हास्य मंच से सियासत के मंच तक, इस तरह से बदल गई भगवंत मान और नवजोत सिंह सिद्धू की भूमिका

इलेक्शन
ललित राय
Updated Mar 11, 2022 | 13:06 IST

10 मार्च को पंजाब के बारे में एग्जिट पोल के नतीजे सटीक साबित हुए। पंजाब में अगली सरकार आम आदमी पार्टी की बनने जा रही है जिसके मुखिया भगवंत मान होंगे। सियासत में आने से पहले वो स्टैंड अप कॉमेडियन के तौर पर छाप छोड़ी। करीब ढाई दशक पहले उस हास्य शो को कोई कैसे भूल सकता है जिसमें भगवंत मान को जज करने का का नवजोत सिंह सिद्धू किया करते थे। लेकिन अब तस्वीर बदल गई है।

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हास्य मंच से सियासत के मंच तक, इस तरह से बदल गई भगवंत मान और नवजोत सिंह सिद्धू 
मुख्य बातें
  • पंजाब के सीएम होंगे भगवंत मान
  • नवजोत सिंह सिद्धू अमृतसर ईस्ट से हार चुके हैं अपना चुनाव
  • एक हास्य शो में भगवंत मान कंटेंस्टेंट और नवजोत सिंह सिद्धू जज हुआ करते थे।

पंजाब के भावी सीएम भगवंत मान ने कभी सोचा नहीं होगा कि सियासत की पारी उनके लिए इतनी कामयाब होगी। पंजाब की जनता ने उनकी पार्टी पर भरोसा किया और उनकी पार्टी ने खुद उनके ऊपर भरोसा जताया। कहानी यहीं से फ्लैश बैक में जाती है। कॉमेडियन के तौर पर पंजाब से आने वाला एक नौजवान एक हास्य शो में कंटेंस्टेंट के तौर पर शामिल होता है। उस हास्य शो में नवजोत सिंह सिद्धू और शेखर सुमन जज की भूमिका में  होते हैं। नवजोत सिंह सिद्धू जज के तौर पर भगवंत मान की शब्दावली और भावभंगिमा को जज करने का काम करते हैं। गुजरते समय के साथ दोनों की सियासी पारी शुरू होती है। सियासी सफर में जहां अब भगवंत मान को सीएम के तौर मुकाम हासिल हो चुका है, वहीं नवजोत सिंह सिद्धू चुनावी रेस से भी बाहर हो चुके हैं ।

ढाई दशक बाद बदल गई भूमिका
सियासी लड़ाई में उतरने से पहले नवजोत सिंह पूरी तरह से हास्य मंचों पर जज की भूमिका में सेवा देते थे। भगवंत मान से वो सीधे तौर पर हास्य शो में ही रूबरू हुए थे। लेकिन शायद सिद्धू को यह अंदेशा नहीं रहा होगा कि जिस शख्स की हास्य प्रतिभा को वो जज कर रहे हैं वो एक दिन उन्हीं के सूबे का सीएम बन जाएगा। सियासी लड़ाई में कभी कुछ भी स्थिर नहीं होता। सियासी चेहरे गतिशील होते हैं अगर ऐसा ना होता तो बीजेपी के साथ सियासी पारी शुरू करने वाले नवजोत सिंह सिद्धू कांग्रेस का हिस्सा ना होते। यदि अगर ऐसा नहीं होता तो भगवंत मान की राजनीतिक पारी की शुरुआत ना होती। संसद का हिस्सा सिद्धू और भगवंत मान दोनों बने और उसके बाद दोनों पंजाब में सियासत का हिस्सा बने। 


जनता की नजरों में सिद्धू से मान रहे बीस

नवजोत सिंह सिद्धू के हाथ में पंजाब कांग्रेस की कमान थी तो भगवंत मान आम आदमी पार्टी के चेहरा बने। चुनावी प्रचार के दौरान जब सवाल उठने लगे कि अरविंद केजरीवाल तो खुद पंजाब का सीएम बनना चाहते हैं तो आम आदमी पार्टी ने ऐलान किया कि वो पंजाब की जनता की पसंद के मुताबिक सीएम का चेहरा देंगे। आप ने सार्वजनिक तौर पर लोगों से राय मांगी और जनता को भगवंत मान पंजाब के लिए मुफीद चेहरा नजर आए। इसके साथ ही आप ने एक मुकाबला भगवंत मान और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच भी कराया जिसमें मान, सिद्धू के मुकाबले अव्वल आए।

अब यह तो तय हो चुका था कि अगर आम आदमी पार्टी सरकार बनाने में कामयाब होती है तो भगवंत मान सीएम बनेंगे। लेकिन कांग्रेस में ऊहापोह की स्थिति बनी हुई थी। 'आप' की तर्ज पर जब कांग्रेस पर दबाव बढ़ा तो राहुल गांधी ने सार्वजनिक तौर पर सीएम के चेहरे का ऐलान किया।  लेकिन उस रेस में चरणजीत सिंह चन्नी, नवजोत सिंह सिद्धू पर भारी पड़े। अब जब पंजाब विधानसभा के नतीजे सामने आ चुके हैं तो नवजोत सिंह सिद्धू हारे हुए प्रत्याशियों की सूची में हैं और भगवंत मान सीएम की कुर्सी पर विराजने जा रहे हैं। 

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