पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव की गरमाहट साफ महसूस हो रही है, इस रण में उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ बीजेपी और विपक्ष ने एक दूसरे के खिलाफ पूरी ताकत झोंक दी है। मुद्दा विकास है...कानून-व्यवस्था भी...और हिंदुत्व भी...। बीजेपी अपनी इस ताकत को पहचानती है...यानी बीजेपी विकास और हिंदुत्व दोनों को साधे हुए है। दिलचस्प ये है कि इस बार होड़ इस बात की है कि कौन सबसे बड़ा हिंदू है। आज से टाइम्स नाउ नवभारत पर हमारा खास शो 'वोट का धर्मचक्र' शुरू हुआ। इस शो में हमारी टीम उत्तर प्रदेश के धार्मिक केंद्रों का रूख करेगी। और लोगों के नब्ज को टटोलेगी तो आज हम वोट के धर्मचक्र में बात करेंगे सीएम योगी के गृह जिले गोरखपुर के गोरखनाथ मंदिर की।
हिंदू धर्म, दर्शन, अध्यात्म और साधना में गोरखधाम पूर्वांचल में प्रमुख स्थान रखता है। करोड़ों की आस्था यहां बसती है, रमती है। हिंदुओं में खास पहचान रखने वाले नाथ सम्प्रदाय का मठ 'गोरक्ष पीठ' हठ योगियों का गढ़ रहा है। गोरखनाथ मंदिर की भव्यता और पवित्र रमणीयता के क्या कहना।धर्म की यही आस्था, श्रद्धा और विश्वास लोगों की धार्मिक संवेदनाओं को संगठित करती है और फिर राजनीति पर इसका असर साफ दिखने लगता है।
योगी आदित्यनाथ प्रदेश, देश और दुनिया के लिए उत्तर प्रदेश के 21 वें मुख्यमंत्री हैं लेकिन वो सीएम के साथ-साथ गोरखनाथ मंदिर के गोरक्षपीठाधीश्वर भी हैं। यही वजह है मठ में उनकी भूमिका मुख्यमंत्री के साथ-साथ गोरक्षपीठाधीश्वर और महंत की भी है।
योगी ने इन दोनों जिम्मेदारियों को पूरे संतुलन के साथ निभाया सीएम बनने के तुरंत बाद ही साल 2017 में गोरखनाथ मंदिर में एक ऐसी व्यवस्था बनाई गई जो लोगों की समस्याओं को सुनती, समझती और फिर एक्शन लेती। यहां फरियादियों की संख्या कभी कम नहीं होती।
गोरखनाथ मंदिर नाथ परंपरा में नाथ मठ समूह का प्रमुख मंदिर है। मंदिर मध्ययुगीन संत गोरखनाथ के नाम पर पड़ा। गोरखनाथ मंदिर उसी स्थान पर स्थित है, जहां संत गोरखनाथ तपस्या किया करते थे। करोड़ों लोगों की आस्था मंदिर से जुड़ी हुई है।
योगी आदित्यनाथ ने अपना सियासी सफर इसी गोरक्षपीठ की आध्यात्मिक धरा से किया और सत्ता के राजयोग में अब वो यूपी के सीएम हैं। योगी ने सियासत के कई कीर्तिमान स्थापित किए। हिंदुत्व के चहरे के रूप में उनकी पहचान उभरी है। देश में चुनाव कहीं हो योगी बीजेपी के स्टार प्रचारक होते हैं। समझना मुश्किल नहीं हिंदू वोटरों पर उनका प्रभाव जबरदस्त है।
सवाल यही है- यूपी का मतदाता खासकर गोरखपुर का किन मुद्दों पर वोट करेगा?
बीजेपी विकास का रथ थामे हुए है और हिंदुत्व का, उसकी सबसे बड़ी ताकत है और जब इन दोनों का राजनीतिक गठजोड़ बनता है तो उसका असर कामयाबी की सक्ल में दिखता है।