UP Election:चौथे चरण की ये टॉप-6 हॉट सीट, पूर्व ईडी अधिकारी से लेकर, कानून मंत्री तक की साख दांव पर

UP Assembly Election 2022: यूपी में चौथे चरण की वोटिंग में 624 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला होगा। इस चरण में तराई, अवध और बुंदेलखंड में वोटिंग है।

UP Assembly Election 2022 Fourth Phase Voting
यूपी: चौथे चरण की हॉट सीटें 
मुख्य बातें
  • लखीमपुर में हुई हिंसा के निघासन सीट पर सबकी नजर है।
  • लखनऊ की 9 में से 8 सीटें पिछली बार भाजपा ने जीती थीं।
  • रायबरेली से अदिति सिंह इस बार भाजपा के टिकट पर मैदान में है। प्रियंका गांधी का कांग्रेस के गढ़ में चुनावी मैनेजमेंट का भी टेस्ट है।

UP Assembly Election 2022: यूपी में चौथे चरण के लिए आज वोटिंग है। इसके तहत 9 जिलों की 59 सीटों पर  624 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला होगा। इस चरण में उत्तर प्रदेश के तराई, अवध और बुंदेलखंड बेल्ट में वोटिंग होगी। पिछली बार 59 सीटों पर भाजपा का दबदबा था। पार्टी ने पिछली बार 51 सीटों पर जीत हासिल की थी। जबकि एक सीट पर उसके सहयोगी अपना दल (एस) को जीत हासिल हुई थी। वहीं सपा को 4 और कांग्रेस को 2 सीटें हासिल हुईं थीं। इस बार चौथे चरण में लखीमपुर हिंसा में हुई किसानों की मौत, गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे आशीष मिश्रा को जमानत,  कांग्रेस के गढ़ रायबरेली में  पार्टी का प्रदर्शन और कानून व्यवस्था, गन्ना भुगतान, आवरा पशुओं का मुद्दा प्रमुख है। इसके अलावा राजधानी लखनऊ में भी कई दिग्गज मैदान में हैं। आइए जानते हैं इस चरण की 6 हॉट सीटों की स्थिति के बारे में..

निघासन 

लखीमपुर खीरी की यह सीट 3 अक्टूबर को तिकुनियां गांव में हुए हादसे की वजह से चर्चा में हैं। गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा के ऊपर आरोप है कि उन्होंने जानबूझ कर प्रदर्शन कर रहे किसानों के ऊपर गाड़ी चढ़ा दी थी। जिसके बाद हुई हिंसा में 4 किसान सहित 8 लोगों की मौत हो गई थी। ऐसे में इस सीट पर सबकी नजर है। लखीमपुर खीरी से अजय मिश्र सांसद हैं। और 2012 में वह निघासन से ही भाजपा के विधायक रह चुके हैं। 2017 में भी यह सीट भाजपा के पास थी। इस बार भाजपा ने शशांक वर्मा को उम्मीदवार बनाया है। जबकि उन्हें सपा के आरएस कुशवाहा, बसपा के  मनमोहन मौर्य और कांग्रेस के अटल शुक्ला टक्कर दे रहे हैं। शशांक वर्मा पूर्व विधायक रामकुमार वर्मा के बेटे हैं। इस इलाके में ब्राह्मण वोट और ओबीसी मतदाता काफी अहम भूमिका में रहते हैं।

रायबरेली सदर

कांग्रेस के गढ़ रायबरेली से भाजपा ने पूर्व कांग्रेस नेता अदिति सिंह को मैदान में उतारा है। अदिति सिंह प्रियंका गांधी को रायबरेली से लड़ने की चुनौती दे चुकी हैं। उनका दावा है कि अब रायबरेली कांग्रेस का गढ़ नहीं है। जिले की 6 सीटों में से 3 पर भाजपा और 3 पर कांग्रेस का कब्जा था। अदिति सिंह को समाजवादी पार्टी के आरपी यादव हैं, कांग्रेस के मनीष सिंह चौहान और बसपा के मोहम्मद अशरफ टक्कर दे रहे हैं।

सरोजनी नगर सीट

लखनऊ की सरोजनी नगर सीट इस बार कई वजहों से चर्चा में रही है। पहले निवर्तमान विधायक और योगी सरकार में मंत्री स्वाती सिंह और उनके पति दयाशंकर सिंह के दावेदारी से यह सीट चर्चा में रही। उसके बाद भाजपा ने स्वाती सिंह का टिकट काटकर ईडी के पूर्व अधिकारी राजेश्वर सिंह को टिकट देकर सरगर्मियां बढ़ा दी। इस सीट पर समाजवादी पार्टी ने पूर्व मंत्री अभिषेक मिश्रा को मैदान में उतार कर लड़ाई को ब्राह्मण बनाम ठाकुर कर दिया है। कांग्रेस ने रुद्र दमन सिंह तो बसपा ने जलीस खान को मैदान में उतारा है।

लखनऊ पूर्व

भाजपा की परंपरागत सीट पर एक बार फिर आशुतोष टंडन मैदान में हैं। उनके सामने समाजवादी  पार्टी के वरिष्ठ नेता अनुराग भदौरिया मैदान में हैं। भाजपा यहां 1991 से लगातार जीत दर्ज करती आ रही है। कांग्रेस ने छात्र नेता रहे मनोज तिवारी और बीएसपी ने आशीष सिन्हा को मैदान में उतारा है। परंपरागत सीट होने से भाजपा को एक बार फिर जीत का भरोसा है। जबकि सपा महंगाई और कानून व्यवस्था को मुद्दा बनाकर जीत की उम्मीद कर रही है।

लखनऊ कैंट 

लखनऊ की कैंट विधानसभा सीट भी इस बार काफी चर्चा में है। यहां से योगी सरकार के कानून मंत्री बृजेश पाठक मैदान में हैं। बृजेश ने पिछली बार लखनऊ मध्य से चुनाव जीता था लेकि इस बार उनकी सीट बदल गई है। उनके के खिलाफ समाजवादी पार्टी ने सुरेंद्र सिंह गांधी, बसपा ने अनिल पांडेय और कांग्रेस ने दिलप्रीत सिंह को मैदान में उतारा है। 2017 में इस सीट पर भाजपा की डॉ. रीता बहुगुणा जोशी  जीती थी। जो बाद में 2019 लोकसभा सांसद बन गई। इस बार वह अपने  बेटे को भाजपा से टिकट दिलाना चाह रही थी और इसके लिए राजनीति से संन्यास तक लेने की बात कही थी। लेकिन पार्टी ने उनके बेटे को टिकट नहीं दिया।

ऊंचाहार 

रायबरेली की ऊंचाहार सीट पर भारतीय जनता पार्टी ने प्रदेश महामंत्री अमरपाल मौर्या को टिकट दिया है।  जबकि समाजवादी पार्टी ने 2017 में इस सीट पर एक बार फिर से निवर्तमान विधायक मनोज कुमार पांडेय पर  भरोसा जताया है। बहुजन समाज पार्टी ने अंजली मौर्या और कांग्रेस ने अतुल सिंह को यहां से मैदान में उतारा है। पिछली बार ऊंचाहार सीट से स्वामी प्रसाद मौर्य के बेटे भाजपा से उम्मीदवार थे, लेकिन वह चुनाव हार गए थे। इस बार स्वामी प्रसाद मौर्य ने सपा का दामन थाम लिया है। और वह फाजिलनगर से चुनाव लड़ रहे हैं।

UP Election: चौथे चरण में टेनी, किसान से लेकर प्रियंका गांधी फैक्टर का टेस्ट, जानें कौन पड़ेगा भारी

अगली खबर