनने से पीछे नहीं हटेंगे । हमारा संघर्ष लगातार जारी रहेगा और हम अपने क्षेत्र में जनता के लिए काम करते रहेंगे।'

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