नई दिल्ली: समाजवादी पार्टी ने काफी मशक्कत के बाद अपनी पहली लिस्ट जारी कर दी है। इस लिस्ट में 159 लोगों को उम्मीदवार बनाया गया है। कुल मिलाकर सपा गठबंधन के 194 उम्मीदवारों की लिस्ट सामने आ चुकी है। लिस्ट में दल-बदलुओं और गैर यादव ओबीसी उम्मीदवारों का बोल-बाला है। साथ ही अखिलेश यादव ने अपने परंपरागत मुस्लिम-यादव वोट बैंक पर भी दांव लगाया है। अखिलेश ने इस बार पार्टी की छवि बदलते हुए गैर यादव ओबीसी कैटेगरी के 50 से ज्यादा उम्मीदवारों को टिकट दिया है। साफ है कि अखिलेश यादव भाजपा के गैर यादव ओबीसी वोट में सेंध लगाने की कोशिश की है।
15 से ज्यादा दल-बदलुओं को टिकट
सपा की लिस्ट में भाजपा, बसपा, कांग्रेस से आए नेताओं को भी अच्छी खासी जगह मिली है। प्रमुख रूप से भाजपा से सपा में शामिल हुए पूर्व मंत्री धर्म सिंह सैनी, प्रसपा प्रमुख और अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल सिंह यादव भी सपा के चुनाव चिन्ह पर लड़ेंगे। प्रमुख नेता जिन्हें सपा में शामिल होने का ंमिला फायदा, देखें लिस्ट
उम्मीदवार का नाम | विधानसभा क्षेत्र |
सुप्रिया ऐरन | बरेली कैंट |
कु. विमलेश | चन्दौसी (एससी) |
ऊषा मौर्य | हुसैनगंज |
सुमन मौर्य | फर्रुखाबाद |
डॉ धर्म सिंह सैनी | नकुड़ |
पंकज मलिक | चरथावल |
असलम चौधरी | धौलाना |
सीताराम कुशवाहा | झांसी |
आरएस कुशवाहा | निघासन |
रोशन लाल वर्मा | तिलहर |
नीरज मौर्य | जलालाबाद |
शिवपाल यादव (सपा के चुनाव चिन्ह पर) | जसवंत नगर |
आरएलडी में भी दलबदलुओं का बोलबाला
सपा की तरह उसके साथी आरएलडी में भी दलबदुलओं को जगह मिली है। भाजपा से आरएलडी में शामिल हुए अवतार सिंह भड़ाना को जेवर, कांग्रेस से आरएलडी में शामिल गजराज सिंह को हापुड़ से, बसपा से आरएलडी में शामिल हुए हाजी युनूस को प्रमुख रुप से बुलंद शहर से टिकट मिला है।
31 मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट
सपा की लिस्ट में मुस्लिम-यादव समीकरण को साधने की कोशिश की गई है। 159 उम्मीदवारों में 31 मुस्लिम 18 यादव पर भरोसा जताया गया है। इसी तरह 11 महिला उम्मीदवारों को मैदान में उतारा गया है। वहीं 7 कुर्मी, सात जाट, चार निषाद, चार गुर्जर उम्मीदवारों को जगह दी गई है। लिस्ट में आठ ब्राह्मण, पांच ठाकुर, छह वैश्य और दो सिख समुदाय के उम्मीदवार पार्टी ने मैदान में उतारे हैं।
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अखिलेश यादव लगा पाएंगे सेंध
पहली सूची से साफ है कि अखिलेश यादव ने परंपरागत मुस्लिम वोटरों को लुभाने के अलावा इस बार ओबीसी वोटरों पर बड़ा दांव लगाया है। इसके तहत उनकी कोशिश भाजपा की परंपरागत गैर यादव ओबीसी वोटरों में सेंध लगाने की कोशिश की है। पहली लिस्ट से साफ है अखिलेश यादव आने वाले लिस्ट में इसी तरह के समीकरण को ध्यान रखेंगे। अब देखना है कि उनकी नई रणनीति मतदाताओं को कितना लुभाती है।