क्या सौदेबाजी कर रहे थे स्वामी प्रसाद मौर्य? भाजपा के वरिष्ठ पदाधिकारी के दावे से तो यही लगता है

Swami Prasad Maurya News : ओबीसी का बड़ा चेहरा माने जाने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य 2016 के विस चुनावों से ठीक पहले बसपा छोड़कर भाजपा में शामिल हुए। मौर्य बसपा में करीब दो दशक रहे। यूपी की सत्ता में बसपा जब भी आई उन्हें सरकार में महत्वपूर्ण दिया गया।

UP Election 2022: Was Swami Prasad Maurya asking more tickets from BJP?
दो दशक तक बसपा में रह चुके हैं स्वामी प्रसाद मौर्य।  |  तस्वीर साभार: PTI
मुख्य बातें
  • स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा है कि 14 जनवरी को वह सपा में शामिल हो जाएंगे
  • पांच साल तक योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे मौर्य ने अपनाए बागी तेवर
  • रिपोर्टों में कहा गया है कि मौर्य अपने बेटे और समर्थकों के लिए टिकट मांग रहे थे

लखनऊ : उत्तर प्रदेश की राजनीति में पिछले कुछ दिनों से खलबली मची हुई है। चुनाव से ठीक पहले नेताओं का पाला बदलने का क्रम जारी है। भारतीय जनता पार्टी, समाजवादी पार्टी में यह 'खेल' ज्यादा हो रहा है। पाला बदलने की सबसे ज्यादा चर्चा योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य की हो रही है। यूपी की सियासत में मौर्य की पहचान ओबीसी के एक बड़े नेता के रूप में है। मौर्य ने घोषणा की है कि आगामी 14 जनवरी को वह सपा में शामिल होंगे। उनका जाना भाजपा के लिए एक बड़े झटके के रूप में देखा जा रहा है। 

अपने बेटे, अन्य 22 लोगों के लिए टिकट मांग रहे थे मौर्य

ओबीसी नेता ने भाजपा छोड़ने की वजह बताई है कि पांच सालों तक मुद्दों पर उनकी बात नहीं सुनी गई। सरकार ने किसानों, दलितों एवं वंचितों के हितों के खिलाफ काम किया। हालांकि, 'इंडियन एक्सप्रेस' ने भाजपा के उच्च पदाधिकारी के हवाले से बताया है कि मौर्य अपने बेटे उत्कृ्ष्ट को राय बरेली के ऊंचाहार से चुनाव लड़ाना चाहते हैं। वह अपने बेटे के अलावा 22 अन्य लोगों के लिए भाजपा से टिकट की मांग कर रहे थे। इसके लिए पार्टी तैयार नहीं थी। बेटे और अपने समर्थकों को टिकट नहीं मिलता देख, उन्होंने भाजपा छोड़ी है। मौर्य की बेटी संघमित्रा बंदायू से भाजपा सांसद हैं।  

Times Now नवभारत पर बोले मौर्य- हमारी वजह से BJP का 14 साल का वनवास खत्म हुआ था, अब सूपड़ा साफ हो जाएगा

भाजपा ने बातचीत के दरवाजे अभी बंद नहीं किए

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भाजपा का एक धड़ा मौर्य को वापस पार्टी में लाने के लिए उनसे बातचीत कर रहा है। सूत्रों का कहना है कि पार्टी आलाकमान मौर्य की वापसी का दरवाजा अभी बंद नहीं करना चाहता है, बैक चैनल से उन्हें मनाने की कोशिश की जा रही है। सूत्र यह भी कहते हैं मौर्य को दोबारा पार्टी में वापस लाने के लिए यूपी के वरिष्ठ पदाधिकारियों को उनसे बात करने के लिए कहा गया है। एक नेता ने कहा, 'दिल्ली स्थित अमित शाह के कार्यालय का एक वरिष्ठ नेता और यूपी सरकार का वरिष्ठ मंत्री ने बुधवार को मौर्य से बात की।'

UP:स्वामी प्रसाद मौर्य की गिरफ्तारी का वारंट जारी, कल ही दिया है उत्तर प्रदेश कैबिनेट मंत्री पद से इस्तीफा

दो दशक तक बसपा में रह चुके हैं मौर्य

ओबीसी का बड़ा चेहरा माने जाने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य 2016 के विस चुनावों से ठीक पहले बसपा छोड़कर भाजपा में शामिल हुए। मौर्य बसपा में करीब दो दशक रहे। यूपी की सत्ता में बसपा जब भी आई उन्हें सरकार में महत्वपूर्ण दिया गया। वह बसपा के प्रदेश अध्यक्ष भी रहे। बसपा में उनका कद मायावती के बाद दूसरे बड़े नेता के रूप में भी रहा। मायावती ने उन्हें पार्टी का महासचिव भी बनाया था। 2016 में जब वह विपक्ष के नेता थे तो उन्होंने पार्टी का टिकट 'बेचे जाने' का आरोप लगाते हुए बसपा को छोड़ दिया। मौर्य ने अपना पहला चुनाव 1996 में रायबरेली की डालमऊ सीट से बसपा के टिकट पर जीता था। इसके बाद से वह पांच बार विधायक रह चुके हैं।  
 

अगली खबर