Fazilnagar: उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले की फाजिलनगर विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) से आए पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य को उम्मीदवार बनाया है। बीजेपी ने इस विधानसभा सीट से सुरेंद्र कुशवाह को उम्मीदवार बनाया है। बीजेपी ने विधायक गंगा सिंह कुशवाह की जगह उनके बेटे को टिकट दिया है। गंगा सिंह को बीजेपी ने 2012 और 2017 में उम्मीदवार बनाया था, वो दोनों बार जीते थे।
2012 में इस सीट पर 55.30 प्रतिशत मतदान हुआ था। गंगा सिंह को 49,995 वोट मिले थे, दूसरे स्थान पर बसपा के कलमुद्दीन रहे, उन्हें 44,501 वोट मिले। वहीं 2017 में मतदान 56.02 प्रतिशत रहा। इस बार गंगा सिंह को 1,02,778 वोट मिले। सपा के विश्वनाथ को 60,856 वोट मिले।
स्वामी प्रसाद मौर्य की सीट में भी बदलाव हुआ है। वो अभी पडरौना विधानसभा सीट से विधायक हैं। 2017 विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी में शामिल हुए स्वामी प्रसाद मौर्य योगी आदित्यनाथ सरकार में श्रम और रोजगार मंत्री थे। पिछले महीने ही वो सपा में शामिल हुए हैं।
क्या सौदेबाजी कर रहे थे स्वामी प्रसाद मौर्य? भाजपा के वरिष्ठ पदाधिकारी के दावे से तो यही लगता है
बीजेपी ने चला था दांव
हाल ही में कांग्रेस से आए आरपीएन सिंह बीजेपी में शामिल हुए हैं। इसके बाद कयास लगाए जाने लगे थे कि भाजपा ने स्वामी प्रसाद मौर्य से झटका खाने के बाद उन्हें पटखनी देने के लिए बड़ा दांव चला है। पार्टी ने स्वामी प्रसाद मौर्य के चिर-परिचित प्रतिद्वंदी आरपीएन सिंह को शामिल कर लिया है। ऐसी संभावना बन गई थी कि पडरौना का चुनाव आरपीएन बनाम स्वामी प्रसाद होने वाला है। लेकिन सपा ने अब मौर्य की सीट बदल दी है।
ऐसा रहा मुकाबला
दोनों का पहली बार 2009 लोकसभा चुनाव में आमना-सामना हुआ था। इस चुनाव में आरपीएन सिंह ने स्वामी प्रसाद मौर्य को 20 हजार से ज्यादा मतों से हरा दिया था। लोकसभा चुनाव जीतने के बाद पडरौना सीट आरपीएन को छोड़नी पड़ी। और वहां से उन्होंने अपनी मां श्रीमती मोहिनी देवी को चुनाव मैदान में उतारा। लेकिन इस बार स्वामी प्रसाद मौर्य ने बाजी मारी और वह पडरौना से चुने गए। इसके बाद मौर्य 2012 में बसपा और 2017 में भाजपा के टिकट पर पडरौना से चुनाव जीते।