यूपी :आपराधिक छवि पर चुनाव जीतना आसान, इन 2 दलों से चांस ज्यादा, क्या इस बार बदलेगी परंपरा

UP Assembly Elections 2022: उत्तर प्रदेश में आपराधिक छवि के साथ चुनाव जीतना ज्यादा आसान है। इस बात का खुुलासा एडीआर की रिपोर्ट में हुआ है। ऐसे में क्या 2022 का चुनाव इस छवि को बदलने वाला होगा, यह सबसे बड़ा सवाल है?

UP Election Bahubali
फाइल फोटो: यूपी में बाहुबलियों का प्रभुत्व रहा है। 
मुख्य बातें
  • उत्तर प्रदेश के मौजूदा 45 विधायकों पर एमपी-एमएलए कोर्ट में आरोप तय हो गए हैं।
  • आपराधिक छवि वाले उम्मीदवार अगर भाजपा, सपा और बसपा से चुनाव लड़ते हैं तो उनके जीतने की संभावना सबसे ज्यादा रहती है।
  • साफ छवि के साथ चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों के जीत की संभावना कम हो जाती है।

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश में आपराधिक छवि पर चुनाव जीतना कहीं आसान है। इस बात का खुलासा एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स की ताजा रिपोर्ट में हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार अगर कोई उम्मीदवार आपराधिक छवि का है तो उसके चुनाव में जीतने की संभावना 16 फीसदी तक है। जबकि साफ छवि वाले उम्मीदवार की केवल 5 फीसदी संभावना रहती है। 

उसमें भी अगर किसी आपराधिक छवि वाले उम्मीदवार को किसी मजबूत राजनीतिक दल से टिकट मिल जाय तो उसकी जीत की संभवाना 48 फीसदी तक पहुंच जाती है। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या अपराधियों के आतंक का खात्मा करने का दावा करने वाली भाजपा, इस बार नई परंपरा का नेतृत्व कर पाएंगी और 2022 के चुनावों में प्रदेश की परंपरा बदलेगी।

भाजपा और सपा के टिकट पर जीत की संभावना सबसे ज्यादा

2004 से 2017 तक के चुनावों (लोकसभा और विधानसभा) का विश्लेषण के आधार पर एडीआर ने जो रिपोर्ट जारी की है, उसके अनुसार आपराधिक छवि वाले उम्मीदवार अगर भाजपा के टिकट से चुनाव लड़ते हैं  तो उनके जीतने की संभावना 48 फीसदी रही है। वहीं समाजवादी पार्टी के टिकट से 34 फीसदी जीत की संभावना, बसपा के टिकट पर 24 फीसदी संभावना और कांग्रेस के टिकट पर 10 फीसदी संभावना है।

ये भी पढ़ें : UP: सीएम योगी की ललकार- यह नया यूपी है, अपने धाम भी बनाएगा, माफिया पर बुलडोजर भी चलाएगा

जबकि साफ छवि के साथ उम्मीदवार अगर भाजपा के टिकट से चुनाव लड़ते हैं  तो उनके जीतने की संभावना 37 फीसदी रही है। वहीं समाजवादी पार्टी के टिकट से 31 फीसदी जीत की संभावना, बसपा के टिकट पर 25 फीसदी संभावना और कांग्रेस के टिकट पर 7 फीसदी संभावना है।

45 विधायकों का कटेगा टिकट ?

एडीआर की एक और रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश के मौजूदा 45 विधायकों पर एमपी-एमएलए कोर्ट में आरोप तय हो गए हैं। आरपी अधिनियम (रिप्रेजेन्टेशन ऑफ पीपुल एक्ट/लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम) 1951 की धारा 8(1), (2) और (3) के तहत सूचीबद्ध अपराधों में ये आरोप तय हुए हैं। ऐसे में उत्तर प्रदेश के 396 में से 45 विधायकों के चुनाव लड़ने पर संकट गहरा गया है। इन 45 विधायकों में से भाजपा के 32, सपा के 5, बसपा-अपना दल के 3-3 और कांग्रेस व अन्य दल के एक-एक विधायक शामिल हैं।

ये भी पढ़ें: Mukhtar Ansari के बड़े भाई ने थामा सपा का दामन, अंबिका चौधरी ने भी की 'घर वापसी'

विधायकों के नाम और रिपोर्ट पढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें..
https://adrindia.org/content/uttar-pradesh-assembly-election-2017-analysis-sitting-mlas-against-whom-charges-have-been-0

अगली खबर