Election Commision on Video Van: निर्वाचन आयोग ने पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों में प्रचार (election campaign) के लिए वीडियो वैन के इस्तेमाल (Use of Video Van) से जुड़े दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। इसके तहत वीडियो वैन के किसी भी स्थल पर 30 मिनट से ज्यादा समय तक रुकने पर पाबंदी लगाई गई है। कोरोना संक्रमण का प्रसार रोकने के लिए निर्वाचन आयोग (Election Commission) ने रैलियों के आयोजन पर लगा प्रतिबंध 31 जनवरी तक बढ़ा दिया था। हालांकि, आयोग ने शनिवार को खुली जगहों पर कोविड प्रोटोकॉल (Covid Protocol) के पालन के साथ अधिकतम 500 दर्शकों की मौजूदगी में वीडियो वैन के जरिये प्रचार करने की इजाजत दी थी।
आयोग ने सभी मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को एक पत्र जारी कर राजनीतिक दलों द्वारा वीडियो वैन के इस्तेमाल से जुड़े दिशा-निर्देश भी जारी किए थे।पत्र में कहा गया है, 'राजनीतिक दलों द्वारा वीडियो वैन का इस्तेमाल उनकी योजनाओं और घोषणाओं के प्रचार के लिए किया जा सकता है। इनके जरिये किसी प्रत्याशी विशेष के लिए वोट या समर्थन नहीं मांगा जा सकेगा।'
पत्र में स्पष्ट किया गया है कि अगर वीडियो वैन का प्रयोग किसी उम्मीदवार के प्रचार के लिए किया जाता है तो उसका खर्च संबंधित उम्मीदवार के खाते में दर्ज किया जाएगा। चुनाव पर्यवेक्षकों को ऐसे खर्चों पर करीबी नजर रखने का निर्देश दिया गया है।
निर्वाचन आयोग ने कहा है कि वीडियो वैन से सुबह आठ से रात आठ बजे के बीच ही प्रचार किया जा सकेगा। रैलियों और रोड शो के आयोजन में इन वाहनों के इस्तेमाल की अनुमति नहीं होगी। आयोग के मुताबिक, राजनीतिक दलों के बाजारों और भीड़भाड़ वाले इलाकों में वीडियो वैन के जरिये अपनी प्रचार सामग्री का प्रदर्शन करने पर भी रोक रहेगी।
निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट किया है कि वीडियो वैन किसी भी प्रचार स्थल पर 30 मिनट से अधिक समय तक नहीं रुके, यह सुनिश्चित करना संबंधित राजनीतिक दल की जिम्मेदारी होगी। पंजाब, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मणिपुर और गोवा में फरवरी-मार्च में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं।