वाराणसी : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी उत्तर प्रदेश में वाराणसी के दौरे पर हैं, जहां वह समाजवादी पार्टी और अखिलेश यादव के प्रचार के लिए पहुंची हुई हैं। वह बुधवार को यहां पहुंचीं और एयरपोर्ट से सीधे गंगा घाट के लिए रवाना हुईं, जिस दौरान कई जगह उनका विरोध हुआ और उन्हें काले झंडे दिखाए गए। ममता बनर्जी ने गुरुवार को इन सब पर प्रतिक्रिया दी है और कहा कि वह किसी से डरने वाली नहीं हैं।
ममता बनर्जी वाराणसी में अखिलेश यादव, जयंत चौधरी के साथ एक जनसभा को संबोधित कर रही थीं, जब बुधवार को इसी शहर में अपने साथ पेश हुए वाकये का जिक्र उन्होंने किया और कहा कि वह जीवनभर आम लोगों के लिए संघर्ष करती रही हैं, इस बीच तमाम बाधाओं को उन्होंने पार किया। उन्होंने बुधवार को वाराणसी में उनका वाहन रोकने वालों को लेकर कहा कि उनके दिमाग में गुंडागर्दी के अलावे कुछ नहीं था।
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तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी ने कहा, 'कल (बुधवार) जब मैं एयरपोर्ट से घाट जा रही थी तो मैंने कुछ कार्यकर्ताओं को देखा, जिनके दिमाग में गुंडागर्दी के अतिरिक्त और कुछ भी नहीं था। उन्होंने मेरे वाहन को रोका। मेरी कार पर स्टिक से वार किया और मुझसे लौट जाने को कहा। तब मुझे लगा कि ये (बीजेपी सरकार) तो जा रहे हैं। उन्हें (बीजेपी) बड़ा नुकसान होने जा रहा है और यह उसी की हताशा है।'
टीएमसी नेता ने चेतावनीभरे लहजे में कहा, 'मुझे कोई डर नहीं है। मैं कायर नहीं हूं। मैं योद्धा हूं। मैंने अपने जीवन में कई बार मारपीट और गोलियों का सामना किया है। लेकिन मैं कभी झुकी नहीं। कल जब वे मुझे घेर रहे थे, मैं अपनी कार से नीचे उतरी और उनका सामना किया। मैं देखना चाहती थी कि वे क्या कर सकते हैं। वे कायर हैं।'
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यहां गौर हो कि बुधवार को वाराणसी के चेतगंज और गोदौलिया में ममता बनर्जी के काफिले को कुछ युवकों ने कुछ देर के लिए रोक लिया था। उन्होंने टीएमसी प्रमुख को काले झंडे भी दिखाए। वे 'ममता बनर्जी वापस जाओ, वापस जाओ' के नारा लगा रहे थे और भगवा कपड़े लहरा रहे थे। इसके बावजूद अपनी गाड़ी से उतरीं और नारेबाजी कर रहे युवकों के सामने खड़ी हो गईं। वह कुछ देर तक वहीं खड़ी रहीं और युवकों को देखती रहीं। बाद में वह दशाश्वमेध घाट पर गंगा आरती में शामिल हुईं। आज की जनसभा में ममता बनर्जी ने अपने खिलाफ हुए उसी विरोध-प्रदर्शन का जिक्र किया है।