UP Assembly Election 2022: 'अब त भयवा जनता बताई केकर आई सरकार', कुछ ऐसा है आजमगढ़ का चुनावी मिजाज

इलेक्शन
ललित राय
Updated Feb 15, 2022 | 10:18 IST

आजमगढ़ की सभी 9 सीटों पर सात मार्च 2022 को मतदान होगा। 2022 में क्या खड़ंजा खड़ंजा साइकिल चलेगी या हाथ का पंजा अपना दम दिखाएगा या कमल खिलेगी या इन सबके बीच हाथी सबको रौंदते हुए लखनऊ पहुंच जाएगा, देखना दिलचस्प है।

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UP Assembly Election 2022: 'अब त भयवा जनता बताई केकर आई सरकार', कुछ ऐसा है आजमगढ़ का चुनावी मिजाज 
मुख्य बातें
  • आजमगढ़ में सात मार्च को मतदान होना है।
  • परंपरागत तौर पर आजमगढ़ सपा और बसपा का गढ़ रहा है।
  • यूपी की सभी सीटों के नतीजे 10 मार्च को आएंगे।

उत्तर प्रदेश के अलग अलग हिस्सों की तरह पूर्वांचल का आजमगढ़ जिला ( Election in azamgarh in 7th phase) भी चुनावी बुखार में तप रहा है। अब बुखार चुनावी है तो लोग अपने अपने हिसाब से आकलन भी कर रहे हैं कि 10 मार्च(10th march up counting day) को यूपी की गद्दी पर कौन बैठने जा रहा है। बात अब सीधे सीधे आजमगढ़ के अलग अलग विधानसभा( UP Assembly elections 2022) की करते हैं। आजमगढ़ शहर से महज 10 किमी की दूरी पर एक गांव है किशुनदासपुर। किशुनदासपुर गांव(kishundaspur voters opinion) की चट्टी पर लोगों का जमावड़ा है और मतदान से पहले ही कयास लगाए जा रहे हैं कि इस बार कमल, साइकिल, हाथी या हाथ किसके पास सत्ता होगी। बहस का दौर जारी है कि एकाएक दो लोग आपस में भिड़ जाते हैं। उनमें से एक शख्स कहता है कि इ त समय बताई कि केकर सरकार आई, बेमतलब का बात मत करअ, तू कौनो पार्टी का समर्थक होकअ बात इ ह कि जवन सही होके ओकर बात करे। 

कुछ ऐसा है आजमगढ़ का मिजाज
अब आप इस बयान से समझ सकते हैं कि आजमगढ़ का मिजाज क्या है। किशुनदासपुर से करीब पांच किमी दूर तहबरपुर बाजार है। इस बाजार में चर्चा का विषय चुनाव है। हर दल के समर्थक को लगता है कि इस दफा चुनावी लड़ाई उसके पक्ष में है। समर्थक एक दूसरे से तीखे अंदाज में बात भी करते हैं, कभी कभी माहौल इतना गरम की जैसे मारपीट हो जाए। लेकिन कुछ बुजुर्ग समझाते हैं कि अब लड़ले वड़ले से का फायदा बा, तोहन लोगन बेमतलब क लड़त बाड़न। हालांकि कुछ ऐसे लोग हैं जो निष्पक्ष हैं, उनसे जब चुनावी मिजाज के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार ने आजमगढ़ के विकास के बारे में सोचा है। लेकिन यहां जातिवाद का बोलबाला है। 

सपा, समाजवाद और विकासवाद
बात करते हैं कि आजमगढ़ सदर की। इस सीट पर  समाजवादी पार्टी के दुर्गा प्रसाद यादव का कब्जा रहा है, वो एक बार फिर चुनावी मैदान में हैं। इस सीट के बारे में कहा जाता है कि उन्हें कोई हरा नहीं सकता तो आपके जेहन में आएगा कि शायद उन्होंने बहुत काम किए होंगे। लेकिन यहां कि जनता कुछ और कहती है। लोग कहते हैं कि दुर्गा प्रसाद यादव की सबसे बड़ी कामयाबी यही है कि उनके नाम के आगे यादव है और इस समाज की तादाद ज्यादा है। अब सवाल यह है कि दुर्गा प्रसाद यादव क्या कहते हैं। उनके हिसाब से उनकी जीत में समाज के हर वर्ग का योगदान है। उनसे विकास के बारे में जब सवाल किया जाता है तो वो कहते हैं कि समाजवाद और सामाजिक न्याय ही उनके लिए विकास का पैमाना है। 
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