UP Election Result 2022: ये हैं कुछ खास चेहरे जिनके लिए लहर का होना ना होना मायने नहीं रखता

इलेक्शन
ललित राय
Updated Mar 12, 2022 | 09:15 IST

यूपी विधानसभा चुनाव 2022 के नतीजे कई मायनों में खास हैं। जहां एक तरफ कई दिग्गजों की हार हुई है तो कई ऐसे चेहरे हैं जिनकी जीत से साफ है कि उनके लिए किसी दल का लहर होना या ना होना मायने नहीं रखता है।

assembly elections 2022, UP Assembly elections 2022, UP Election result 2022, Azam khan, Raghuraj Pratap Singh, Durga Prasad Yadav, Jai Pratap Singh,
UP Election Result 2022: ये हैं कुछ खास चेहरे जिनके लिए लहर का होना या ना होना मायने नहीं रखता 
मुख्य बातें
  • आजम खान, राजा भैया चुनाव जीतने में रहे कामयाब
  • सुरेश खन्ना, दुर्गा प्रसाद यादव को लगातार 9वीं बार जीत
  • फतेह बहादुर सिंह और महबूब अली लगातार जीते

10 मार्च को यूपी विधानसभा चुनाव 2022 के नतीजे जारी किए गए। एक बार फिर मतदाताओं ने बीजेपी में भरोसा जताया। बीजेपी जीत इसलिए भी खास है क्योंकि 37 साल बाद कोई सरकार दोबारा यूपी में आई है। इस चुनाव में सभी दलों के कई दिग्गजों को हार का सामना करना पड़ा। लेकिन कुछ चेहरों की जीत इसलिए खास है क्योंकि उनके लिए किसी दल के लहर का होना या ना होना मायने नहीं रखता। यहां हम कुछ खास चेहरों की बात करेंगे जो एक बार फिर जीत का परचम लहराने में कामयाब रहे हैं। 


आजम खान
आजम खान भ्रष्टाचार के कई मुद्दों में जेल में बंद हैं। लेकिन इस दफा के चुनाव में भी उन्होंने रामपुर सीट से जीत का परचम लहराया है। 2019 में लोकसभा का चुनाव जीतने के बाद उन्होंने विधानसभा की सीट छोड़ दी थी। 2022 में आजम खां इसी सीट से चुनाव लड़े और 10वीं बार जीत हासिल की। 

सुरेश खन्ना- नौवीं बार
योगी सरकार में वित्त मंत्री सुरेश खन्ना की जीत इसलिए खास है क्योंकि वो 9वीं बार विधानसभा में पहुंचने में कामयाब रहे हैं। शाहजहांपुर सीट पर उनका दबदबा इस बार भी बरकरार रहा। इस दफा समाजवादी पार्टी के तनवीर अहमद को मात दी और एक बार फिर लखनऊ तक पहुंचने में कामयाब रहे। 



रघुराज प्रताप सिंह
कुंडा सीट पर राजा भैया के खिलाफ किसी तरह का मुकाबला नहीं होता था। लेकिन इस दफा उन्हें अपने ही शागिर्द रहे गुलशन यादव से चुनौती मिली हालांकि वो छठवीं बार भी विधानसभा में पहुंचने में कामयाब हुए हैं। इससे पहले वो निर्दलीय चुनाव जीता करते थे। लेकिन इस दफा अपनी पार्टी के बैनरतले जीत हासिल की। 

दुर्गा प्रसाद यादव- नौवीं बार

आजमगढ़ सदर सीट से दुर्गा प्रसाद नौवीं पर विधानसभा में पहुंचने में कामयाब रहे हैं। सपा के टिकट पर ये अपनी किस्मत आजमां रहे थे। 1985 में पहली बार वो निर्दलीय चुनाव जीते उसके बाद जनता दल के टिकट पर जीत हासिल की। फिर आगे का सफर समाजवादी पार्टी के साथ शुरू हुआ।

महबूब अली-पांचवीं बार

अमरोहा सीट से महबूब अली लगातार पांचवीं बार विधायक चुने गए हैं। वह पहली बार इस सीट पर 1996 में चुनाव लड़े, लेकिन कामयाबी नहीं मिली थी। उसके बाद से लगातार जीत रहे हैं। 2022 के चुनाव में उन्होंने बीजेपी उम्मीदवार को करीब 71 हजार वोटों से हराया। 

जय प्रताप सिंह जैकी

बांसी रियासत के राजा रहे जय प्रताप सिंह ने एक बार फिर जीत का परचम लहराया है। जय प्रताप 1989 और 1991 का चुनाव निर्दल जीते और फिर भाजपा के टिकट पर अभी तक जीतते आ रहे हैं। उनकी विधानसभा के लोगों का कहना है कि उनके लिए किसी पार्टी से ज्यादा अहम चेहरा है। 

फतेह बहादुर सिंह

पूर्व सीएम रहे वीर बहादुर सिंह के बेटे कैंपियरगंज सीट से विधानसभा में पहुंचने में कामयाब रहे हैं। इससे पहले वो महाराजगंज की पनियरा विधानसभा सीट से विधायक हुआ करते थे। फतेह बहादुर के बारे में कहा जाता है कि वो इतना ज्यादा लोगों से कनेक्ट रहते हैं कि उनके लिए किसी दल की भी जरूरत नहीं है। 

बीजेपी की महिला प्रत्‍याशियों ने लहराया जीत का परचम, लड़की हूं लड़ सकती हूं नारा हुआ धराशायी

अगली खबर