Goa: 'इस बार तुरंत लेंगे एक्‍शन', राहुल गांधी के इस बयान के क्‍या हैं मायने? क्‍या कांग्रेस ने 2017 से ले लिया सबक?

गोवा में राहुल गांधी ने कहा कि इस बार सरकार गठन के लिए तुरंत कदम उठाए जाएंगे। उनके इस बयान को 2017 की कांग्रेस की उस विफलता से जोड़कर देखा जा रहा है, जब सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरने के बाद भी कांग्रेस यहां सरकार नहीं बना पाई थी।

तो क्‍या कांग्रेस ने ले लिया 2017 से सबक? राहुल गांधी के इस बयान के क्‍या हैं मायने?
तो क्‍या कांग्रेस ने ले लिया 2017 से सबक? राहुल गांधी के इस बयान के क्‍या हैं मायने?  |  तस्वीर साभार: ANI

पणजी : कांग्रेस नेता राहुल गांधी शुक्रवार को गोवा पहुंचे, जहां उन्‍होंने 2022 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत को लेकर भरोसा जताया तो यह भी कहा कि इस बार यहां सरकार गठन को लेकर पार्टी की तरफ से कोई चूक नहीं होगी और इस दिशा में तुरंत कदम उठाए जाएंगे। उनके इस बयान को 2017 में सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरने के बाद भी कांग्रेस द्वारा यहां सरकार न बना पाने की विफलता से जोड़कर देखा जा रहा है, जब बीजेपी ने सबको हैरान करते हुए यहां सरकार का गठन कर लिया था।

राहुल गांधी मडगांव में एक संवाददाता सम्‍मेलन को संबोधित कर रहे थे, जब वह बीजेपी पर जमकर बरसे और पार्टी पर 2017 के गोवा चुनाव में मिले जनादेश की अवहेलना करने का आरोप लगाया। उन्‍होंने कहा, 'यह गोवा का मूल जनादेश नहीं था। गोवा ने पांच साल सरकार चलाने के लिए कांग्रेस पार्टी को चुना था। लेकिन बीजेपी ने भ्रष्‍टाचार और पैसे के दम पर गोवा के जनादेश को चुरा लिया। लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा। कांग्रेस गोवा में सरकार गठन के लिए तुरंत कदम उठाएगी।'

'ED, CBI का दबाव नहीं चलता', उत्‍तराखंड में राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर साधा निशाना

क्‍या हुआ था 2017 में?

यहां गौर हो कि गोवा में 2017 में हुए चुनाव में कांग्रेस ने 17 विधानसभा सीटों पर जीत दर्ज की थी, जबकि बीजेपी ने केवल 13 सीटें जीती थी। लेकिन सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरने के बाद भी कांग्रेस यहां सरकार नहीं बना पाई थी और सभी को लगभग चौंकाते हुए बीजेपी ने चुनाव परिणामों की घोषणा के 12 घंटे के भीतर महाराष्‍ट्रवादी गोमांतक पार्टी (MGP) और गोवा फॉरवर्ड पार्टी (GFP) के साथ मिलकर सरकार बना ली थी, जिसके बाद कांग्रेस में भी असंतोष के सुर उठे थे।

राहुल गांधी का पलटवार, 'PM ने मेरे सवालों का जवाब नहीं दिया, सच बोलने पर कांग्रेस से डरती है बीजेपी'

उस वक्‍त नितिन गडकरी गोवा बीजेपी प्रभारी थे, जिन्‍होंने चुनाव परिणाम की घोषणा के साथ ही सरकार गठन की संभावनाओं का पता लगाना शुरू कर दिया था, जबकि तब कांग्रेस के गोवा प्रभारी रहे दिग्विजय सिंह पर आरोप लगा कि कांग्रेस को हालांकि सरकार गठन के लिए केवल चार विधायकों के समर्थन की आवश्‍यकता थी, जो बीजेपी के मुकाबले कहीं कम थी। लेकिन उन्‍होंने इसमें वह तत्‍परता नहीं दिखाई, जो बीजेपी में देखी गई और इसका नतीजा यहां बीजेपी सरकार के गठन के रूप में सामने आया।

अगली खबर